जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) भारत में वांछित आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने समेत एफएटीएफ के दिये छह प्रमुख कार्यों को पूरा नहीं करने और उसकी आधिकारिक सूची से अचानक से 4,000 से अधिक आतंकवादियों के गायब हो जाने के बाद पाकिस्तान के ‘ग्रे सूची में ही बने रहने की संभावना है। अधिकारियों ने रविवार को यह बात कही। वित्तीय कार्य कार्रवाई बल (एफएटीएफ) का डिजिटल पूर्ण सत्र 21-23 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा जिसमें धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक प्रतिबद्धताओं और मानकों को पूरा करने में इस्लामाबाद के प्रदर्शन की पूरी तरह समीक्षा के बाद उसके ग्रे सूची में बने रहने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण को पूरी तरह रोकने के लिए कुल 27 कार्ययोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी दी थी जिनमें से उसने अभी 21 को पूरा किया है और कुछ काम पूरे नहीं कर सका है।पाकिस्तान ने जिन कार्यों को पूरा नहीं किया है, उनमें जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और संगठन के ऑपरेशनल कमांडर जाकिउर रहमान लखवी जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है। इसके अलावा एफएटीएफ ने इस बात का पुरजोर संज्ञान लिया है कि आतंकवाद रोधी कानून की अनुसूची पांच के तहत पाकिस्तान की 7,600 आतंकियों की मूल सूची से 4,000 से अधिक नाम अचानक से गायब हो गए। अधिकारी ने कहा, ”इन हालात में लगभग तय है कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा। इसके अलावा नामित करने वाले चार देश-अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी पाकिस्तान की सरजमीं से गतिविधियां चला रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की उसकी प्रतिबद्धता से संतुष्ट नहीं हैं। अजहर, सईद और लखवी भारत में अनेक आतंकी हमलों में संलिप्तता के लिए सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हैं।

अपनी ही पुलिस से छिपते फिर रहे हैं डीआईजी और एसपी
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) भ्रष्टाचार के मामलों में यूपी कैडर के दो आईपीएस इस समय अपने ही विभाग के लिए ‘वांटेड’ हो गए हैं। वे अपराधियों की तरह छिपते फिर रहे हैं। पुलिस की टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही हैं। गृह विभाग का दावा है कि यह प्रदेश में पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़े अधिकारियों खासतौर पर आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई हो रही है। वर्ष 2003 बैच के आईपीएस और डीआईजी पद पर तैनात रहे अरविन्द सेन और वर्ष 2014 बैच के आईपीएस और महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार अलग-अलग मामलों में अभियुक्त हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हैं। अरविन्द 22 अगस्त से और मणिलाल नौ सितंबर से निलंबित हैं। अरविन्द पर पशुपालन विभाग में टेंडर के नाम पर ठगी और भ्रष्टाचार के मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में 13 जून को मुकदमा दर्ज हुआ था। वह एसटीएफ की जांच में दोषी पाए गए थे। अग्रिम जमानत के लिए दायर उनकी अर्जी कोर्ट से निरस्त कर दी गई है। अब पुलिस की टीमें लखनऊ से लेकर फैजाबाद व अंबेडकरनगर तक उनकी तलाश कर रही हैं। इसके लिए कई टीमों का गठन किया गया है। अरविन्द फैजाबाद के रहने वाले हैं औ पूर्व सांसद स्व. मित्रसेन यादव के पुत्र हैं। इसी तरह महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार के खिलाफ 10 सितंबर को मुकदमा दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ कुछ दिन बाद ही लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण की अदालत ने वारंट जारी कर रखा है। उनकी गिरफ्तारी के लिए आईजी रेंज के स्तर से एसआईटी तक गठित है। महोबा की पुलिस टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली से लेकर राजस्थान तक दबिश दे रही हैं लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी के वायरल वीडियो से विवादों में आए मणिलाल बाद में कई गंभीर आरोपों में जकड़ गए। गोली लगने से इंद्रकांत की मौत हो जाने के बाद उनके विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में जांच के लिए आईजी रेंज वाराणसी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने भी उन्हें भ्रष्टाचार एवं इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का दोषी ठहराया।

राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को कोरोना
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसकी जानकारी जयंत चौधरी ने ट्वीट कर खुद दी है। जयंत ने ट्वीट कर लिखा कि परिवार के अन्य सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। डॉक्टरों की सलाह पर सभी जरूरी गाइडलाइन को फॉलो कर रहा हूं। फिलहाल मैं ठीक हूं। सभी से अपील है कि हाल के दिनों में जो भी मेरे संपर्क में आए हैं, वे अपनी जांच करवा लें।आपको बता दें कि हाथकांड के बाद जयंत चौधरी पीड़िता मिलने गए थे। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई थी। इस दौरान जयंत चौधरी लाठीचार्ज किया गया जिसमें जयंत के साथ कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे। इसके कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। यहीं नहीं लाठीचार्ज के विरोध में जयंत ने मुजफ्फरनगर और मथुरा में महापंचायत किया था, जिसमें हजारों की संख्या में लोग जुटे थे। इस महापंचायत में इंडियन नेशनल लोक दल के नेता अभय सिंह चौटाला, कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा भी शामिल हुए थे।

 

 

 

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