जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद में दलित प्रधानपति की गांव के ही पांच दबंग लोगों ने जलाकर हत्या कर दी। इस वीभत्स वारदात से गांव व आसपास के इलाकों में तनाव और दहशत का माहौल है। गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। पुलिस ने एक हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है।

स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस वारदात का संज्ञान लिया है और प्रशासन को हत्यारों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई का आदेश दिया है।वी आई पी ज़िला अमेठी के मुंशीगंज थानांतर्गत बन्दोइया गांव में दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई। दबंगों के कहर से गांव का प्रधान भी नही बच पाया। दबंगो ने गुरुवार रात प्रधानपति को अगवाकर आग के हवाले कर दिया। परिवार को रात में अधजली हालत में मरणासन्न हालत में मिले। परिवार ने गांव के ही 5 लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है।लखनऊ के ट्रामा सेंटर ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। हत्या के बाद गांव में तनाव है और पुलिस बल तैनात किया गया है।

पुलिस ने बताया कि घटना मुंशीगंज के बंदोइया गांव की है। यहां ग्राम प्रधान छोटका के पति अर्जुन (40) गुरुवार सुबह घर से निकले थे। परिवार का आरोप है कि गांव के ही केके तिवारी, आशुतोष, राजेश मिश्रा, रवि और संतोष ने उन्हें अगवा कर लिया।अर्जुन काफी देर तक घर नहीं लौटे तो उनके बेटे सुरेंद्र ने पुलिस में इसकी सूचना दी। रात करीब साढ़े दस बजे अर्जुन ग्रामीण कृष्ण कुमार के अहाते में अधजली हालत में मिले। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया और आज सुबह उन्हें वहां से लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। दलित प्रधान के पति अर्जुन गांव के ही एक घर में अधजली हालत में मिले थे।मृतक का एक ऑडियो भी सामने आया है। इसमें वो उन्हीं लोगों पर खुद को जलाने का आरोप लगा रहे हैं, जिन पर उनके परिवार ने आरोप लगाया है। स्मृति ईरानी ने इस पूरे मामले की जानकारी ली है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही है। एसपी दिनेश सिंह ने बताया कि 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

सऊदी भी चीन की राह पर जम्मू-कश्मीर और लेह को नहीं मान रहा है भारत का हिस्सा


जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता)भारत ने सऊदी अरब द्वारा पिछले हफ्ते जारी एक बैंक नोट में देश की सीमाओं के गलत चित्रण पर खाड़ी देश को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है और उससे कहा है कि इसे ठीक करने के लिए त्वरित कदम उठाए। यह जानकारी गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने दी। नए 20 रियाल के नोट पर प्रिंट किए गए वैश्विक मानचित्र में जम्मू-कश्मीर और लेह को भारत के हिस्से के रूप में नहीं दिखाया गया है। जी-20 समूह की सऊदी अरब द्वारा अध्यक्षता किए जाने के अवसर पर इसे जारी किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने सऊदी अरब से कहा है कि मामले में त्वरित सही कदम उठाए जाएं और कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा हिस्सा भारत का अभिन्न अंग है। श्रीवास्तव ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, आप जिस बैंक नोट का जिक्र कर रहे हैं उसे हमने देखा है जिसमें भारत की सीमाओं का गलत चित्रण किया गया है। नोट को सऊदी अरब के मॉनिटरी अथॉरिटी ने 24 अक्टूबर को सऊदी द्वारा जी-20 की अध्यक्षता करने के अवसर पर जारी किया था।उन्होंने कहा, हमने सऊदी अरब को नई दिल्ली में उनके राजदूत के माध्यम से और रियाद में भी अपनी गंभीर चिंता से अवगत करा दिया है और सऊदी अरब से कहा है कि इस बारे में जल्द सही कदम उठाए।श्रीवास्तव ने कहा, मैं फिर एक बार कहना चाहूंगा कि संघ शासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संपूर्ण हिस्सा भारत का अभिन्न हिस्सा है। मानचित्र में गिलगिट बाल्टिस्तान सहित पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं दिखाया गया है। पाकिस्तान,सऊदी अरब को अपना महत्वपूर्ण सहयोगी मानता है और पाकिस्तान के मानचित्र से पीओके को हटाए जाने को इस्लामाबाद में कई लोग अपने देश को झटका देने के तौर पर देख रहे हैं।


फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ख़िलाफ़ भोपाल में ज़बर्दस्त प्रदर्शन से चढ़ा सियासी पारा
जायज़ा डेली न्यूज़ भोपाल (संवाददाता) फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ख़िलाफ़ भोपाल के इक़बाल मैदान में हुए एक प्रदर्शन को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। गुरुवार को आयोजित हुए इस प्रदर्शन में हज़ारों की तादाद में मुसलमानों ने पहुँच कर फ़्रांस का न सिर्फ़ विरोध किया बल्कि फ़्रांस के झंडे को आग के हवाले कर दिया। बीते दिनों फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लाम धर्म को संकट में बताया था। पैग़ंबर मोहम्मद के एक कार्टून को दिखाने वाले टीचर सैमुअल पेटी की हत्या के बाद मैक्रों ने कहा था कि वे मुसलमान कट्टरपंथी लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेंगे।मैक्रों के इस बयान के बाद से दुनिया के कई देशों में उनके ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।भोपाल में भी विरोध प्रदर्शन हुए। भोपाल के इस प्रदर्शन को शहर के मुस्लिम उलेमाओं के साथ-साथ कांग्रेस के एक

मुसलमान विधायक का भी समर्थन हासिल था।शहर में बीते कुछ दिनों में फ़्रांस के राष्ट्रपति के मुसलमानों के बारे में कही गई बात को लेकर छोटे-छोटे विरोध प्रदर्शन आयोजित हो रहे थे, लेकिन गुरुवार को यह बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया गया. लोगों ने इमैनुएल मैक्रों के पोस्टर ज़मीन पर चिपकाए, ताकि लोग उन पर पैर रख सकें।इस प्रदर्शन के ज़रिए अब राजनीति तेज़ हो गई है। भाजपा के नेताओं की आपत्ति के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले में ट्वीट कर कहा, “मध्य प्रदेश शांति का टापू है। इसकी शांति को भंग करने वालों से हम पूरी सख़्ती से निपटेंगे।”उन्होंने लिखा कि “इस मामले में 188 आईपीएस के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।किसी भी दोषी को बख़्शा नहीं जाएगा, वो चाहे कोई भी हो।” ज़िला कलेक्टर ने फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ख़िलाफ़ जुटे हज़ारों लोगों पर कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया है।

प्रदर्शनकारियों पर आरोप है कि उन्होंने प्रशासन से मिली हिदायतों को पूरा नहीं किया।सभा स्थल पर मौजूद लोग बहुत क़रीब क़रीब खड़े थे। साथ ही उनमें से अधिकांश लोगों ने मास्क नहीं लगाए थे। शहर की तलैया पुलिस ने कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद के साथ 2,000 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया.। भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह पार्टी से अधिकृत प्रदर्शन था या नहीं।

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