जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) हाथरस मामला गैंगरेप है या केवल रेप या कोई और भेद इस गुत्थी को सुलझाने के लिए सीबीआई हाथरस गैंगरेप मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों से पहले सीबीआई जेल में पूछताछ करेगी और जरूरत पड़ने पर रिमांड पर लेकर भी पूछताछ कर सकती है। साथ ही इस मामले में हाथरस और अलीगढ़ अस्पताल के डॉक्टरों और पुलिस टीम से भी सीबीआई पूछताछ करेगी। उधर ईडी ने भी हाथरस मामले में गिरफ्तार पीएफआई के चार संदिग्धों से मथुरा जेल में पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक पूछताछ से ईडी संतुष्ट नहीं है और इन चारों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने के लिए सीबीआई की जांच शुरू हो गई है। इसके तहत आज लगातार दूसरे दिन भी हाथरस की बेटी के घरवालों से सीबीआई की पूछताछ जारी रही। इसके पहले सीबीआई ने मंगलवार को मौके की और पीड़िता के घर पर जाकर भी जांच की थी और अनेक अहम चीजों को अपने कब्जे मे लिया था।

जांच लगातार जारी रहे इसके लिए सीबीआई ने अपना कैंप आफिस हाथरस में ही बना लिया है और जांच की अपनी रणनीति भी तैयार कर ली है।सीबीआई सूत्रों के मुताबिक यह घटना गैंगरेप की है या केवल रेप की या फिर इस कहानी मे भी कोई भेद है इसके लिए सीबीआई पीड़िता की शुरूआती दौर में मेडिकल जांच करने वाली हाथरस और अलीगढ़ के उन डाक्टरों की टीम समेत उस पुलिस टीम से भी पूछताछ करेगी जिसने शुरूआती दौर मे पीड़िता को देखा था और उसके बयान दर्ज किए थे। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई जानना चाहती है कि शुरूआती दौर मे पीड़िता ने पुलिस को क्या क्या बताया था और पुलिस ने क्या दर्ज किया। उसके बाद क्या उसने डाक्टरों को अपने साथ हुए कुकर्म की कोई बात बताई थी। साथ ही सीबीआई टीम अपनी इस रणनीति के तहत जेल मे बंद चारों आरोपियो से भी पूछताछ करने जा रही है औऱ इस पूछताछ के बाद सीबीआई जरूरत पड़ने पर इन लोगों को पूछताछ के लिए रिमांड पर भी ले सकती है।सूत्रों के मुताबिक सीबीआई इस मामले में सोशल मीडिया के जरिए सामने आए पीड़िता के बयानों की भी फोरेसिंक जांच कराने जा रही है. जिससे सच्चाई सामने आ सके। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई टीम ने आज पीड़िता के परिजनों को अलग-अलग बैठा कर उनके बयान दर्ज किए. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक यह मामला अपने आप मे बेहद संवेदनशील और पेचीदा है. लिहाजा हर कदम फूंक फूंक कर उठाया जा रहा है. उधर पीएफआई से संबंधों को लेकर हाथरस मामले में मथुरा में बंद चारों आरोपियों से पूछताछ करने ईडी की टीम मथुरा जेल पहुंची। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ से ईडी संतुष्ट नहीं है और इन चारों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।


अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई भाजपा के उम्मीदवार
जायज़ा डेली न्यूज़ पटना (संवाददाता) भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कुल छह महिलाओं सहित 35 उम्मीदवारों के नाम पार्टी ने घोषित किए हैं। इसमें छातापुर से विधायक नीरज सिंह बबलू को पार्टी ने फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। नीरज सिंह, दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे बड़े भाई हैं।बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय की ओर से जारी सूचना के मुताबिक पार्टी ने रामनगर(एससी) सीट से विधायक भागीरथी देवी को फिर पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। नरकटियागंज से रश्मि वर्मा, परिहार से गायत्री देवी, किशनगंज से स्वीटी सिंह, प्राणपुर से निशा सिंह, कोढ़ा(एससी) से कविता पासवान को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. इसी तरह सहरसा से आलोक रंजन झा, दरभंगा से संजय सरावगी, हायाघाट से रामचंद्र साह, केवटी से मुरारी मोहन झा, जाले से जीवेश कुमार, औराई से राम सूरत राय, कुढ़नी से केदार गुप्ता, मुजफ्फरपुर से सुरेश कुमार शर्मा, पाटेपुर(एससी) सीट से लखिंदर पासवान को मौका मिला है। बगहा से राम सिंह, लौरिया से विनय बिहारी, रक्सौल से प्रमोद सिन्हा, मोतिहारी से प्रमोद कुमार, चिरैया से लाल बाबू प्रसाद गुप्ता, ढाका से पवन जायसवाल, रीगा से मोती लाल प्रसाद, बाथनहा(एससी) से अनिल राम, बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा, खजौली से अरुण शंकर प्रसाद, बिस्फी से हरीभूषण ठाकुर, छातापुर से नीरज कुमार सिंह, नरपतगंज से जय प्रकाश यादव, फारबिसगंज से विद्यासागर केसरी, जोकीहाट से रंजीत यादव, सिट्टी से विजय मंडल, बायसी से विनोद यादव को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है. पूर्णिया से विजय खेमका, कटिहार से तारकिशोर प्रसाद को टिकट मिला है।

EMI पर हुए फैसले को लागू न करने से सुप्रीम कोर्ट नाराज़
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) लोन मोरेटोरियम के चलते टाली गयी EMI को लेकर हुए फैसले को अब तक लागू न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष जताया है। सरकार ने कोर्ट को 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज माफ करने की बात कही थी। लेकिन अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने 15 नवंबर तक प्रक्रिया पूरी करने की बात कही। बैंकों के संगठन IBA के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने इसे एक समय लेने वाली प्रक्रिया बताया। बेंच के अध्यक्ष जस्टिस अशोक भूषण ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा- “सरकार ने एक फैसला लिया। उसे लागू करने में इतनी देर समझ से परे है। कोर्ट में जवाब दाखिल कर फैसला बताया गया. लेकिन उसे लागू करने का सर्क्युलर जारी नहीं हुआ।“बेंच के सदस्य जस्टिस एम आर शाह ने कहा- “यह अच्छी बात है कि सरकार ने आम कर्जदारों की तकलीफ को समझा. लेकिन फैसला जल्द से जल्द लागू होना चाहिए। इस साल आम आदमी की दीवाली आपके हाथ में है।“ कोर्ट ने मामले की सुनवाई 2 नवंबर के लिए टालते हुए उम्मीद जताई कि तब तक ज़रूरी कदम उठा लिए जाएंगे। आज की सुनवाई में अलग-अलग सेक्टर को राहत पर भी चर्चा होनी थी। लेकिन समय की कमी के चलते ऐसा नहीं हो पाया. रिज़र्व बैंक ने कहा है कि बड़े लोन की रीस्ट्रक्चरिंग पर उसने बैंकों को निर्देश दिए हैं। अब यह मसला बैंक और कर्जदारों पर छोड़ देना चाहिए।

 

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