जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता ) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सभी धर्मों के लिए तलाक और गुजारा भत्ते का एक समान आधार लागू करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। इसके तहत कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया और कहा कि इस तरह की मांग का पर्सनल लॉ पर असर होगा।भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि सभी धर्मों की महिलाओं के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए और अगर कुछ धार्मिक प्रथाओं ने उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया है, तो ऐसी प्रथाओं को खत्म किया जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा कि हमें इस मामले पर सावधानी से सोचना होगा। बेंच ने कहा, ”आप हमें उस दिशा में ले जा रहे हैं जो पर्सनल लॉ में अतिक्रमण करेगा और पर्सनल लॉ जिस उद्देश्य के लिए हैं उन्हें ध्वस्त करेगा।” सभी धर्मों के लिए तलाक के समान आधार और सभी धर्मों के लिए गुजारे भत्ते के समान नियम लागू करने की मांग वाली ये याचिकाएं वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की हैं। इन याचिकाओं पर सीनियर एडवोकेट पिंकी आनंद व मीनाक्षी अरोड़ा ने बहस की। सुनवाई के दौरान पिंकी आनंद और मीनाक्षी अरोड़ा ने दलील दी कि तलाक और गुजारा भत्ता मामले में अलग-अलग धर्म में विभेद है और इस भेदभाव को खत्म किया जाना चाहिए। जब पीठ ने पूछा, “क्या हम व्यक्तिगत कानूनों में प्रवेश किए बिना इन भेदभावपूर्ण तलाक आधारों को हटा सकते हैं?”इस पर वकीलों ने शायरा बानो के फैसले का हवाला दिया जहां SC ने ट्रिपल तालक को असंवैधानिक करार दिया था। सीजेआई एस ए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने कहा, “हम सर्तक नोटिस जारी कर रहे हैं।” क्योंकि इस तरह की मांग का पर्सनल लॉ पर असर होगा।

उत्तर प्रदेश केजरीवाल और असदुद्दीन ओवैसी की दस्तक से सियासी हलचल तेज़

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता ) उत्तर प्रदेश में २०२२ के विधान सभा चुनाव के लिए सियासी हलचल तेज़ हो गई है।इस बार हिन्दोस्तान की सयासत मे अपनी खास पहचान रखने वाले दो खास चेहरे उत्तर प्रदेश की सियासत में नए गुल खिलने की फिरक मे है। फ़िलहाल इनकी दस्तक ने कई बड़े सियासी दलों की बेचैनी में इज़ाफ़ा कर दिया है।आज जहाँ एक तरफ आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा 2022 में होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया वही असदुद्दीन ओवैसी लखनऊ मे छोटे सियासी दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं । लखनऊ मे होटल लेमन ट्री में ओमप्रकाश राजभर और असदुद्दीन ओवैसी की मुलाकात हुई है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व में बाबू सिंह कुशवाहा की जनाधिकार पार्टी, अनिल सिंह चौहान की जनता क्रांति पार्टी, बाबू राम पाल की राष्ट्र उदय पार्टी और प्रेमचंद्र प्रजापति की राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी ने भागीदारी संकल्प मोर्चा के नाम से नया गठबंधन तैयार किया है। यूपी की पिछड़ी जातियों के नेताओं का गठबंधन है। ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में इस गठबंधन का ऐलान किया है।डॉ अय्यूब अंसारी पीस पार्टी, भीम आर्मी के चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी, रघुराज प्रताप सिंह की जनसत्ता पार्टी, अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस), संजय निषाद की निषाद पार्टी के अलावा असदुदीन ओवैसी की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुसलमीन, राम सागर बिंद की भारत माता पार्टी और दलित-वंचित समाज पार्टी सहित तमाम छोटी पार्टियां किस्मत आजमाने के लिए बेताब हैं। बीजेपी ने उत्‍तर प्रदेश में साल 2002 से ही छोटे दलों से गठबंधन की राजनीति शुरू कर जातियों को सहेजने की पुरजोर कोशिश की है, लेकिन इसका सबसे प्रभावी असर 2017 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला, जब बीजेपी ने सूबे में अपनी सत्ता का वनवास खत्म करने के लिए अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन का प्रयोग किया था। बीजेपी का यह छोटे दलों फॉर्मूला हिट रहा, जिसे अब सूबे में सपा सहित तमाम राजनीतिक दल आजमाना चाहते हैं। अखिलेश यादव के साथ फिलहाल तीन छोटी पार्टिया साथ हैं, लेकिन शिवपाल यादव की नजर भी छोटी पार्टियों पर है और अनुप्रिया पटेल पहले से बीजेपी के खेमे में है. ऐसे में रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के साथ अखिलेश यादव के छत्तीस के आंकड़े हैं। वहीं, शिवपाल के साथ राजा भैया के संबंध बेहतर है, जिसके चलते दोनों के साथ आने की संभावना है. अय्यूब अंसारी की पीस पार्टी अपने सियासी वजूद को बचाए रखने की कवायद में है, जिसके लिए उनकी नजर किसी बड़े दल के साथ है. ऐसे में सपा के साथ पीस पार्टी के आने की संभावना बन सकती है, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM सपा से ज्यादा बसपा के साथ गठबंधन करने की कवायद में है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली इसके संकेत भी दे चुके हैं।

