जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ संवाददाता उत्तर प्रदेश मे आज 6711 कोरोना पॉज़िटिव नए मरीज़ मिले हैं।राजधानी मे आज कोरोना के 869 नए मरीज़ मिले हैं।इस के अलावा कानपुर 473 ! इलाहाबाद 459 नए मरीज़ मिले हैं।
लखनऊ. सीएमएस गोमतीनगर के कर्मचारी कोविड की चपेट में हैं,स्कूल आने की विवशता में कई पॉजिटिव हुए, कई संक्रमित कर्मी बीमार होने के बावजूद स्कूल आए, इनकी वजह से बड़ी तादाद में लोगों के संक्रमित होने की आशंका।परिवार के लोग दहशत में हैं।
लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने PCS अजय कुमार राय को अग्रिम आदेशो तक एसडीएम मलिहाबाद के पद पर तैनात किया है।एसडीएम मलिहाबाद पल्लवी मिश्रा के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद शासकीय कार्यहित में अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) अजय कुमार राय को अग्रिम आदेशो तक तैनात किया गया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।
रेखा शर्मा ने खुद को क्वारेंटाइन करते हुए ट्वीट कर जानकारी दी।
जायज़ा डेली न्यूज़ मुंबई संवाददाता रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दाख़िल किया गया है। शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक ने अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ ये प्रस्ताव रखा। ये प्रस्ताव रखने के बाद विधानसभा में हंगामा हुआ और आधे घंटे के लिए काम रोक दिया गया। विधानसभा ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. ऐसे में अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ सदन जल्द ही कार्रवाई शुरू कर सकता है।अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ सख्त से सख़्त कार्रवाई की मांग परिवहन मंत्री अनिल परब ने की है। अनिल परब ने कहा, “अगर कोई पत्रकार के ख़िलाफ़ कुछ बात करे या फिर उन्हें हाथ लगाए तो इस विधानसभा में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक्ट बनाया गया था. पर कोई पत्रकार ही किसी जन प्रतिनिधि के बारे में कुछ कहे तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं।”प्रताप सरनाइक ने कहा, “मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार के ख़िलाफ़ अर्नब गोस्वामी ने जिस भाषा का प्रयोग किया है, उसकी मैं निंदा करता हूं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर उद्धव ठाकरे और शरद पवार, दोनों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास हुआ है।अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई हो।” अनिल परब ने अर्नब गोस्वामी के बारे में कहा, “अर्नब को लगता है कि वो खुद ही जज हैं. उद्धव ठाकरे और शरद पवार के ख़िलाफ़ उन्होंने तू-तड़ाक वाली शैली में बात की है. इस सदन को जिस तरह से पत्रकारों की सुरक्षा का क़ानून पास करने का अधिकार है उसी तरह से किसी पत्रकार के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का भी अधिकार है।”अनिल परब कहते हैं, “अगर किसी ने प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ गैर-ज़िम्मेदार भाषा का इस्तेमाल किया तो उस पर कार्रवाई होती है तो फिर मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ गैर-ज़िम्मेदारी भरे बयान पर कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए? प्रधानमंत्री को कोई कुछ बोले तो आपको गुस्सा आता है पर अगर कोई मुख्यमंत्री को बोले तो आपको गुस्सा नहीं आता है क्या? सुपारी लेने वाले पत्रकारों पर कार्रवाई करनी चाहिए।”