आज नहीं उठेगे 72 ताबूत
अन्जुमन – ए – शब्बीरिया के तत्वाधान मे उठने वाले 72 ताबूत का प्रोग्राम इस साल नहीं होगा।अन्जुमन -ए-शब्बीरिया की जानिब से अन्जुमन के जर्नल सिक्रेट्री इशरत रिज़वी ने ऐलान किया है कि कोरोना वबा की वजह से इस साल 10 सफ़र को बहत्तर ताबूत के उनवान से होने वाला प्रोग्राम नहीं होगा। यह प्रोग्राम अब आइन्दा साल होगा । यह प्रोग्राम बड़े इमामबाड़े मे होता रहा है।

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता )प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने आज 28 सितंबर को दिन में 11:00 बजे बड़े इमामबाड़ा में मजलिस के कार्यक्रम को 1 दिन के लिए स्थगित करने का ऐलान किया है मौलाना कल्बे जवाद ने जायजा डेली के संवाददाता को फोन पर बताया कि पुलिस प्रशासन ने उनसे 1 दिन का समय मांगा है। ताकि मामले का पटाक्षेप किया जासके बताते चलें कि शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने जिला अधिकारी लखनऊ चेयरमैन हुसैनाबाद ट्रस्ट के उस अखबारी बयान पर आपत्ति जताते हुए एहतिजाज करने का एलान किया था।मौलाना ने कहा के आज जनाबे सकीना की शहादत की तारीख है इस लिए शाम को मजलिस होगी

 

 

उनका आरोप है। कि जिला अधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए बयान में यह कहा है कि बड़ा इमामबाड़ा धार्मिक स्थल है या नहीं इस पर विधिक राय लेना पड़ेगी मौलाना ने पिछले 27 सितंबर को शाम को बड़ा इमामबाड़ा में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया तथा एहतिजाज के तौर पर मजलिस और मातम किया गया कल ही मौलाना ने एलान किया था कि जब तक इमामबाड़ा का धार्मिक स्वरूप प्रशासन लिखित तौर पर नहीं दे देता है। और मान लेता है। तब तक एजाज जारी रखेंगे इस बीच सोशल मीडिया पर 25 सितंबर का जिला अधिकारी कार्यालय का वह आदेश तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें हुसैनाबाद लाइट ट्रस्ट में कोविड-19 अनलॉक डाउन 4:00 के तहत 100 व्यक्तियों को शर्तों के साथ मजलिस मातम करने की अनुमति दी गई है।प्रशासन ने इसमें सख्त हिदायत के साथ यह अनुमति प्रदान की है। जिसमें सनीडाईज मांस लगाना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन किए जाने का आदेश है।यह आदेश हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन आने वाले बड़ा इमामबाड़ा छोटा इमामबाड़ा शाहनजफ तथा काज़मैन में की जाने वाली मजलिसो के लिए है।

इस बीच मशहूर अधिवक्ता मोहम्मद हैदर ने जायजा संवाददाता को बताया कि बड़ा इमामबाड़ा छोटा इमामबाड़ा शाहनजफ इत्यादि हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन आने वाले धार्मिक स्थल पुरातत्व विभाग के 1920 के आदेश के तहत भी धार्मिक स्थल है। इस बीच शमील शम्सी ने जारी बयांन मे कहा है की आज देर रात तक चली पुलिस/प्रशासन से मीटींग के बाद हमको देर रात ये 25 सितम्बर का ज़िला अधिकारी का एक पत्र मिला जिसमे हुसैनाबाद के आधीन तमाम इमामबाड़ों मे कोविड की गाइडलाइन के तहत अज़ादारी करने की इजाज़त की बात की गई है, मगर इसमे भी हमारी असल मांग इमामबाड़े को धार्मिक स्थल कहने से बचा गया है।

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