जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता)कृषि सुधार बिल के विरोध में मोदी कैबिनेट से अकाली दल (अकाली दाल ) की नेता हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद, अब अकाली दल ने एनडीए से बाहर होने का भी फैसला कर लिया है। जानकारी के मुकताबिक, अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक दौरान एनडीए से अलग होने का फैसला लिया गया है। शिरोमणि अकाली दल ने अपने फेसबुक पेज पर कोर कमेटी की बैठक के बाद लाइव करके यह जानकारी दी है।अकाली दल का एनडीए से अलग होना भाजपा के लिये बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। अकाली दल कृषि विधेयक को लेकर नाराज़ था अकाली दल चालीस साल पुराना रिश्ता टूट गया। हाल में पास हुए कृषि बिलों को लेकर मोदी सरकार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ‘हम एनडीए का हिस्सा नहीं हो सकते हैं जो इन अध्यादेशों को लाया है। यह सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि शिरोमणि अकाली दल अब एनडीए का हिस्सा नहीं है। कोर कमेटी की बैठक बाद अकाली दल ने बयान जारी कर कहा, “शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने MSP पर किसानों की फसलों की खरीद की गारंटी देने से मना करने के कारण बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से बाहर होने का फैसला किया है. साथ ही केंद्र सरकार की पंजाबी और सिख मुद्दों के प्रति असंवेदनशीलता जारी है।”इससे पहले हिल गए नरेंद्र मोदी, अब दिल्ली के तख्त को हिलाना है- BJP के पुराने दोस्त अकाली सुखबीर सिंह बादल ये बातें तब कही है, जब पंजाब के विभिन्न किसान संगठन बार-बार साफ कर चुके हैं कि उन्हें किसी भी राजनीतिक दल की मदद की जरूरत नहीं है।शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मुक्तसर जिले में ट्रैक्टर चलाकर विरोध किया। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल उनके साथ ट्रैक्टर पर बैठी थीं। किसान बिलों को लेकर BJP के पुराने दोस्त और शिरोमणि अकाली दल (SAD) चीफ सुखबीर सिंह बादल ने हुंकार भरी है। कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिल गए हैं। अब बारी दिल्ली के तख्त को हिलाने की है। उनके मुताबिक, “सभी राजनीतिक पार्टियों को साथ आकर एक सामान्य प्लैटफॉर्म पर केंद्र के खिलाफ लड़ना चाहिए। दरअसल, शुक्रवार को सुखबीर के नेतृत्व में अकाली दल कार्यकर्ताओं ने मलौत-दिल्ली नेशनल हाईवे पर लंबी विस क्षेत्र में तीन घंटे तक चक्का जाम किया। बादल के साथ उस दौरान पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर भी थीं। बादल दंपति धरनास्थल पर विरोध स्वरूप करीब आठ किलोमीटर ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे थे। धरनास्थल पर सुखबीर ने कहा, “बीच में कुछ उपद्रवी हैं। आइए हम उनके साथ लड़ते हैं और सभी किसानों को एक साझा मंच के तहत आने देते हैं, ताकि दिल्ली के ‘तख्त’ (केंद्र सरकार) और यहां तक ​​कि कैप्टन (पंजाब में) की सरकार को हिला सकें।”

देवेंद्र फडणवीस और संजय राउत की होटल में हुई मुलाकात

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना सांसद संजय राउत के बीच मुलाकात हुई है। महाराष्ट्र में शिवसेना की कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन की सरकार बनने के बाद संभवत: दोनों नेताओ के बीच यह पहली मुलाकात है। देवेंद्र फडणवीस और संजय राउत की मुलाकात मुंबई के एक होटल में हुई थी। दरअसल, संजय राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के लिए फडनवीस का साक्षात्कार करने वाले हैं। वहीं फडणवीस ने कहा कि यह इंटरव्यू बिना एडिट किया हुआ होना चाहिए। साथ ही बिहार चुनाव के बाद इसे किया जाएगा। हालांकि इस मुलाकात के पीछे किसी भी राजनीतिक महत्वकांक्षा से इनकार किया जा रहा है।फिलहाल देवेंद्र फडणवीस का फोकस बिहार विधानसभा चुनाव 2020 पर है. बिहार चुनाव के लिए बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। बिहार चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान भी कर दिया गया है और 10 नवंबर को नतीजे आने हैं। बता दें कि 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि चुनाव के बाद बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग हो गई. शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। इसके बाद से ही बीजेपी और शिवेसना के बीच काफी तल्ख तेवर देखे जाते हैं। वहीं अब बीजेपी भी शिवेसना पर बयानबाजी करने से पीछे नहीं रहती है। इसी क्रम में देवेंद्र फडणवीस भी कई बार शिवसेना पर निशाना साध चुके हैं. कोरोना, सुशांत केस, कंगना जैसे मामलों पर देवेंद्र फडणवीस, शिवेसना और उद्धव सरकार को कई बार आड़े हाथों ले चुके हैं।

 

 

 

 

 

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