समझौता का मक़सद किसीभी तरह से ईरान के ख़िलाफ़ कोई समूह बनाना नहीं यूएई

यूएई ने तुर्की की ओर से समझौते की आलोचना को भी ख़ारिज किया

जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली, तुर्की के बाद अब ईरान ने यूएई को धोके बाज़ क़रार देते हुए कहा है की उसने इज़राइल से हाथ मिला कर बहुत बड़ी ग़लती की है ।जवाब मे यूएई ने ईरान को साधने की कोशिश की है लेकिन तुर्की के बयांन को ये कह कर ख़ारिज कर दिया की उसके इज़राइल से खुद सम्बन्ध हैं। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को दिए एक भाषण में कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात ने इसराइल के साथ समझौता कर भारी ग़लती की है। यूएई पर निशाना साधते हुए अपने आक्रामक भाषण में रूहानी ने कहा कि यूएई ने धोखा दिया है।टीवी पर दिए अपने भाषण में रूहानी ने यूएई को चेतावनी देते हुए कहा है कि मध्य पूर्व में इसराइल के पैर मज़बूत करने के गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा, ”वो (यूएई) सावधान रहें। उन्होंने बहुत बड़ी ग़लती कर दी है। एक विश्वासघाती क़दम उठाया है। हमें उम्मीद है कि उन्हें अपनी ग़लती का अहसास होगा और वो ये ग़लत रास्ता छोड़ देंगे”। रूहानी ने ये भी कहा कि इस समझौते का मक़सद नवंबर में होने जा रहे अमरीकी चुनावों में राष्ट्रपति ट्रंप की उम्मीदवारी को मज़बूत करना है. उन्होंने कहा कि इसलिए ही इस समझौते की घोषणा वॉशिंगटन से की गई है। रूहानी ने कहा, ”ये समझौता अब क्यों हुआ है? अगर ये समझौता ग़लत नहीं है तो फिर इसकी घोषणा एक तीसरे देश में क्यों हुई है? वो भी अमरीका में?

ताकि वॉशिंगटन में बैठा वो व्यक्ति वोट बटोर सके। आपने अपने देश को, अपने लोगों को, मुसलमानों को और अरब दुनिया को धोखा दिया?”वहीं एक बायन में संयुक्त अरब अमीरात ने कहा है कि इसराइल के साथ उसके समझौते का मक़सद ईरान को जवाब देना नहीं है।यूएई के विदेश मंत्री अनवर गरगाश ने ब्लूमबर्ग से कहा, ”ये समझौता ईरान के बारे में नहीं है। ये यूएई, इसराइल और अमरीका के बारे में हैं। इसका मक़सद किसी भी तरह से ईरान के ख़िलाफ़ कोई समूह बनाना नहीं है।”यूएई ने तुर्की की ओर से समझौते की आलोचना को भी ख़ारिज किया है।गरगाश ने तुर्की के इस रुख़ को आडंबर कहकर ख़ारिज कर दिया। तुर्की के इसराइल के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं। गरगाश ने कहा, ‘सालाना पाँच लाख इसराइली पर्यटक तुर्की आते हैं। दोनों देशों के बीच दो अरब डॉलर का कारोबार है और तुर्की का इसराइल में अपना दूतावास भी है. और अब मैं पूछता हूं कि क्या उनका ये पक्ष नैतिक है?’यूएई के विदेश मंत्री अनवर गरगाश ने ब्लूमबर्ग से कहा, ”ये समझौता ईरान के बारे में नहीं है। ये यूएई, इसराइल और अमरीका के बारे में हैं. इसका मक़सद किसी भी तरह से ईरान के ख़िलाफ़ कोई समूह बनाना नहीं है।”ट्रंप प्रशासन और इसराइल ने यूएई के साथ समझौते को ईरान को किनारे करने की कोशिश के तौर पर दिखाया है लेकिन यूएई ने संकेत दिए हैं कि वो अपने पड़ोसी ईरान को उकसाना नहीं चाहता है।

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