जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता )मेरठ जिले के सरधना थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। घटना के चलते मकान में रखा सिलेंडर भी फट गया। हादसे में गृह स्वामी व कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष सहित दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई मकानों का लेंटर गिरने से मलबे के नीचे दबकर दर्जनों लोग घायल हो गए। आला अधिकारी रेस्क्यू टीम के साथ राहत कार्य में जुटे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक कस्बे के मोहल्ला पीर जादगान में रहने वाला आसिम कांग्रेस का पूर्व नगर अध्यक्ष था। कस्बावासियों के मुताबिक गुरुवार सुबह करीब 9 बजे आसिम के मकान में तेज धमाका हुआ। धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास का पूरा इलाका दहल उठा और कई मकानों के लेंटर गिर गए। वहीं, कई मकानों में दरार आ गई। घटना के चलते क्षेत्र में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी के बाद आला अफसर मौके पर पहुंचे। पुलिस और क्षेत्रवासियों ने घंटों मशक्कत करते हुए मलबे के नीचे दबे लगभग डेढ़ दर्जन लोगों को बाहर निकलवाकर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया। बताया जा रहा है कि हादसे में मकान मालिक आसिम और उससे मिलने आए दोस्त कासिम की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।क्षेत्राधिकारी सरधना आरपी साही के मुताबिक प्रथम दृष्टया धमाके का कारण मकान में रखा सिलेंडर फटना बताया जा रहा है। हालांकि क्षेत्र में चर्चा है कि मकान में अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था। पहले पटाखों में धमाका हुआ और इसके बाद सिलेंडर फटा है। हालांकि अभी पुलिस ऐसी कोई पुष्टि नहीं कर रही है। उधर, घटना के बाद कस्बे में हड़कंप मचा हुआ है। गनीमत रही कि घटना के समय आसिम का परिवार मेरठ में एक शादी समारोह में शामिल होने गया था जिसके चलते हादसे में और जान जाने से बच गईं।

2022 चुनावी टिकट के लिए मांगे गए 2 करोड़ रुपये! BSP कार्यकर्ता ने जहर खा दी जान
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) यूपी के गाजीपुर में लंबे समय से बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता रहे एक शख्‍स ने मंगलवार देर रात जहर खाकर जान दे दी। घरवालों ने दावा किया है कि मुन्‍नू ठठेरा ने वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांगा था पर उनसे इस बाबत दो करोड़ रुपये की मांग की गई थी। पैसों का इंतजाम ना हो पाने के चलते उन्‍होंने खुदकुशी कर ली। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसकी जांच की जा रही है। घरवालों का कहना है कि यह सुसाइड नोट मुन्‍नू ने ही लिखा है।सदर कोतवाली इलाके में महाराजगंज गांव के रहने वाले मुन्‍नू ठठेरा बर्तन के व्यवसायी हैं। वह लंबे समय से बीएसपी के कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय थे। घरवालों का कहना है कि 1987 से मुन्‍नू बीएसपी के कार्यकर्ता थे। मुन्‍नू की बेटी सुनीता का दावा है कि कुछ दिन पहले उनके पिता की फोन पर एक बीसएपी नेता से बात हुई थी। उन्‍होंने मुन्‍नू ठठेरा को अगले विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाने का आश्‍वासन दिया था। सुनीता ने भी उस नेता से फोन पर बात की थी। घरवालों ने इंसाफ दिलाए जाने की मांग की है। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि मुन्‍नू ठठेरा के घरवालों ने पुलिस को सुसाइड नोट उपलब्‍ध कराया है। इसकी जांच की जा रही है। अन्‍य आरोपों की भी छानबीन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बिहार चुनाव आयोग ने मुंगेर ज़िले के डीएम और एसपी, हटाने का निर्देश दिया
जायज़ा डेली न्यूज़ पटना (संवाददाता) बिहार के मुंगेर ज़िले में लोगों का गुस्सा देखते हुए चुनाव आयोग ने ज़िले के डीएम और एसपी, दोनों को उनकी ड्यूटी से हटाने का निर्देश दिया है।साथ ही चुनाव आयोग ने मुंगेर में हुई घटना (हिंसा) की जाँच के आदेश भी दिये हैं जो मगध प्रमण्डल के कमिश्नर असंगबा चुबा आव करेंगे।चुनाव आयोग ने कहा है कि आज यानी गुरुवार को ही मुंगेर ज़िले में नये डीएम और एसपी की तैनाती का जायेगी।चुनाव आयोग ने यह बड़ी कार्रवाई मुंगेर में दशहरे पर माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई फ़ायरिंग और उसमें एक युवक की मौत के बाद की है। विपक्ष ने प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार पर इस घटना को लेकर ज़ोरदार हमला बोला है और झड़प में कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में एक युवक की मौत को ‘जलियाँवाला बाग़ जैसी घटना’ बताया है।

इस घटना से नाराज़ स्थानीय लोगों ने गुरुवार को ज़िला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास पर काफ़ी तोड़फोड़ की। इस घटना के बाद से मुंगेर में तनाव बना हुआ है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान बिहार के मुंगेर में हुई हिंसा को लेकर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का आक्रोश शांत होता नहीं दिख रहा है।विधानसभा चुनाव के मतदान में शांत रहे लोग अगले दिन भड़क उठे. शहर और आसपास के इलाकों में पुलिस के ख़िलाफ़ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ।सैकड़ों की संख्या में सड़क पर उतरे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने शहर के तीन थानों कासिम बाज़ार, कोतवाली और को पूरब सराय में आग लगा दी।ज़िले के एसपी और कलेक्टर के दफ्तर और आवास पर पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और नारेबाज़ी हुई।दूसरे अन्य पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों में भी तोड़फोड़ की गई. पुलिस के दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।मतदान के दिन भी लोगों का गुस्सा देखने को मिला था। शाम को कैंडिल मार्च निकाला गया।प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा का ही असर था कि मुंगेर में पूरे बिहार में सबसे कम सिर्फ़ 47.36 फ़ीसदी वोटिंग हुई।स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं का आरोप है कि मुंगेर की एसपी लिपि सिंह के आदेश पर ही पुलिस ने विसर्जन करने जा रहे लोगों पर गोलियां बरसाईं।

 

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