जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली संवाददाता केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक़ लोन देने में छूट की अवधि दो साल तक के लिए बढ़ाई जा सकती है।इस दौरान ब्याज पर ब्याज न लगाने का सवाल पर केंद्र सरकार का कहना था कि केंद्र, आरबीआई और बैंकर एसोसिएशन को मिलकर बैठक करके इसका समाधान निकालेंगे। कोरोना के कारण लॉकडाउन शुरू करने के बाद आरबीआई ने पहले तीन महीने और फिर छह महीने तक लोन न देने की छूट दी थी. लेकिन याचिकाकर्ता गजेंद्र शर्मा ने इस दौरान ब्याज पर ब्याज न लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोन देने में छूट की सीमा दो साल तक बढ़ाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगा. अदालत ने कहा है कि वो इस मामले पर सभी पक्षों को सुनेगा।इस मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण की अगुआई वाली तीन सदस्यीय बेंच कर रही है।याचिकाकर्ता गजेंद्र सिंह के वकील विशाल तिवारी ने कहा कि ये जनहित से जुड़ा हुआ मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह इस मामले में केंद्र सरकार की राय मांगी थी और कहा था कि केंद्र सरकार इस मामले में आरबीआई के पीछे नहीं छिप सकती, उसे अपना रुख़ भी स्पष्ट करना चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान ये भी कहा कि इस मामले में अन्य मुद्दे भी शामिल हैं, जीडीपी -23 प्रतिशत हो गई है और अर्थव्यवस्था पर भी दबाव है।

सुरेश रैना ने अपनी चुप्पी तोड़ी

भारत के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना आजकल सुर्ख़ियों में हैं. कोरोना के कारण दुबई में होने वाले आईपीएल को छोड़कर ही रैना बीच में ही भारत लौट आए थे। चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से आधिकारिक रूप से यही कहा गया है कि सुरेश रैना निजी कारणों से भारत लौटे हैं और वे इस साल आईपीएल में नहीं खेलेंगे। जब रैना आईपीएल के लिए दुबई में थे, उसी समय पंजाब में उनकी बुआ के घर पर बदमाशों ने हमला किया था, जिसमें उनके फूफा की मौत हो गई थी, जबकि उनकी बुआ और भाइयों को गंभीर चोटें आई थी अब सुरेश रैना ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. सुरेश रैना ने ट्वीट पर बताया है कि सोमवार को उनके एक फुफेरे भाई की भी मौत हो गई है जबकि उनकी बुआ अब भी गंभीर स्थिति में हैं। सुरेश रैना ने पंजाब पुलिस पर भी सवाल उठाया है। सुरेश रैना ने अपने ट्वीट में लिखा है- पंजाब में मेरे परिवार के साथ जो हुआ वो काफ़ी भयानक था. मेरे फूफा को मौत के घाट उतार दिया गया. जबकि मेरी बुआ और दोनों फुफेरे भाइयों को गंभीर चोटें आईं. दुर्भाग्य से मौमेरे भाई की भी कल रात मौत हो गई. मेरी बुआ अब भी काफ़ी गंभीर स्थिति में जीवन रक्षक उपकरणों पर हैं। रैना ने आगे लिखा है- आज तक हमें ये नहीं पता चला कि उस रात क्या हुआ था और किसने किया था. मैं पंजाब पुलिस से अनुरोध करता हूँ कि वे इस मामले को देखें. कम से कम हम ये जानने की उम्मीद तो रखते ही हैं कि किसने ये काम किया. उन अपराधियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए ताकि वे और अपराध कर सकें। रैना ने अपने ट्वीट में पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भी टैग किया है. हालाँकि उन्होंने अपने ट्वीट में आईपीएल छोड़कर आने के बारे में कुछ भी नहीं लिखा है। पंजाब के पठानकोट में रहने वाली उनकी बुआ और फूफा के घर पर डकैतों ने 19 अगस्त की रात को लूटपाट की कोशिश की थी। इस दौरान लुटेरों ने सुरेश रैना की बुआ और फूफा को धारदार हथियार से घायल कर दिया. 58 साल के फूफा अशोक तराल की मौत उसी रात हो गई थी. जबकि बुआ अस्पताल में भर्ती हैं. उनका इलाज चल रहा है लेकिन उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
मोदी सरकार असफल चिदंबरम

भारत के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार पर कोरोना महामारी से निपटने में असफल रहने और जीडीपी को बुरी तरह गिरने देने का आरोप लगाया है। पी. चिदंबरम ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि वो जीडीपी में गिरावट से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं।उन्होंने कहा, ”हमने सरकार को इसे लेकर चेतावनी भी दी थी. दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों ने भारत को चेतावनी दी थी. सिर्फ़ तीन दिन पहले ही आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में इसके संकेत दिए थे.” केंद्र सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार 2020-21 वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच विकास दर में 23.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। कोरोना वायरस महामारी और उसे रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को पहले से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की हालत और ख़राब करने के लिए ज़िम्मेदार बताया गया है।चिदंबरम कहते हैं कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई ये जानता था कि भारत की अर्थव्यवस्था का संकट गहराने वाला है। उन्होंने कहा, ”पूरा देश इसकी कीमत चुका रहा है. गरीब निराशा में हैं. लेकिन, मोदी सरकार इसे लेकर बेफिक्र है और उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं. सरकार ने एक फ़र्जी कहानी गढ़ी थी जिसकी हक़ीक़त सबके सामने आ गई है।”

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