जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता )बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगामी विधान परिषद चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन से जुड़े बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि विरोधी उनके बयान की गलत व्याख्या कर दुष्प्रचार कर रहे हैं। बसपा कभी भी भाजपा से मिलकर चुनाव नहीं लड़ने वाली। उन्होंने कहा कि मैं सन्यास ले लूंगी लेकिन भाजपा से गठबंधन नहीं करूंगी।दरअसल, सपा को हराने के मायावती के बयान के बाद सपा व कांग्रेस ने उनके बयान को तूल देना शुरू कर दिया था और बसपा के खिलाफ मुस्लिम वोटरों में माहौल बनाने की कोशिश की जिसके बाद मायावती ने सोमवार को मीडिया से बात कर सफाई दी। मायावती ने बिहार विधानसभा चुनाव, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में इस बयान के नकारात्मक असर के आकलन के बाद डैमेज कंट्रोल की कोशिश की। मायावती ने कहा कि वह राजनीति से सन्यास ले सकती हैं लेकिन भाजपा से मिलकर कभी चुनाव नहीं लड़ सकतीं। जब तक जिंदा हूँ, यह संभव नहीं है। हालांकि, साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि राजनीति से सन्यास नहीं लेंगी। वह बहुत मजबूत, तगड़ी और स्वाभिमानी हैं। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस, सपा व भाजपा कितना भी दबाए वह दबने वाली नहीं हैं। वह पूंजीवादी, जातिवादी व संकीर्ण विचारधारा वाली ताकतों से मुकाबला करती रहेंगी।

राज्यसभा:यूपी से BJP के 8 प्रत्याशी निर्विरोध जीते, सपा-बसपा को एक-एक सीट मिली
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (सवाददाता)उत्‍तर प्रदेश से राज्‍यसभा की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में सोमवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत सभी 10 उम्‍मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए। सोमवार को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख थी। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 8, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को एक-एक सीट पर जीत मिली है।भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, पूर्व डीजीपी बृजलाल, नीरज शेखर, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी और बीएल वर्मा जीते तो सपा से रामगोपाल यादव और बसपा से रामजीत गौतम उच्च सदन पहुंच गए हैं। निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए सदस्‍यों को सहायक निर्वाचन अधिकारी मोहम्‍मद मुशाहिद सईद ने उनके प्रमाण पत्र सौंपे। इन सभी का कार्यकाल 25 नवंबर 2020 से 24 नवंबर 2026 तक रहेगा। राज्‍यसभा में उत्‍तर प्रदेश कोटे से 31 सीटें हैं। इनमें अब सर्वाधिक 22 सीटें भारतीय जनता पार्टी की हो जाएंगी जबकि समाजवादी पार्टी के पास पांच और बसपा के खाते में तीन सीटें रहेंगी। कांग्रेस के पास अब उत्‍तर प्रदेश से राज्‍यसभा की सिर्फ एक सीट रह जाएगी।

यूपी की सात सीटों पर कल 88 उम्‍मीदवारों की किस्‍मत का फैसला करेंगे मतदाता
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (सवाददाता)उत्‍तर प्रदेश विधानसभा की सात सीटों पर उप चुनाव के लिए मंगलवार को होने जा रहे मतदान में निर्दलीय समेत कुल 88 उम्‍मीदवारों की किस्‍मत का फैसला मतदाताओं के हाथ में होगा। निर्वाचन आयोग ने सकुशल चुनाव संपन्‍न कराने की तैयारी पूरी कर ली है। जिन सातों सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है उनमें से छह सीटें पहले सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास थीं और एक सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के पास रही है। इस उपचुनाव का परिणाम 10 नवंबर को आएगा। हाथरस और बलरामपुर में दलित समुदाय की महिलाओं के साथ कथित सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्‍या के बाद कानून-व्‍यवस्‍था के मुद्दे पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व की सरकार विपक्ष के चौतरफा हमलों का सामना कर रही है। इस दौरान मुख्‍यमंत्री ने शनिवार को जौनपुर और देवरिया की चुनावी सभाओं में एलान किया कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक कानून लाएगी। पिछले सप्‍ताह भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने उप चुनाव के लिए आजाद समाज पार्टी के उम्‍मीदवार के लिए बुलंदशहर में अभियान शुरू किया था। चंद्रशेखर के नेतृत्‍व में बनी आजाद समाज पार्टी का इस उप चुनाव में पहली बार परीक्षण होगा कि दलित मतदाताओं के बीच उनकी पकड़ कितनी मजबूत है। आजाद समाज पार्टी का उदय भीम आर्मी के राजनीतिक आंदोलन के फलस्‍वरूप हुआ है। आजाद समाज पार्टी ने बुलंदशहर में मोहम्‍मद यामीन को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्‍ला ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सातों सीटों पर जहां उप चुनाव होना है वहां निष्‍पक्ष, शांतिपूर्ण, समावेशी और कोविड-19 के दृष्टिगत सुरक्षित मतदान के लिए समस्‍त तैयारी पूरी कर ली गई है। शुक्‍ला ने मतदाताओं से अपेक्षा की है कि कोविड-19 से सुरक्षा के लिए किये गये उपायों का पूरी तरह पालन करते हुए शारीरिक दूरी बनाकर मतदान करें।

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