जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) इजराइल में हजारों लोगों ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ शनिवार को प्रदर्शन कर उनके इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नेतन्याहू कोरोना वायरस संकट से ठीक प्रकार से नहीं निपट पाए हैं। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में ‘वापस जाओ’ और ‘कानून की नजर में सब बराबर है’ लिखी तख्तियां ले रखी थीं। यह प्रदर्शन नेतन्याहू के आधिकारिक कार्यालय के निकट यरूशलम चौराहे पर हुआ। यहां कई महीनों से प्रदर्शनकारी एकत्रित होकर नेतन्याहू के इस्तीफा की मांग करते हैं। नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और तीन मामलों में रिश्वत लेने के आरोप हैं। ये मामले उनके अरबपति सहयोगियों और मीडिया क्षेत्र के दिग्गजों से जुड़े हुए हैं। नेतन्याहू इन सभी आरोपों से इनकार करते रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे नेतन्याहू देश का उचित तरीके से नेतृत्व नहीं कर सकते हैं। आने वाले कुछ हफ्तों में इन मामलों में सुनवाई शुरू होगी। इजराइल में दो साल के भीतर मार्च में चौथी बार चुनाव होंगे। यह एक तरह से नेतन्याहू के खिलाफ दूसरा जनमतसंग्रह होगा जिसमें उन्हें अपनी लिकुड पार्टी के भीतर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नेतन्याहू और उनकी सरकार कोरोना वायरस संकट से निपटने में भी विफल रहे हैं। पिछले साल महामारी के संकट की वजह से लागू प्रतिबंधों के कारण अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। हालांकि नेतन्याहू और उनके सहयोगियों ने इजराइल में टीकाकरण अभियान को प्रदर्शनकारियों और उनके आरोपों के जवाब के तौर पर इस्तेमाल किया। अब तक इस अभियान के तहत इजराइल के जितने लोगों को टीका लगाया गया है उनकी संख्या देश की जनसंख्या के 10वें हिस्से से अधिक है।
चीन ने अपने रक्षा कानून में किया बदलाव, पहले से और ताकतवर हुई चीनी सेना
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता )चीन ने अपने राष्ट्रीय रक्षा कानून को संशोधित करते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले अपने सशस्त्र बलों की शक्तियों में वृद्धि की है। इस कदम का उद्देश्य देश और विदेशों में चीन के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सैन्य एवं असैन्य संसाधन जुटाना है। हांगकांग से प्रकाशित समाचार पत्र साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रविवार की एक खबर के मुताबिक नया कानून एक जनवरी से लागू हो गया है। इसने सैन्य नीति निर्माण व केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) में निर्णय लेने की शक्तियों में प्रधानमंत्री ली कियांग नीत मंत्रिमंडल ‘स्टेट कौंसिल की भूमिकाओं को कमतर कर दिया है। शी के नेतृत्व वाली सीएमसी, चीन की 20 लाख कर्मियों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का संपूर्ण आलाकमान है। शी (67), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद इसके सबसे शक्तिशाली नेता के तौर पर उभरे हैं। शी, सीपीसी महासचिव और सेना प्रमुख हैं। इसके अलावा वह राष्ट्रपति हैं और संभवत: आजीवन इस पद पर रह सकते हैं। वह सीएमसी में एकमात्र ऐसे असैन्य नेता हैं, जिस सैन्य अधिकारी भरे हुए हैं। राष्ट्रीय रक्षा कानून में संशोधनों को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने पिछले साल 26 दिसंबर को पारित किया था। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में सीपीसी का अहम सम्मेलन हुआ था जिसमें अमेरिका की तर्ज पर 2027 तक पूरी तरह से आधुनिक सेना बनाने की योजना को अंतिम रूप दिया गया था।संशोधित कानून, परंपरागत हथियारों के अलावा साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स के क्षेत्र में सरकारी एवं निजी उद्यमों को नई रक्षा प्रौद्योगिकी के अनुसंधान में हिस्सा लेने के लिए लामबंद करने की जरूरत पर विशेष बल देता है। सैन्य एवं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नए कानून का लक्ष्य शी के तहत देश के सैन्य नेतृत्व को मजबूत करना है।
पाक में हिंदू मंदिर तोड़े जाने पर भौका जाकिर नाईक
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) तथाकथित इस्लामी स्कालर भगोड़े जाकिर नाईक ने एक बार फिर से जहर उगलते हुए पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हिंदू मंदिर से हुई तोड़फोड़ का समर्थन किया है। जाकिर नाईक ने कहा है कि इस्लामिक देशों में मंदिर नहीं होने चाहिए और अगर मंदिर हैं तो उन्हें तोड़ दिया जाना चाहिए।