जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (प्रमुख संवाददात ) केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह से प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नक़वी की मुलाक़ात में शिया समाज के लिये की गई मागों के बाद उत्तर प्रदेश में शिया सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी के ख़िलाफ़ C B I हरकत में आ गई है ।अब मौलाना कल्बे जवाद ने जम्मू- कशमीर में शिया समुदाय के मसाएल का बेड़ा उठाया है। इतवार को वह जम्मू कशमीर के दौरे पर पहुँच गए हैं। जहाँ वह जम्मू- कशमीर के लेफ्टिनेन्ट गवर्नर मनोज सिन्हा से मुलाक़ात करेंगें। कश्मीर मे शिया समुदाय के लोग अल्पसंख्यक हैं।

वहाँ एक लम्बे समय से शिया समुदाय के धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबन्ध है। जनगणना के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, कश्मीर और जम्मू के कुल आबादी का अनुपात दस और कहीं-कहीं पच्चीस फ़ीसदी तक है। लेकिन शिया धर्म गुरुओं और प्रचारकों का कश्मीर के राजनीतिक,धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। परन्तु वहां इस समुदाय की अपनी अलग कोई पहचान नहीं है। लद्दाख, करगिल और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर गिलगित, बाल्तिस्तान इलाके में शिया बहुमत में हैं ।गौरतलब है कि पिछले सत्ताईस साल से कश्मीर में मुहर्रम के जुलूस पर पाबंदी है और जब भी शिया लोग जुलूस निकालने की कोशिश करते हैं,

तो पुलिस उन पर लाठीचार्ज करती है। जानकारों का कहना है कि सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनीतिक तनाव के कारण शिया-सुन्नी समुदायों के बीच जो तनाव बढ़ा है।सूत्र बताते हैं कि अमित शाह के साथ मुलाकात में मौलाना कल्बे जवाद नें उत्तर प्रदेश के अलावा कशमीर में शिया समुदाय के मामलात और मौजूदा हालात पर भी चर्चा की। इस बीच मौलाना कल्बे  जवाद ने हमारे संवाददाता से बात-चीत में बताया कि इतवार को वह जम्मू – कशमीर के दौरे पर पहुँच गए हैं कल सुबह तक वह लेफ़्टिनेन्ट गवर्नर से मुलाक़ात करेंगें। इसके अलावा वह शिया धर्म गुरुओं और मुक़ामी शिया लीडरों से भी मुलाक़ात करेगे। मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि वह कशमीर में शिया समुदाय के धार्मिक जुलूसों पर से प्रतिबन्ध हटाने और शिया वक्फ़ बोर्ड के अलग गठन जैसे मामलों को उठाएँगें। याद रहे मौलाना कल्बे जवाद पुरे देश मे शिया समुदाय के अकेले बड़े मज़हबी लीडर है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया समुदाय के जुलूस हाए अजा पर इक्कीस वर्षो से आयद पाबन्दी को खत्म कराने में अहम किरदार निभा चुके हैं। लखनऊ में अज़ादारी के जुलूसों की बहाली के लिये तीन लोगों के आत्मदाह के बाद 1997 में मौलाना कल्बे जवाद नें एक बड़ी तहरीक चलाई थी। उस वक़्त मायावती शासन काल में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। लेकिन मौलाना की गिरफ्तारी के बाद तहरीक-ए- अज़ादारी मज़ीद ताक़तवर हो गई थी। जिसके बाद बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार में एक त्रिपक्षीय मुहाएदा कर के जुलूस उठाने की इजाज़त दी गई थी। मौलाना कल्बे जवाद ने दिल्ली में दरगाह शाहे मर्दां की बेशक़ीमती ज़मीन को ज़मीनी माफ़ियाओं से मुक्त कराने के लिये लम्बी लड़ाई लड़ी कांग्रेस के ज़माने मौलाना को गिरफ्तार किया गया। बीजेपी के गवर्नर से मुलाक़ात के बाद मौलाना दरगाह की सारी ज़मीन को मुक्त कराने में कामयाब रहे। मौलाना कल्बे जवाद ने बिहार में शिया वक्फ़ जमीनों पर नाजायज़ कब्ज़ो और आलेमा पर लाठी चार्ज के ख़िलाफ़ भी तहरीक चलाई। बिहार में शिया वक्फ़ बोर्ड का अलग गठन कराने में भी कामयाब रहे हैं। कश्मीर में सक्रिय जिहादी और राष्ट्रविरोधी तत्वों ने शिया अल्पसंख्यकों को डराकर उन्हें भगाने की साजिश रची है। इसके तहत इसी साल श्रीनगर के छत्ताबल में स्थित शिया समुदाय के एक प्रमुख धर्मस्थल में आग लगाने का प्रयास किया गया। इसमें पाकिस्तान की साज़िश होती है, हालांकि, वह अपने मकसद में नाकाम रहे। इस वर्ष कश्मीर में शिया समुदाय के किसी धर्मस्थल पर तीन हमले हुए और अल्पसंख्यकों के धर्मस्थलों पर चार हमले हुए थे।कश्मीर मे इमाम हजरत-ए-मूसा काजिम (अ.स.)के हाथ से लिखी कुरान पाक रखी है।धर्मस्थलों में छत्ताबल में स्थित इस धर्मस्थल की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां सातवें इमाम हजरत-मूसा काजिम के हाथ से लिखी गई पाक कुरान की एक दुर्लभ पांडुलिपि है।

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