सात महीने बाद कल से स्कूल खुलने जा रहे हैँ अभिभावक स्कूल भेजने को तैयार नहीं
लगभग सात महीने बाद 19 अक्तूबर से यूपी में स्कूल खुलने जा रहे हैँ। इसके लिए सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन्स के हिसाब से स्कूलों ने पूरी तैयारी कर ली है। हालांकि बहुत से अभिभावक बच्चाें को स्कूल भेजने को तैयार नहीं है। इसके लिए उन्होंने लिखित परमिशन देने से मना कर दिया है। क्षाएं दो पालियों में संचालित की जाएंगी। पहली पाली में सुबह 8.50 बजे से 11.50 बजे तक और दूसरी पाली में दोपहर 12.20 बजे से दोपहर 3.20 बजे तक संचालित की जाएंगी। हर जिले में प्रशासन, शिक्षा विभाग से लेकर स्कूल के स्तर पर तैयारियां की गई हैं। स्कूलों ने प्रशासन को कोविड प्रोटोकॉल के तहत सैनिटाइजेशन, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मानक पूरे करने के संबंध में प्रमाण पत्र दिया है। वहीं, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के स्तर पर सौ से ज्यादा टीमों का गठन किया गया है। यह टीम सोमवार को स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगी। अकेले राजधानी लखनऊ में करीब 1020 स्कूलों की शुरुआत सोमवार से हो रही है। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि राजकीय स्कूलों के 51 प्रिंसिपल को इन स्कूलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा, जिला मजिस्ट्रेट की ओर से 106 अन्य अधिकारियों की निरीक्षण के लिए लगाया गया है। डीआईओएस ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर सभी सीएचसी और पीएचसी को अलर्ट पर रखने को कहा गया है । इसके अलावा, सभी एसडीएम और तहसीलदार को अपने क्षेत्रों के स्कूलों के निरीक्षण को कहा गया है। नगर निगम को पत्र लिखकर संसाधन विहीन स्कूल में साफ सफाई कराने की व्यवस्था पर पुख्ता करने के लिए कहा गया है । वहीं प्रयागराज में जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने जीजीआईसी प्रयागराज और कटरा में विद्यालय के खुलने से पूर्व की तैयारियों का निरीक्षण शुक्रवार को किया था। रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर व आर्य कन्या इंटर कॉलेज में भी पूरी व्यवस्था है। दो पालियों में चलेंगी कक्षाएं, 50 प्रतिशत छात्र बैठ सकेंगे दो पालियों में स्कूल चलेंगे। पहली पाली में कक्षा 9 व 10 और दूसरी पाली में कक्षा 11 व 12 के बच्चे बुलाए जाएंगे।विद्यालय खुलने पर प्रतिदिन प्रत्येक पाली के उपरांत कक्ष का सैनिटाइजेशन कराना होगा। बच्चों के आने पर ट्रेम्परेचर परीक्षण के बाद सैनिटाइजेशन कराना होगा। मास्क लगाना अति आवश्यक है। प्रत्येक विद्यालय में जिला प्रशासन के इन्टीग्रेटेड कंट्रोल रूम का नंबर डिस्प्ले करना होगा। यदि किसी विद्यालय में विद्यार्थी, शिक्षक अथवा किसी कर्मचारी को खासी, जुकाम या बुखार है तो उसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम में देनी होगी। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए विद्यालयों में एक कमेटी का गठन की जाएगी। ऑनलाइन कक्षाएं यथावत चलती रहेंगी उन्हें बंद नहीं किया जाएगा।दो शिफ्टों में 50-50 फीसद बच्चों को बुलाकर कक्षाएं संचालित की जाएंगी। लंच के समय बच्चे जब मास्क उतारें तो छह फीट की दूरी उनके बीच आवश्यक है। खाने-पीने की कोई सामग्री बच्चे आपस में शेयर न करें।

सरकार के जरिए मौजूदा सुरत हाल में स्कूल खोला जाना किसी भी हाल में सही कदम नही होगा – नवाबज़ादा सय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट

