लखनऊ जायज़ा डेली न्यूज़ अन्जुमन ग़ुंचा मेहदिया के साहेबे बयाज़ रज़ा हुसैन उर्फ़ मंगलू का बीती रात इन्तेक़ाल हो गया। उनके जनाज़े को रईस मंज़िल मे नमाज़े जनाज़ा और मजलिस सय्यदुसशोहदा के बाद करबला मल्का जहाँ ऐशबाग़ में सुपुर्दे ख़ाक कर दिया गया। मरहूम के ईसाले सवाब के लिये मजलिसे पंजुम 17 अगस्त बरोज़ पीर, 8 बजे शब मे रईस मंज़िल वाक़्ये रोजा-ए- हज़रत मुस्लिम में होगी। मरहूम रज़ा हुसैन शिया कालेज डालीगंज में बड़े बाबू के ओहदे से सुबुकदोश थे उनकी उम्र तकरीबन 65 बरस थी। 31जुलाई को बुख़ार आने के बाद निमोनिया मे मुब्तिला हो गए थे।

कल उन्हे मडिकल कालेज में इलाज के लिये भर्ती कराया गया था। सुबह उनके जनाज़े को घर लाया गया। जामा मस्जिद तहसीनगंज में ग़ुस्ल देकर रईस मंजिल ले जाया गया था। मरहूम की अहलिया का इन्तेकाल पहले ही चुका है। उनके दो बेटियाँ और दो लड़के है। बड़ी लड़की सहर फातिमा वकालत के पेशे से मुन्सलिक हैं, दूसरी बेटी नाज़िश फ़ातिमा और लड़के रेहान व ज़िया हैं। इनमें सेअभी किसी की शादी नही हुई है। अन्जुमन के ज़िम्मेदार शिया सेन्ट्रल वक्फ़ बोर्ड के पूर्व सदस्य सलीम अब्बास ने अन्जुमन को ताज़ियत पेश करते हुए मरहूम के लवाहक़ीन से रजं व ग़म का इज़हार किया है और उन्हे सब्र करने की तल्क़ीन की है। उन्होंने तमाम मोमनीन से मरहूम के के लिये सूरे फ़ातिहा व नमाज़े वहशत पढ़ने की दरख़्वास्त की है। साहेबे बयाज़ के अचानक इन्तेक़ाल से अन्जुमन के सभी सदस्य और दीगर साहेबे बयाज़ काफ़ी रंजीदा हैं, क्यों की मरहूम अन्जुमन के अहम (मेन) साहेबे बयाज़ थे, और जब कि अब अय्यामे अज़ा के दिन बिलकुल क़रीब हैं। इस लिये पूरी अन्जुमन मंगलू साहब के इन्तेक़ाल को अन्जुमन के लिये बड़ा नुकसान मान रही है।

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