जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ संवाददाता मुहर्रम का चाँद नज़र आते ही अज़ादार अज़ा मे मसरूफ हो गए लखनऊ जो अज़ादारी का मरकज़ है कोरोना महामारी की वजह से लोग आपने आपने घरो मे अज़ादारी करने मे मसरूफ है । इस से पहले चार बजे प्रमुख शिया अलीम ए दीन मौलाना कल्बे जवाद नक़वी लखनऊ पुलिस कमिश्नर से मुलाक़ात कर के ज्ञापन सौंपा मौलाना की मुलाक़ात के बाद फिर आज शाम को लखनऊ के प्रमुख शिया उलमा के हमराह पुलिस प्रशासन से दोबारा बात चीत हो सकती है। बताते चले की कल लखनऊ पुलिस ने को जुलूसों के लिए गाइड लाइन जारी की है वह मौलाना और शिया फ़िरक़े को क़ुबूल नहीं है ।मौलाना ने अपने ज्ञापन मे लिखा है की डब्लू एचओ व एमएचए भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन से भी नीचे जाकर मुहर्रम के लिए विशेष गाइड लाइन क्यों जारी की जा रही है इस लिए इस विशेष गाइड लाइन को फ़ौरन वापस लिया जाये मौलाना ने कहा के मै अवगत करना चाहता हू की पहली मुहर्रम से इमाम बड़ा गुफ़रान मअब के अंदर अज़ादारी के धार्मिक कार्यकलाप चालीस से पचास लोगो की मौजूदगी मे कोरोना गाइड लाइन के तहत किये जायेगे अगर आप अपने संवैधानिक आदेशों के अनुसार गिरफ्तार करना चाहते हैं तो गिरफ्तार कर सकते हैं।मौलाना ने कहा की जो नोटिस प्रशासन द्वारा जारी किया गया है वह पूरी तर्हां असंवैधानिक और लोगो को भर्मित करने वाला है।बहर हाल इस के बाद प्रशासन को फैसला लेना है अब उसको आगे क्या फैसला लेना है ।लेकिन हुसैनाबाद ट्रस्ट जिसकी पूरी ज़िम्मदारी ही जिला अधिकारी पर है।पहली मोहर्रम और सात मोहर्रम और दूसरे प्रोग्राम मजलिस तबर्रुक की तक़सीम वगैरा का ज़िम्मा भी प्रशासन पर है ।क्यों ट्रस्ट जिस मक़सद से क़ाएम हुआ है। अज़ादारी उसका सबसे बड़ा मक़सद है।लेकिन क्योंकि मौजूदा समय मे न तो को कमेटी है और न ही कोई शाही खानदान का वारिस ही बचा है इसको लेकर भी लोगो मे एक कसक है ।लेकिन इस बार अज़ादारों के चेहरे उतरे हुए क्यों साल भर हुसैन क चाहने वाले इंतज़ार करते है ।आज़ाखाने सज गए है ।

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