BJP नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन को बताया जाएज़

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता )पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि किसानों ने जिस आंदोलन का बिगुल बजाया है उसमें कुछ भी गलत नहीं है। सरकार को किसानों से बातचीत कर जल्द ही इसका हल निकालना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वह सरकार का विरोध नहीं बल्कि किसानों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटू राम विचार मंच हमारी एक संस्था है जो पिछले 17-18 साल से किसानों के हितों के लिए काम कर रही है। उन्होंने आह्वान किया था और मैं भी उसका एक सदस्य हूं, इसलिए किसानों के साथ खड़ा हूं। उन्होंने कहा कि जब मैं पैदा हुए था तब किसान का बेटा था, पढ़-लिखकर राजनीति में आया पहले कांग्रेस और अब भाजपा हूं, इसलिए इसका मतलब यह नहीं है कि मेरी जो पृष्ठभूमि है, मैं उसे छोड़ दूं। उन्होंने कहा कि सर छोटू राम ही एक ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने आजादी से पहले से ही कृषि सुधारों के लिए काम शुरू कर दिया था। आज भी सर छोटू राम को आज भी किसान मसीहा के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सभी मुद्दों का हल संवाद से निकल सकता है, इसलिए सरकार को किसानों को विश्वास में लेना चाहिए और उनकी दिक्कतों को दूर करना चाहिए। चौधरी बीरेंद्र सिंह ने इस बात की भी प्रशंसा की कि किसानों ने राजनीतिक दलों को अब तक आंदोलन से दूर रखा है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के सार्थक परिणाम निकलेंगे।बीरेंद्र सिंह आज को सांपला में किसान आंदोलन के समर्थन में उपवास पर बैठे छोटू राम विचार मंच कार्यकर्ताओं को समर्थन देने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए बीरेंद्र सिंह ने कहा कि भविष्य में वह केवल किसानों की ही राजनीति करेंगे।

हाथरस कांड: दलित लड़की के साथ हुआ था गैंगरेप, सीबीआई की चार्जशीट में आरोप
कोर्ट ने हाथरस के डीएम और एसपी को तलब किया

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता )उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की से कथित गैंगरेप के बाद मौत के मामले में शुक्रवार को सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दी।चार्जशीट में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया। आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि सीबीआई ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर रेप और हत्या का आरोप लगाया गया है। वकील ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने पीड़िता के आखिरी बयान को चार्जशीट का आधार बनाया है। वकील ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में आरोपी बनाए गए चार लोगों के खिलाफ IPC की धारा 325-SC/ST एक्ट, 302, 354, 376 A और 376 D के तहत चार्जशीट फाइल की है।सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को पिछले महीने गुजरात ले जाकर उनका ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाई थी। आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग भी हुई थी। इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते पहले ही CBI को मिल चुकी है।सीबीआई पीड़ित के भाई को फोरेंसिकसाइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। हाथरस केस में पीड़ित के भाई ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी। सूत्रों की मानें, तो सीबीआई को कुछ सवालों के सटीक जवाब चाहिए। इसलिए, पीड़ित के भाई का साइक्लोजिकल असेस्मेंट कराया जा रहा है। इस तरीके से पूछताछ में डायरेक्टर और इनडायरेक्ट सवाल किए जाते हैं। पूरी प्रोसेस की रिकॉर्डिंग की जाती है।कोर्ट ने 16 दिसंबर को ही सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तय कर दी थी। कोर्ट ने उस दिन हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार और एसपी रहे विक्रांत वीर को तलब किया है। तब पीड़ित परिवार भी कोर्ट में मौजूद होगा। हालांकि, अभी तक कोर्ट ने पीड़ित परिवार को मकान और नौकरी देने के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया है। पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा- पीड़ित परिवार को कंपनसेशन दिलाने की जिम्मेदारी हाथरस डीएम की थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था। लड़की के साथ मारपीट भी की गई थी। गंभीर हालत में लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई।सफदरजंग अस्पताल में पीड़ित की मौत के बाद पुलिस ने रात में ही पीड़ित का शव गांव ले जाकर परिवार की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

