जायजा डेली न्यूज़ संवाददाता उत्तर प्रदेश सरकार ने आज राज्य सरकार द्वारा नवगठित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2020 के अंतर्गत कोई नया प्रावधान नहीं किए जाने की बात कही है। विपक्षी दलों के हंगामे के बाद सरकार ने आज इस पर अपनी सफाई देते हुए कहा है। कि यह बल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को प्रदत्त शक्तियों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में गठित इस विशेष सुरक्षा बल को भी शक्तियां प्रदान की गई हैं। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल को मेट्रो रेल कोमा न्यायालय कोमा एयरपोर्ट, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं आदि की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने के लिए बनाया गया है। श्री अवस्थी ने बताया कि सरकारी गजट में प्रकाशित इस अधिनियम की धारा 10 के अनुसार बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना तथा किसी वारंट के बिना ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। जो एक्ट की धारा 8 के अंतर्गत उल्लेखित बल के सदस्यों के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाएं हमला करें हमले की धमकी दें या आपराधिक बल आदि का प्रयोग करें अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि शासन की अधिसूचना में उल्लिखित धारा 10 में निर्दिष्ट यदि कोई अपराध किया गया है। तो अपराधी को निकल भागने या अपराध के साक्ष्य को छुपाने का अवसर दिए बिना उसकी तलाशी बिना वारंट के ली जा सकती है।तथा यह विश्वास होने पर कि उसके द्वारा अपराध किया गया है तो उसकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है। इस अधिनियम के अधीन गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को पुलिस अधिकारी को सौंपना होगा या किसी पुलिस अधिकारी की अनुपस्थिति में गिरफ्तारी की परिस्थितियों में वर्णित करती हुई रिपोर्ट के साथ निकटस्थ पुलिस थाने पर ले जाने की व्यवस्था की जाएगी।

कांग्रेस ने रक्षा मंत्री के भाषण पर प्रतिक्रिया करते हुए कुछ सवाल किए हैं।

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ संवाददाता “भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अभी की स्थिति के अनुसार चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोलाबारूद तैनात किया हुआ है। रक्षा मंत्री .राहुल भारत-चीन गतिरोध को लेकर संसद में बयान देते हुए कहा,”पूर्वी लद्दाख और गोगरा, कोंगका ला और पैंगोग लेक का उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर कई गतिरोध वाले इलाक़े हैं.एलएसी में चीन ने अंदरूनी इलाक़ों में बड़ी संख्या में सेना और हथियार तैनात किया हुआ है. हमारी सेना इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगी। “उन्होंने ये भी बताया कि चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारी सेनाओं ने भी इन क्षेत्रों में उपयुक्त जवाबी तैनाती की है ताकि भारत के सुरक्षा हित पूरी तरह सुरक्षित रहें। रक्षा मंत्री ने कहा,”एलएसी पर तनाव बढ़ता देख दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को मीटिंग की. इस बात पर सहमति बनी कि जवाबी कार्रवाई के द्वारा डिसइन्गेजमेंट किया जाए. दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि एलएसी को स्वीकार किया जाए जाएगा तथा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिससे यथास्थिति बदले।””इस सहमति का उल्लंघन कर चीन द्वारा एक हिंसक संघर्ष की स्थिति 15 जून को गलवान में पैदा की गई. हमारे बहादुर सिपाहियों ने अपनी जान का बलिदान दिया पर साथ ही चीनी पक्ष को भी भारी क्षति पहुचाई और अपनी सीमा की सुरक्षा में कामयाब रहे।

“कांग्रेस ने रक्षा मंत्री के भाषण पर प्रतिक्रिया करते हुए कुछ सवाल किए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर पूछा – “रक्षामंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया. हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा.लेकिन मोदी जी,आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत।”पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी एक ट्वीट में कहा,”देश सेना के साथ एकजुट है. पर ये बताएँ- चीन ने हमारी सरज़मीं पर क़ब्ज़े का दुस्साहस कैसे किया? मोदीजी ने चीन द्वारा हमारे क्षेत्र में घुसपैठ न करने बारे गुमराह क्यों किया? चीन को हमारी सरज़मीं से वापस कब ख़देड़ेंगे? चीन को लाल आँख कब दिखाएँगे?”

 

 

 

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