जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस की गाइडलाइन्स को 31 जनवरी 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कंटेनमेंट को लेकर जो चीजे पहले से चली आ रही है वो जस की तस चलती रहेंगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि कंटेनमेंट जोन को सावधानीपूर्वक सीमांकित किया जाना जारी रहेगा। इन जोन के भीतर निर्धारित रोकथाम के उपायों का सख्ती से पालन किए जाएंगे। इसके साथ-साथ गृह मंत्रालय ने राज्यों को भी कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन्स की कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।गृह मंत्रालय ने कहा है कि सक्रिय और नए कोविड-19 मामलों में लगातार गिरावट देखी गई है। खासकर यूके में कोरोना वायरस के नए प्रकार को देखते हुए और विश्व स्तर पर मामलों में उछाल को ध्यान में रखते हुए निगरानी, रोकथान और सावधानी बनाए रखने की आवश्यकता है। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या सोमवार को 9782669 पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एक महीने से अधिक समय से रोजाना नए मामलों की तुलना में दैनिक संक्रमण मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही है। इससे संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों का आंकड़ा कम हुआ है। मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 1389 घटी है। देश में संक्रमण का उपचार करा रहे संक्रमितों की संख्या 277301 हो गई है। कुल मामलों में इलाज करा रहे मरीजों की हिस्सेदारी घटकर 2.72 प्रतिशत रह गई है। उसने बताया, एक महीने से अधिक समय से रोजाना नए मामलों की तुलना में दैनिक संक्रमण मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना वायरस से 20021 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसी अवधि के दौरान 21131 और मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं। इस प्रकार संक्रमण का उपचार करा रहे मामलों की संख्या में कमी दर्ज हुई है। मंत्रालय ने बताया कि वैश्विक रूप से अगर तुलना की जाए, तो प्रति 10 लाख की आबादी पर देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या (7,397) है जो दुनिया में सबसे कम में से है । वैश्विक तौर पर औसतन 10 लाख की आबादी पर 10149 लोग संक्रमित हैं। रूस, इंग्लैंड, इटली, ब्राजील, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 के मामलों की संख्या बहुत अधिक है।

आजादी से पहले की तरह हैं देश के मौजूदा हालात: सोनिया गांधी
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के 136वें स्थापना दिवस पर सोमवार को दावा किया कि देश में वर्तमान परिस्थितियां आजादी के पहले की तरह हैं और तानाशाही ताकतों से देश को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।पार्टी की ओर से जारी एक वीडियो में सोनिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस को हर मोर्चे पर मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने आजादी के आंदोलन और देश के विकास में कांग्रेस के योगदान का उल्लेख किया और यह दावा किया, ”आज फिर से परिस्थितियां आजादी से पहले की तरह हैं। जनता के अधिकार कुचले जा रहे हैं। चारो तरफ तानाशाही का आलम है। लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है। खेत-खलिहान पर हमला बोला जा रहा है। देश के अन्नदाता पर काले कानून थोपे जा रहे हैं।”कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक बार फिर देश को तानाशाही ताकतों से बचाएं और उनसे लोहा लें। यही सच्ची राष्ट्रभक्ति है।” उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान किया, ”जिस तिरंगे के नीचे हमने आजादी हासिल की थी, आज उसी तिरंगे के नीचे हमें एकजुट होना होगा। कांग्रेस को हर मोर्चे पर मजबूत बनाना होगा। यह तिरंगा कांग्रेस और देशवासियों के लिए जीने का हौसला है, लोगों की आशाओं का प्रतीक है और देश का गौरव है। हमें आम जन के दिलों को जीतना है।”

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन बोले देश में चर्चा और असहमति की गुंजाइश ख़त्म हो गई है भाजपा ने बेबुनियाद बताया ममता ने सराहा
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने देश में चर्चा और असहमति की गुंजाइश कम होते जाने को लेकर रोष प्रकट किया है। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि मनमाने तरीके से देशद्रोह के आरोप थोप कर लोगों को बगैर मुकदमे के जेल भेजा रहा है। हालांकि, अक्सर ही सेन की आलोचना के केंद्र में रहने वाली भाजपा ने इस आरोप को बेबुनियाद करार दिया है।हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्राध्यापक सेन (87) ने एक ईमेल के जरिए दिए साक्षात्कार में केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया। साथ ही, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इन कानूनों की समीक्षा करने के लिए एक ‘मजबूत आधार’ है।उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति जो सरकार को पसंद नहीं आ रहा है, उसे सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और जेल भेजा सकता है। लोगों के प्रदर्शन के कई अवसर और मुक्त चर्चा सीमित कर दी गई है या बंद कर दी गई है। प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा कि असहमति और चर्चा की गुंजाइश कम होती जा रही है। लोगों पर देशद्रोह का मनमाने तरीके से आरोप लगा कर बगैर मुकदमा चलाए जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि कन्हैया कुमार, शेहला राशिद और उमर खालिद जैसे युवा कार्यकर्ताओं के साथ अक्सर दुश्मनों जैसा व्यवहार किया गया है।उन्होंने दावा किया कि शांतिपूर्ण एवं अहिंसक तरीकों का इस्तेमाल करने वाले कन्हैया या खालिद या शेहला जैसी युवा एवं दूरदृष्टि रखने वाले नेताओं के साथ राजनीतिक संपत्ति की तरह व्यवहार करने के बजाय उनके साथ दमन योग्य दुश्मनों जैसा बर्ताव किया जा रहा है। जबकि उन्हें गरीबों के हितों के प्रति उनकी कोशिशों को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाने का अवसर दिया जाना चाहिए था। चर्चा और असहमित की गुंजाइश कथित तौर पर सिकुड़ने के बारे में सेन के विचारों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि उनकी (सेन की) दलील बेबुनियाद है।पश्चिम बंगाल में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का कर्मस्थल शांति निकेतन स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी और ममता सरकार के बीच तनातनी का केंद्र बन गया है। यूनिवर्सिटी ने शांति निकेतन की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों की जो सूची जारी की है, उसमें नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का नाम भी शामिल है। वहीं इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के विचार केंद्र सरकार के खिलाफ हैं, इसलिए भाजपा उन्हें निशाना बना रही है। ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह सेन का एक पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने सेन के विश्व भारती की ओर से अमर्त्य सेन के परिवार पर जमीन कब्जा करने के आरोप लगाए जाने को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त की थी।

पत्नी को ईडी का नोटिस मिलने पर बोले- राउत महिलाओं को निशाना बनाना कायरता का काम
जायज़ा डेली न्यूज़ मुंबई (संवाददाता )शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजकर 29 दिसंबर को तलब किया है। इसे लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। राउत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ईडी केंद्र के दबाव में है। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम इन चीजों से डरने वाले नहीं हैं।ईडी के समन पर राउत ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘हम कानून का पालन करने वाले हैं। ईडी पर केंद्र सरकार का दबाव है। हम इन चीजों से डरने वाले नहीं हैं। शिवसेना की तरफ से भी ऐसा ही जवाब मिलेगा। हमारे लिए ईडी जरूरी नहीं है। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। परिवार को निशाना बनाएंगे तो वैसा ही जवाब देंगे। भाजपा को पीएमसी और एचडीआईएल की जानकारी हमने दी थी। ईडी भाजपा का कार्यालय बन गया है। भाजपा के कई नेता वहां आते-जाते रहते हैं। कानून से बढ़कर कुछ नहीं है, न मैं और ना आप। किसी भी कीमत पर हम ये सरकार चलाएंगे। मुझे धमकाने की कोशिश की गई लेकिन मैं उनका बाप हूं।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here