Modi ke Farman pe ! Jaan bhi Qurban Hai ! | Agha Syed Jawad Naqvi | 18th Sep 2020

Posted by Islamimarkaz on Saturday, September 19, 2020

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ( संवाददाता )पाकिस्तान के मौलाना जवाद नकवी ने यह साबित कर दिया है कि वह पाकिस्तान की आईएसआई के लिए काम करते हैं। बताते चलें कि अभी हाल में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पाकिस्तान में हो रहे उन प्रदर्शनों के खिलाफ आवाज उठाई थी जिसमें शिया समुदाय की नस्ल कुशी की तैयारी की जा रही है। पाकिस्तान के मौलाना जवाद नकवी ने मौलाना कल्बे जवाद पर भारत के वजीरे आज़म नरेंद्र मोदी को लिखे उस खत को लेकर निशाना साधा है। जिसमें मौलाना ने देशभक्ति का इज़हार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा था। कि अगर देश पर वक्त आता है। तो शिया नौजवान अपनी जान कुर्बान करने से भी पीछे नहीं हटेंगे और देश की सरहदों की जान देकर हिफाजत करेंगे। वाज़ेह रहे की किसी भी देश के नागरिक का फ़र्ज़ होता है कि वह देश पर अपनी जान कुर्बान कर दे। लेकिन पाकिस्तानी मौलाना जवाद नकवी ने मौलाना कल्बे जवाद के इस खत को गलत ढंग से पेश किया और कहा कि मौलाना मोदी पर जान देने की बात कर रहे हैं।जबकि मौलाना कल्बे जवाद ने जो ख़त लिखा वह देश के प्रधान मंत्री को लिखा है। किसी पार्टी के नेता को नहीं लिखा है। मौलाना कल्बे जवाद ने पाकिस्तानी मौलाना जवाद नकवी के उस झूठ का जवाब देते हुए जायज़ा डेली को बताया की वह पाकिस्तान अपने फूफा मरहूम और शहीद मौलाना इरफ़ान हैदर की मजलिस पढ़ने गए थे।उन्होंने पाकिस्तान मे कोई अशरा वगैरा नहीं पढ़ा है।बताते चले की पाकिस्तान में मौजूदा समय में जो हालात पैदा हुए हैं। उसके पीछे खुद पाकिस्तान के फौज के प्रमुख जनरल बाजवा आईएसआई के प्रमुख और सरकार में बैठे हुए लोगों के अलावा सिपाहे साहब नामी आतंकवादी संगठन पेश पेश है। इस रैली में शिया विरोधी समूह सिपाह-ए-सहाबा के लोग बैनर लिए खड़े थे।इस संगठन पर पिछले कई सालों में शियाओं की हत्या के आरोप हैं।मौलाना कल्बे जवाद लखनऊ मे जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की उसकी तपिश पाकिस्तान मे महसूस की गई क्योंकि खुद जवाद नक़वी अपने को शिया कहते है। इस लिए वह पाकिस्तान मे हुए शिया मुखालिफ प्रदर्शन को लेकर मौलाना कल्बे जवाद को निशाना नहीं बना सके प्रधान मंत्री को लिखे ख़त को लेकर मौलाना को बदनाम करने के लिए उस ख़त का असली मज़मून ही बदल दिया गया बाहार हाल आईएसआई के इशारे पर पाकिस्तानी मुल्ला का जो काम था उसने किया।लेकिन अफ़सोस और तशवीश इस बात की भी है कि देश पर जान देने की बात करने पर मौलाना कल्बे जवाद को भारत मे किस के इशारे पर निशाना बनाया जा रहा हैं।वह भी जब देश पर जान देने की बात की जा रही हो और हमारी सेना के जवान सरहद पर मोर्चा लिए हुए हो इस समय देश की हिमायत करने वालो के खिलाफ बोलने का मतलब है देश के दुश्मन चीन और पाकिस्तान को तक़वियत पहुंचना हुआ।अब यह सवाल पैदा होता है बताते चले की पाकिस्तान के मौलाना जवाद नकवी ने जो विडिओ पोस्ट किया है। उसमे उन लोगो का भी ज़िक्र किया है। जो यहाँ उपरोक्त मामले में मौलान जवाद का विरोध कर रहे हैं। जवाद नक़वी की कई विडिओ ऐसी भी आ चुकी हैं जिनमे जनाबे मुख़्तार और मौला अली तक पर बोहतान लगाय गए है।भारत से जारी होंने वाली उपरोक्त वीडियो में मोहर्रम का हवाला देते हुए कहा गया हैकि बीजेपी की वजह से जुलूस और ताजिए नहीं निकल पाए यह सरासर झूठ है क्योंकि उत्तर प्रदेश में अगर बीजेपी की सरकार है तो दिल्ली,महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,आंध्र प्रदेश के अंदर किसकी सरकार है

 

मोहर्रम के जुलूस कोविड-19 की वजह से नहीं निकाले जा सके और यह सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं पूरे भारत वर्ष और पाकिस्तान बांग्लादेश तथा ईरान में भी उस पैमाने पर इस बार मोहर्रम नहीं मनाया जा सका जहां तक मौलाना कल्बे जवाद का सवाल है तो उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट का रुख नहीं करना चाहिए था हालांकि उन्होंने शिया समुदाय की भलाई के लिए यह कदम उठाया था जो खुद उनको उल्टा पड़ गया सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन का जो रवैया रहा वह निराश करने वाला नहीं कहा जा सकता हैक्योंकि वीडियो जारी करने वाले उपरोक्त व्यक्ति खुद धर्मगुरु हैं। औरउनके परिवार के लोग राजनीति में भी हैं।सवाल यह पैदा होता है संजय सिंह ने अपनी दिल्ली की सरकार से दिल्ली में मोहर्रम के जुलूस और ताजियों की परमिशन क्यों नहीं दिलवा दी।

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