शिवसेना ने 1971 युद्ध के लिए कांग्रेस को सराहा, भाजपा पर साधा निशाना
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता )शिवसेना ने शुक्रवार को भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में जो लोग कांग्रेस के योगदान पर लगातार सवाल खड़े करते हैं, उन्हें 1971 के ऐतिहासिक घटनाक्रमों के बारे में जानना चाहिए जब पाकिस्तान को परास्त करके बांग्लादेश का निर्माण हुआ। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि मौजूदा समय में चीनी और पाकिस्तानी बल भारत के साथ लगती सीमाओं पर दिक्कतें पैदा कर रहे हैं।मराठी भाषा में प्रकाशित मुखपत्र में कहा गया कि चीन लद्दाख से नहीं हट रहा है जबकि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन कर रहा है। 50 साल पहले पाकिस्तान को सबक सिखा दिया गया था। आज के बारे में क्या कहना है? अनुच्छेद 370 को खत्म किए एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन जम्मू-कश्मीर में शांति नहीं है।संपादकीय में 1971 के युद्ध को रोमांचक और प्रेराणादायी करार दिया गया। महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी ने कहा कि पाकिस्तान के ऊपर जीत हासिल किए हुए इस साल 50 वर्ष पूरे हो गए और यह इंदिरा गांधी की कूटनीतिक और रणनीतिक फैसलों के ऐतहासिक घटनाक्रमों को याद करने का समय है। इसी रणनीति ने पाकिस्तान को अमेरिकी बेड़े की मदद पहुंचने से पहले हरा दिया।सामना में कहा गया कि भारतीय सेना ने फील्ड मार्शल सैम मानिकशॉ के नेतृत्व में पाकिस्तानी बलों पर हमला किया और उन्हें 13 दिन के भीतर समर्पण करने को मजबूर कर दिया। अपने पुराने सहयोगी भाजपा का नाम लिए बिना उस पर हमला करते हुए शिवसेना ने कहा कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर बचकाना सवाल ‘कांग्रेस ने 70 वर्षों में क्या किया’ पूछा जाता है। इन लोगों को 1971 के युद्ध के बारे में जानना चाहिए। शिवसेना ने कहा कि यह सच्चाई है कि सबक सिखाए जाने के बाद भी पाकिस्तान उससे सीख लेने से इनकार कर रहा है। शिवसेना ने कहा कि 2020 में पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर 4,052 बार संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया। कांग्रेस ने क्या किया, यह पूछे जाने से बेहतर है कि यह सोचा जाए कि लद्दाख में चीनी घुसपैठ और पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है।


कब खत्म होगा किसान आंदोलन? जानें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का जवाब
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता ) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे का समाधान करने के लिए अब विभिन्न किसान संगठनों के साथ अनौपचारिक वार्ता कर रही है। मंत्री ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि साल समाप्त होने से पहले कोई समाधान निकाल लिया जाएगा। इसके पहले केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को खत्म करने के लिए औपचारिक वार्ता का प्रयास किया गया पर गतिरोध बरकरार है। यह पूछे जाने पर कि क्या किसानों का मुद्दा साल 2020 की समाप्ति से पहले सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा-हां, मुझे पूरी उम्मीद है, हर किसी का अपना एजेंडा है, मेरा एजेंडा किसान है, मुझे बताइए कि कृषि कानूनों का कौन सा प्रावधान किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है, हम चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने किसान संगठनों से कहा कि इन कानूनों को निरस्त करने या वापस लेने पर जोर नहीं दें, इन्हें किसानों के फायदे के लिए लागू किया गया है। तीनों कृषि कानूनों को लाभकारी बताते हुए किसानों को गुमराह करने के लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया। हजारों की संख्या में किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब एवं हरियाणा से हैं, दिल्ली की सीमाओं पर पिछले तीन हफ्ते से अधिक समय से नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसानों को 50-50 लाख रुपये पर पाबंद किये जाने से अखिलेश यादव भड़के

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता ) समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने संभल में किसान नेताओं को नोटिस जारी कर निजी मुचलका भरने के प्रशासनिक फरमान को लेकर उत्‍तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा कि उप्र की भाजपा सरकार प्रदर्शनकारी किसानों पर प्रति किसान 50-50 लाख रुपये के मुआवजे के मुकदमे कर रही है जबकि उच्‍चतम न्‍यायालय किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को वैधानिक मान्‍यता दे चुका है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा जैसी जन विरोधी सरकार आज तक नहीं आई।उल्‍लेखनीय है कि संभल में कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस की रिपोर्ट पर प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। संभल के एसडीएम दीपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को कहा था कि हमें हयात नगर थाने से रिपोर्ट मिली थी कि कुछ लोग किसानों को उकसा रहे हैं और इससे शांति भंग होने की आशंका है। प्रत्येक से 50 लाख रुपये के मुचलके पर पाबंद किया जाये। एसडीएम ने कहा कि किसानों ने कहा कि यह बहुत ज्यादा है फिर दोबारा थानाध्यक्ष ने दूसरी रिपोर्ट दी जिसमें इन लोगों को 50-50 हजार रुपये के मुचलके से पाबंद किया गया।

 

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