जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ( ज़हीर इक़बाल) भारत ईरान से अपने तालुकात ठीक करने की कोशिश कर रहा है। राजनाथ सिंह के ईरान दौरे के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ईरान का दौरा करेंगे।भारत के ईरान से बरसों पुराने तालुकात हैं।लेकिन भारत की अमेरिका से नजदीकियां बढ़ने के बाद ईरान से रिश्तो में कुछ खटास आ गई थी। उधर चीन से भारत के दिन-ब-दिन खराब होने वाले हालात मैं भी जरूरी है कि भारत डिप्लोमेटिक तरीके से विश्व में अपनी बरसों पुरानी साख को मजबूत बनाए रखें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले रिजीम में दुनिया भर में दौरे करके मजबूती के साथ भारत का पक्ष रखा था। और भारत की वर्षों पुरानी साख को मजबूत किया था।परन्तु प्रधानमंत्री के मौजूदा शासनकाल में ईरान से रिश्ते इस हद तक नाजुक हो गए कि उसने भारत के साथ हुए चाबहार समझौते को रद्द कर दिया इसके बर खिलाफ ईरान ने चाइना के साथ 400 अरब डॉलर का एक नया समझौता भी कर लिया लेकिन मौजूदा समय में  भारत और चाइना के रिश्ते  नाजुक दौर से गुजर रहे हैं  ऐसे वक्त में  भारत को  अपने पुराने  सहयोगियों की  जरूरत है।ऐसा समझा जा रहा है कि आने वाले अमेरिका चुनाव में एक बार फिर बराक ओबामा  वाले युग का आगाज होगा और  दुनिया की  स्थिति में  तेजी से बदलाव आएगा भारत भी इसे महसूस कर रहा है।भारत एक बार फिर अपने पुराने दौर में लौटना चाहता है यही वजह है कि वह अमेरिका से ज्यादा रूस और ईरान पर भरोसा कर रहा है हालांकि चीन के मुकाबले अभी हाल में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने यह बात कही थी कि अगर चाइना से भारत के ताल्लुकात ज्यादा खराब होते हैं। तो वह खुलकर भारत का साथ देगा और जरूरत पड़ने पर सैन मदद भी भारत को मोहिया कराएगा परंतु भारत इसके विपरीत रूस और ईरान पर भरोसा करते हुए अपने पुराने युग को देख रहा है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक में रूस ने ये बात दोहराई है कि वो पाकिस्तान को हथियारों की बिक्री नहीं करेगा। राजनाथ सिंह भी लौटते समय तेहरान होते हुए आए थे। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा में लेने के लिए मंगलवार को रवाना हो रहे हैं।ये कोरोना महामारी के बाद से विदेश मंत्री जयशंकर का पहला विदेश दौरा है। इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री थोड़े समय के लिए तेहरान में भी रुकेंगे।समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि विदेश मंत्री अपने ईरानी समकक्ष मोहम्मद जवाद ज़ारिफ़ से मिल सकते हैं।इससे पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मॉस्को की यात्रा की थी जहाँ उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लिया था।

सऊदी पत्रकार के हत्यारो की मौत की सज़ा बदली


सऊदी अरब की एक अदालत ने सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी हत्या मामले में दोषी ठहराए गए पांच लोगों की मौत की सज़ा को बदल दिया है।पहले पाँच लोगों को मौत की सज़ा सुनाई गई थी मगर अब उसे सात से 20 साल तक जेल की सज़ा में बदल दिया गया है।अभियोजन पक्ष का कहना है कि पत्रकार के परिवार ने दोषियों को माफ़ करने का फ़ैसला किया था जिसके बाद उनकी मौत की सज़ा को बदल दिया गया। मगर ख़ाशोज्जी की मंगेतर हातिज जेंगीज़ ने इस फ़ैसले को इंसाफ़ का मज़ाक बताया है। तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने भी इस फ़ैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि ये फ़ैसला तुर्की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता। सऊदी सरकार के प्रमुख आलोचक ख़ाशोज्जी पर 2018 में तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी दूतावास में सऊदी एजेंट्स की एक टीम ने हमला किया और उनकी लाश के टुकड़े कर दिए गए थे जिन्हें कभी बरामद नहीं किया जा सका। सऊदी सरकार ने कहा था कि जिस अभियान के तहत उन्हें मारा गया, उसे उसकी जानकारी नहीं थी।इसके एक साल बाद सऊदी के अभियोजकों ने 11 अनाम व्यक्तियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा शुरू किया था।लेकिन उस वक़्त संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत एग्नस कॉलमार्ड ने ट्रायल को “न्याय के विपरीत” बताकर ख़ारिज कर दिया था।उन्होंने निष्कर्ष निकाला था कि ख़ाशोज्जी की “जानबूझकर और सोची-समझी साज़िश के तहत हत्या” की गई थी जिसके लिए सऊदी सरकार ज़िम्मेदार है।

 

 

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