किसानों का प्रदर्शन जारी

जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली संवाददाता पंजाब के अमृतसर में किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि विधेयकों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। एएनआई न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए किसान नेता गुरबचन सिंह ने कहा, “हमने सरकार का पुतला भी जलाया है। ये बिल अगर संसद से पास हो गए तो किसान बर्बाद हो जाएंगे और मंडी सिस्टम भी।” उन्होंने कहा कि ये बिल किसान विरोधी हैंऔर राज्य सभा में पास नहीं होने चाहिए, ये बड़ी कंपनियों की लूट के लिए लाए गए हैं।

लोकसभा में कृषि संबंधित तीन विधेयक पास किये जा चुके हैंरविवार को इन्हें राज्यसभा के पटल पर रखा जाएगा। लोकसभा में बिल पास होने से पहले हरसिमरत कौर बादल ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा भी दे दिया था।

अमरीका के सहयोगी नहीं चाहते ईरान पर प्रतिबंध

जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली संवाददाता ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद से कहा कि 20 सितंबर से ईरान को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से राहत मिलेगी। रॉयटर्स के मुताबिक़ इन देशों के प्रतिनिधियों ने सुरक्षा परिषद को एक चिट्ठी लिखकर अपनी राय बताई है।ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि ईरान पर जो संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लगे थे, वे फिर से लगाए जाएंगे और हथियारों पर लगा पुराना प्रतिबंध अक्तूबर में खत्म नहीं होगा। ट्रंप सरकार में ईरान के लिए प्रतिनिधि एलियट अब्राम्स ने बताया कि शनिवार-रविवार रात 12 बजे से ही ये प्रअमरीका ने पिछले महीने सुरक्षा परिषद में इस प्रतिबंध को आगे बढ़वाने की कोशिश की थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अमरीका का कहना था कि ईरान ने 2015 के समझौते का उल्लंघन किया है।प्रतिबंध फिर से लागू हो जाएंगे।लेकिन चीन, रूस और अमरीका के अपने यूरोपीय सहयोगी भी इस फ़ैसले का विरोध कर रहे हैं।

यहां तक कि अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपने सहयोगी देशों पर ही आरोप लगाया कि वे ईरान का साथ दे रहे हैं। 20 अगस्त को ‘स्नैपबैक’ की घोषणा कर दी जिसका मतलब था एक महीने बाद ईरान के ख़िलाफ़ सब प्रतिबंधों को फिर से लगाना। लेकिन जानकार कहते हैं कि अमरीका के इस फ़ैसले का कोई क़ानूनी आधार नहीं है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 13 सदस्य इस फ़ैसले को अमान्य ठहरा रहे हैं।और राजनयिकों का भी कहना है कि कम ही देश इन प्रतिबंधों को दोबारा लगाएंगे।पोम्पियो ने इस हफ़्ते कहा था कि हम ये सुनिश्चित करने के लिए हर चीज़ करेंगे कि ये प्रतिबंध लगाए जाएं।”हम हर वो चीज़ करेंगे..हमने किया भी है..कि ईरान चीनी टैंक और रूसी डिफेंस सिस्टम नहीं खरीद पाएगा।”अमरीका चाहे तो संयुक्त राष्ट्र के किसी प्रस्ताव को ना मानने के लिए किसी देश या संस्था पर प्रतिबंध लगा सकता है जैसे अपने बाज़ारों में उन्हें एंट्री ना देकर या कोई और ऐसा फ़ैसला जिससे आर्थिक तौर पर नुक़सान हो। रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी को ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ईरान परमाणु समझौता बनाए रखेगा इस उम्मीद में कि आने वाले चुनावों में जो बाइडन जीत जाएं और समझौते को बचा लेंगे। बाइडन ने ही ओबामा सरकार के दौरान इस समझौते पर काम किया था। बाइडन के कैंपेन प्रवक्ता एंड्रयू बेट्स का कहना है कि वो इस समझौते में दोबारा शामिल होंगे। मार्च 2007 में सुरक्षा परिषद ने ईरान पर हथियारों के व्यापार को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था। परिषद ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों के आने-जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और उनकी संपत्ति को भी फ़्रीज़ कर दिया था।

अशरा बैतूल माल स्थगित

जायज़ा डेली न्यूज़ सफर का पहला (अतवार) रविवार को होने वाले क़दीम अशरा बैतूल माल भी इस बार कोरोना महामारी के चलते नहीं हो सकेगा पुराने लखनऊ के थाना ठाकुरगंज के अंतर्गत आने वाले इमाम बाड़ा झाऊ लाल मे होने वाले इस बैतूल माल के आशरे मे शहर लखनऊ की अंजूमन देर रात तक नौहा खानी करती हैं। बैतूल माल के अशरे में हजारों की तादाद में सभी धर्म के लोग शिरकत करते है। बरसो से चला आ रहा बैतूल माल का अशरा इस साल कोविड-19 के चलते स्थगित किया गया है।अवध के बादशाहो ने अपने शाही दौर मे अवध मे गंगा जमनी तहज़ीब की इब्तेदा की और आपसी भाईचारा इस हद तक ले आए की झाऊ लाल चुनी लाल जैसे सैकड़ो हिन्दुओ ने इमाम बड़े बनवाए और नवाब वाजिद अली शाह ने अनोखी मिसाल क़ाएम करते हुए हनुमान जी का मंदिर बनवाया।

 

 

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