लखनऊ: यह सुनकर बेहद अफसोस हो रहा है की सरकार 19 अक्टूबर से स्कूल खोलने जा रही है। मेरे विचार में यह कदम किसी भी हाल में सही नही कहा जा सकता है। यह बातें रॉयल फैमिली के नवाबजादा सय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट ने कही। कोरोना के इस दौर में बच्चों के लिए स्कूल खोला जाना एक अच्छी खासी चुनौती से कम नही होगी। बच्चों का स्कूल मास्क पहन कर आना जाना और Social Distancing का पालन कराना यह भी एक बरी चुनौती से कम नही होगी ? नवाबजादा सय्यद मासूम रज़ा ने आगे कहा हमारे मुल्क के स्कूलों में और दूसरे मुल्क़ों के स्कूलों में बेहद फ़र्क है। हमारे देश में सहूलतें बहुत कम है । उन्होंने आगे कहा कि यहाँ हर किलास में बच्चों की तायदाद ज़्यादा होती है और खास कर बच्चों को सोशल distancing का पालन कराना स्कूलों के लिये बड़ी चुनौती और ज़िम्मेदारी होगी। क्योंकि यहाँ awareness की बहुत कमी है। यह सच है कि बच्चोँ के माँ बाप स्कूल खुले जाने का सुनकर बेहद डरे और सहमे हुए हैं जिसकी वजह कोरोना जैसी जान लेवा बीमारी है। जहाँ तक हॉस्पिटल की हालत है वह किसी से छिपा नही है । स्कूल खोलने से पहले बच्चों की हिफाज़त बेहद ज़रूरी है क्योंकि जान है तो जहान है।नवाबजादा सय्यद मासूम रज़ा ने आगे कहा कि मौजूदा हालात में स्कूल खोलना किसी भी हालत में सही कदम नही होगा ? मौजूदा हालात को देखते हुए यही बेहतर होगा कि इस साल स्कूल न खोलें जायें । बाहर के मुल्कों में स्कूल खोली गई और कोरोना फैलने की वजह कर बंद करनी पड़ीं । सरकार को online पढ़ाई पर ज़ोर देना चाहिये और इसमें ज़्यादा से ज्यादा सुधार करना चाहिये।

बलिया गोली कांड का मुख्य आरोपी लखनऊ मे गिरफ्तार

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) बलिया गोली कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को यूपी एसटीएफ ने रविवार को लखनऊ के जनेश्नर पार्क के पास गिरफ्तार कर लिया है। धीरेंद्र पर कोटा आवंटन के दौरान गोली चलाने का आरोप है। पुलिस की 12 से भी ज्यादा टीमें उसे खोजने में जुटी थीं। वहीं पुलिस ने शनिवार को तीन और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।आपको बता दें कि बलिया जिले कें रेवती क्षेत्र के ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की दो दुकानों के आवंटन के लिये गुरुवार दोपहर में पंचायत भवन में खुली बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। बैठक के दौरान दुर्जनपुर की दुकान पर सहमति नहीं बनी। बाद में वोटिंग कराने का निर्णय हुआ तो हंगामा शुरू हो गया।आरोपियों पर 75-75 हजार का इनाम दुर्जनपुर कांड के फरार आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने इनाम की घोषणा की गई थी। तीन दिनों के अंदर पुलिस पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह लखनऊ तलब
वहीं आरोपी धीरेंद्र के पक्ष में बयान देने पर भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह को लखनऊ तलब कर लिया गया है। यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह उनसे सवाल जवाब कर सकते हैं।बलिया के दुर्जनपुर गांव में कोटा आवंटन के गोली चलाने वाले आरोपी धीरेन्द्र सिंह के पक्ष आए विधायक सुरेन्द्र सिंह से बीजेपी शीर्ष नेतृत्व नाराज है। बताया जा रहा कि उन्हें लखनऊ बुलाया गया है। विधायक से पूरे मामले पर सवाल जवाब किया जा सकता है। दरअसल, भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने आरोपी धीरेन्द्र सिंह का खुलकर पक्ष लेते हुए अपनी ही सरकार की पुलिस पर प्रश्न खड़ा कर दिया। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए पूरे प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी को सौंपने की मांग की है।

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