कोविड-19 प्रबंधन को लेकर केजरीवाल का योगी पर निशाना, बोले- हम आपकी तरह फर्जी कोरोना टेस्ट नहीं करते

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता )आम आदमी पार्टी (AAP) के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में उतरने के ऐलान के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं और सभी राजनीतिक दल अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आज उत्तर प्रदेश में कोविड-19 प्रबंधन दिल्ली से बेहतर होने के दावे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर उन पर निशाना साधा।केजरीवाल ने कहा कि योगी जी को सोते जागते उठते बैठते दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी ही दिखाई देती है योगी जी, हमारे कोरोना पर शानदार काम की चर्चा UP के गली मोहल्लों में हो रही है। आपकी तरह हम फर्जी कोरोना टेस्ट नहीं करते, बाकी मनीष जी 22 दिसंबर को आपके मंत्री के आमंत्रण पर डिबेट करने लखनऊ आ रहे हैं। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद यूपी ने कोविड-19 प्रबंधन में सर्वोत्तम परिणाम दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो महीने पहले राज्य में 68,000 एक्टिव मामले थे और अब यह आंकड़ा 18,000 से कम है। यूपी सबसे अधिक टेस्ट करने वाला राज्य है और हमारे यहां सबसे कम सकारात्मकता दर और सबसे कम मृत्यु दर है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप इसकी तुलना दिल्ली से करेंगे तो देखेंगे कि यूपी की आबादी 24 करोड़ है और यहां 8,000 मौतें हुई हैं, जबकि दिल्ली में 1.75 करोड़ की आबादी के बावजूद वहां 10,000 मौतें हुई हैं।

सिसोदिया ने स्वीकार की योगी के मंत्री की चुनौती, बोले- मैं 22 को लखनऊ आऊंगा, आप समय और स्थान तय कर लें
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता )आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा 2022 में होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को चुनौती देते हुए कहा था कि मैं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया को उत्तर प्रदेश के स्कूलों का दौरा करने के लिए आमंत्रित करता हूं। इससे उनकी आंखें खुल जाएंगी। यूपी सरकार की इस प्रतिक्रिया पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बुधवार को कहा कि कल जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहा कि हम 2022 का यूपी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद यूपी सरकार के कई मंत्रियों ने हमें दिल्ली के स्कूलों के मॉडल बनाम यूपी स्कूलों के मॉडल पर बहस के लिए चुनौती दी। मुझे चुनौती स्वीकार है। सिसोदिया ने कहा कि मैं 22 दिसंबर को लखनऊ आऊंगा। आप बता दीजिए कि मुझे कब और कहां और किससे बहस करनी है। सिसोदिया ने कहा कि कल जैसे ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि ‘आप’ उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो 70 सालों में पहली बार यूपी के नेताओं ने स्कूल और अस्पताल की बात करना शुरू की। उनके मुंह से स्कूल और अस्पताल की बात निकलना थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह एक अच्छी शुरुआत है। सिसोदिया ने कहा कि आए दिन समाचार रिपोर्टें यूपी के स्कूलों की स्थिति को दर्शाती हैं। इन रिपोर्टों के आधार पर मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करता हूं कि उन्होंने पिछले 4 वर्षों में बहुत आनंद लिया और केवल 1 वर्ष और शेष रह गया है। अब या तो यूपी के स्कूलों में सुधार होगा या लोग एक साल बाद यूपी की राजनीति को बदल देंगे। सिसोदिया ने कहा कि यूपी के मंत्री बस 10 सरकारी स्कूल दिखा दें जो उन्होंने पिछले 4 साल में ठीक किए हों। मैं भी उन स्कूलों को देखना चाहूंगा।

 

 

 

 

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