जायजा डेली न्यूज़ लखनऊ ( संवाददाता ) हाथरस मामले में एक दलित युवती के कथित गैंगरेप और हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका पर कई सवाल उठ रहे थे। इसके बाद शनिवार शाम को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की सीबीआई जांच की घोषणा की। लेकिन, यूपी सरकार की घोषणा के बाद ही मृतका के परिवार ने सीबीआई जांच का विरोध कर दिया।परिवार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की। परिवार का कहना था कि उन्होंने सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी। यूपी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट करते हुए सवाल उठाया कि परिवार न्यायिक जांच की मांग कर रहा है तब क्यों सीबीआई जांच का हल्ला करके एसआईटी की जांच जारी है।हाथरस मामले में सीबीआई जांच की मांग बसपा प्रमुख मायावती ने की थी. उन्होंने ट्वीट किया था कि इस मामले में सीबीआई से या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए। लेकिन, एक दिन पहले ही कई पुलिसकर्मी निलंबित किए गए, फिर अभियुक्तों, मृतका के परिवार के सदस्यों और जांच में शामिल पुलिसकर्मियों के नार्को टेस्ट के आदेश दिए गए और इसके बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) भी पूछताछ के लिए पहुंचा। लेकिन, इस सबके बीच अचानक आई सीबीआई जांच की सिफारिश पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या यूपी सरकार इस मामले में अपना पल्ला झाड़ना चाहती है। इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक राधिका रामाशेषन का कहना है कि यूपी सरकार इस वक़्त डेमेज कंट्रोल कर रही है।हाथरस मामले में एक बात और सामने आई कि जहां आमतौर पर सीबीआई को जांच सौंपने पर सभी पक्ष आश्वस्त हो जाते हैं और मामला शांत हो जाता है वहीं, इसमें ऐसा कुछ नहीं हुआ। परिवार ने तुरंत ही सीबीआई जांच का विरोध किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की है। इससे ये सवाल भी उठता है कि क्या सीबीआई जांच भी अब संदेह के घेरे में आ गई है, उस पर भरोसा डगमगाने लगा है और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की जरूरत पड़ने लगी है। राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश भले ही दे दिए हैं लेकिन पीड़ित पक्ष का भी नार्को टेस्ट कराने का आदेश दे दिया। पीड़ित लड़की के परिजन ख़ुद के नार्को टेस्ट कराने के फ़ैसले से हैरान हैं तो सीबीआई की बजाय न्यायिक जांच पर अड़े हुए हैं। इस बीच, कहा यह जा रहा है कि राज्य सरकार पर न सिर्फ़ विपक्षी दलों और जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शनों का दबाव है बल्कि बीजेपी के भीतर से भी दबाव पड़ रहा है और जानकारों का कहना है कि कई फ़ैसलों के पीछे सीधे केंद्र सरकार का हस्तक्षेप दिख रहा है।

भीम आर्मी चीफ़ चंद्रशेखर आज़ाद हाथरस में पीड़ित परिवार से मिले हैं। उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलने के बाद उनके लिए सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा है कि परिवार गांव में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा है कि, “मैं परिवार के लिए ‘वाई’ स्तर की सुरक्षा की मांग करता हूँ या फिर मैं परिवार को अपने घर ले जाऊंगा। वो यहां सुरक्षित नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच चाहते हैं।”

पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी को पुलिस का नोटिस।
पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी को मुरादाबाद पुलिस की तरफ से नोटिस जारी किया गया ।
उनके खिलाफ 4 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।सीए एनआरसी कानून के विरोध में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था।

नसीब पठान का निधन
कांग्रेस के पूर्व एमएलसी श्री नसीब पठान जी का आज गुड़गाव के मेदांता हॉस्पिटल में हुआ निधन। कोरोना के चलते गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में थे भर्ती।

हाथरस अम्बेडकर नगर मामले में महिला संगठन द्वारा बिना अनुमति के प्रदर्शन किए जाने की सूचना पर मुस्तैद हुई पुलिस प्रदर्शन की सूचना के बाद पुलिस छावनी में तब्दील हुआ लखनऊ का घंटाघर लगातार हो रहे धरना प्रदर्शन को देखते हुए लखनऊ की पुलिस हुई सतर्क हुसैनाबाद स्थित राजधानी के ऐतिहासिक घंटा घर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

लखनऊ में आज 524 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि
राजधानी में मौत ०७ हुई हैं । जबकि यूपी में आज पॉजिटिव 3930कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।यूपी में आज हुई मौत 0 52आज कुल 669 रोगियों को स्वस्थ होने के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया।आज जनपद लखनऊ में कोरोना वायरस के सम्बन्ध में सर्विलान्स एवं कान्टेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर टीमों द्वारा 9500 लोगो के सैम्पल लिये गये है। आज अलीगंज 42 ,आशियाना 20, इंदिरा नगर 48, आलमबाग 25, ठाकुरगंज 15, तालकटोरा 11, गोमती नगर 47, हसनगंज10, मड़ियांव 26, रायबरेली रोड 29, सरोजनीनगर 10, जानकीपुरम 21, महानगर 28, चौक 26, चिनहट 27, विकासनगर 24,कैन्ट14 कृष्णनगर 10इत्यादि स्थानों पर पाजिटिव रोगी पाये गये।

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