डॉक्टर कफ़ील ख़ान को ज़मानत


जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली/ लखनऊ(संवाददाता)इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत जेल में बंद डॉक्टर कफ़ील ख़ान को ज़मानत दे दी है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफ़ील ख़ान को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) के तहत मथुरा की जेल में रखा गया था।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने फ़ैसले में कहा कि कफ़ील ख़ान को एनएसए के तहत गिरफ़्तार किया जाना ‘ग़ैरक़ानूनी’ है। अदालत ने डॉक्टर कफ़ील ख़ान को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा, “डॉक्टर कफ़ील ख़ान का भाषण किसी तरह की नफ़रत या हिंसा को बढ़ावा देने वाला नहीं था, बल्कि यह लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता का आह्वान था।” चार अगस्त को गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत कफ़ील खान को 13 फरवरी 2020 को अलीगढ़ ज़िला मजिस्ट्रेट के आदेश पर जेल में बंद किया गया है। बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग पिछले काफ़ी वक़्त से डॉक्टर कफ़ील ख़ान की रिहाई की मांग कर रहे थे।

चीन के कब्ज़े में 1000 वर्ग किमी. का क्षेत्र

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब 1000 वर्ग किमी. का क्षेत्र अब चीन के कब्ज़े में है। अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की इस ख़बर के मुताबिक केंद्र को इस संबंध में खुफ़िया जानकारी दी गई है। अख़बार को अधिकारियों ने बताया कि पेट्रोलिंग प्वाइंट 10-13 से देपसांग प्लेन्स में भारत की एलएसी की जो धारणा है उसके 900 वर्ग किमी. के इलाक़े पर चीन का नियंत्रण है।

चीन अप्रैल से मई तक एलएसी के पास सैनिकों की तैनाती और उनकी उपस्थिति को मजबूत करता आया है। जून 15 को पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक मारे गए थे। अख़बार ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा है कि देपसांग प्लेन से चुसुल तक चीन ने अपरिभाषित एलएसी के पास व्यवस्थित तरीके से सेना बढ़ाई है. गलवान वैली में 20 वर्ग किमी., हॉट स्प्रिंग्स में 12 वर्ग किमी., पैंगॉन्ग सो में 65 वर्ग किमी. और चुसुल में 20 वर्ग किमी. का इलाक़ा चीन के कब्ज़े में है। इस बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत-चीन के सैनिकों के बीच फिर से झड़प हुई है। भारत सरकार ने सोमवार को कहा कि चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बनी सहमति का उल्लंघन किया है. चीनी सैनिकों ने उकसाऊ क़दम उठाते हुए सरहद पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोक दिया. हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों के एलएसी को पार करने की ख़बरों का खंडन किया है। 15 जून को हुई झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है लेकिन तनाव अब भी कायम है।

रास्ते के कांटे हटा रहा है सऊदी शहज़ादा


सऊदी अरब में शाही परिवार के दो सदस्यों समेत कई अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया गया है। एक शाही फ़ैसले में कहा गया है कि सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने राजकुमार फ़हाद बिन तुर्की को बर्ख़ास्त कर दिया है। फ़हाद बिन तुर्की के बेटे अब्दुल अज़ीज़ फ़हाद को भी डिप्टी गवर्नर के पद से हटा दिया गया है। सऊदी रक्षा मंत्रालय के एक सार्वजनिक आदेश में कहा गया है कि शाही परिवार के इन दो सदस्यों ने चार अधिकारियों के साथ मिलकर ‘संदिग्ध आर्थिक लेनदेन’ किया है, जिसके लिए उनकी जांच होगी। सऊदी अरब के शासक और सर्वेसर्वा माने जाने वाले क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सरकार में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी है। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहे इन लोगों की गिरफ़्तारी का असली मक़सद राजकुमार सलमान की सत्ता के रास्ते में खड़ी अड़चनों को हटाना है। इसी साल कुछ समय पहले अमरीकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ़ के छोटे भाई प्रिंस अहमद बिन अब्दुल अज़ीज़ को गिरफ़्तार किए जाने की ख़बर दी थी।

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