जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ संवाददाता उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में अब मिलने वाले कोरोना के नए केस में रिकॉर्ड टूटा 7042 पहुंची संख्या लखनऊ में 917 मरीज मिले।आज जनपद लखनऊ में कोरोना वायरस के सम्बन्ध में सर्विलान्स एवं कान्टेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर टीमों द्वारा 6543 लोगो के सैम्पल लिये गये है। आज आशियाना 31, इंदिरा नगर 29, आलमबाग 42, ठाकुरगंज 19, तालकटोरा 31, हसनगंज 23, गोमती नगर 53, रायबरेली रोड 19, अलीगंज 41,जानकीपुरम 34, महानगर 23, कैण्ट 16, चौक 21, चिनहट 23, पारा 12, नाका 22, सहादतगंज 12, गोमती नगर विस्तार 21, विकासनगर 17, कृष्णानगर 18 ,मड़ियांव 19, हजरतगंज 25, गोसाईगंज 10 ,मड़ियाव 21 इत्यादि स्थानों पर पाजिटिव रोगी पाये गये।आज कुल 611 रोगियों को स्वस्थ होने के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने आदेश में सुदर्शन न्यूज़ चैनल को वह कार्यक्रम प्रसारित करने की इजाज़त दे दी है।जिसमें टीवी चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने ‘नौकरशाही में एक ख़ास समुदाय को निशाना बनाया गया है। परेशानी ये है कि मुसलमान आईएएस अच्छी खासी तादाद मे कैसे आरहे हैं। ख़ास समुदाय की बढ़ती घुसपैठ के पीछे कोई षडयंत्र होने’ का दावा किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस कार्यक्रम पर 28 अगस्त को रोक लगा दी थी. जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश नवीन चावला ने इस कार्यक्रम के प्रसारण के ख़िलाफ़ स्टे ऑर्डर जारी किया था।अदालत में सुनवाई के दौरान केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय ने कहा था कि उन्हें सुदर्शन न्यूज़ के इस प्रोग्राम के ख़िलाफ़ कई शिकायतें मिली हैं और मंत्रालय ने न्यूज़ चैनल को नोटिस जारी कर इस पर जवाब माँगा है। यही बात सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने ताज़ा आदेश में दोहरायी है. मंत्रालय ने अपने आदेश में लिखा है कि सुदर्शन चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने 31 अगस्त को आधिकारिक रूप से अपना जवाब दे दिया था जिसके बाद मंत्रालय ने निर्णय लिया कि अगर कार्यक्रम के कंटेंट से किसी तरह नियम-क़ानून का उल्लंघन होता है तो चैनल के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जायेगी। मंत्रालय ने ये भी कहा है कि कार्यक्रम प्रसारित होने से पहले कार्यक्रम की स्क्रिप्ट नहीं माँगी जा सकती और ना ही उसके प्रसारण पर रोक लगायी जा सकती है।’ इस आदेश के अनुसार, सुदर्शन चैनल ने दावा किया है कि उन्होंने अपने कार्यक्रम में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है और कहा है कि ‘इस तरह की रोक टीवी प्रोग्रामों पर प्रसारण से पहले ही सेंसरशिप लागू करने जैसी है।’मंत्रालय ने सुदर्शन चैनल को यह हिदायत दी है कि वो इस बात का ध्यान रखे कि किसी तरह से प्रोग्राम कोड का उल्लंघन ना हो, अन्यथा उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही हो सकती है। सुदर्शन न्यूज़ चैनल ने 25 अगस्त को एक टीज़र जारी किया था जिसमें चैनल के संपादक ने यह दावा किया था कि 28 अगस्त को प्रसारित होने वाले उनके कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ में ‘कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ का पर्दाफ़ाश’ किया जाएगा। टीज़र सामने आते ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर आलोचना शुरू हो गई थी। इसके बाद भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन ने इसकी निंदा करते हुए इसे ‘ग़ैर-ज़िम्मेदाराना पत्रकारिता’ क़रार दिया।
रिया के मीडिया ट्रायल एमेनेस्टी नाराज़