जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता )ताजमहल परिसर में सोमवार को हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने भगवा ध्वज फहराकर जय श्रीराम के नारे लगाए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया। नियमों की धज्जियां उड़ाने पर वाहिनी के चार पदाधिकारियों को सीआईएसएफ के जवानों ने दबोच लिया। थाना ताजगंज पुलिस के सुपुर्द कर दिया। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, उन्माद भड़काने के आरोप में चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ताजमहल में कभी आरती तो कभी गंगाजल छिड़कने की घटनाएं हो चुकी हैं।

अब सोमवार को हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष गौरव ठाकुर ने अपने साथियों के साथ ताजमहल में भगवा ध्वज फहरा दिया। ये लोग अपनी जेबों में ध्वज रखकर ले गए थे।इसके बाद रेड सैंड स्टोन प्लेटफार्म से नीचे रखी लाल पत्थर की सीट पर आराम से बैठ गए। इनमें कुछ लोग मास्क लगाए थे तो कुछ बिना मास्क के थे। अपनी जेबों से भगवा ध्वज निकालकर फहराने लगे। हर-हर महादेव और जय श्रीराम के नारे लगाए। कुछ ही देर बाद ताजमहल में भगवा ध्वज फहराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। जैसे ही चारों पदाधिकारी वहां से हटे तो सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया। उनकी आईडी चेक की गई। उसके बाद उन्हें थाना ताजगंज पुलिस को सुपुर्द कर दिया। मामले में सीआईएसएफ की तहरीर पर थाना ताजगंज में हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष गौरव ठाकुर, सोनू बघेल, विशेष कुमार, रिषी लवानियां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

कोलकाता: भाजपा के रोड शो में कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर फेंका जूता,
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता )पश्चिम बंगाल में भाजपा व तृणमूल के बीच घमासान जारी है। सोमवार को भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में कोलकाता में रोड शो निकाला गया। जब वह अल्पसंख्यक क्षेत्र से गुजर रहे थे, उस वक्त उनकी गाड़ी पर जूते—चप्प्ल फेंके गए। हालांकि इससे रोड शो पर कोई असर नहीं पड़ा व वह बदस्तूर जारी रहा। रोड शो में कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी भी शामिल होने वाले थे, लेकिन दोनों नहीं पहुंचे। चटर्जी रोड शो का नेतृत्व करने वाले थे। वे हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। बताया गया है कि चटर्जी अपने दोस्त बैशाखी बनर्जी के अचानक बीमार पड़ने के कारण नहीं पहुंचे। रोड शो का नेतृत्व भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल रॉय व सांसद अर्जुन सिंह ने किया। किड्डरपोर इलाके में भाजपा व तृणमूल कार्यकर्ताओं का आमना-सामना हो गया। इसी दौरान जूता फेंकने की घटना हुई। भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रोड शो में शामिल वाहनों पर जूते—चप्पल फेंके। इसी दौरान भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कार्यकर्ताओं की ओर बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने बीच—बचाव कर उन्हें रोक दिया। 

पश्चिम बंगाल:ओवैसी ने ममता के धुर विरोधी अब्बास सिद्दीकी से मिलाया हाथ
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता )पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई के महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी दाव आजमाने की तैयारी कर रही है। इसके चलते ओवैसी रविवार को ममता बनर्जी को राज्य की सत्ता तक पहुंचाने वाले सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की शरण में जा पहुंचे।रविवार को पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचे ओवैसी ने हाल के महीनों में सत्तारूढ़ पार्टी के सबसे मुखर आलोचक के रूप में उभरने वाले अब्बासुद्दीन सिद्दीकी से हुगली में मुलाकात की। दो घंटे की बैठक के बाद,ओवैसी ने कहा कि बंगाल में हमारी पार्टी सिद्दीकी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। वही यह तय करेंगे कि एआईएमआईएम कैसे चुनाव लड़ेगी। इस बारे में सिद्दीकी ने अभी इस बारे में अपनी योजना का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अपने अगले कदम की जल्द घोषणा करेंगे। ओवैसी और सिद्दीकी की बैठक की खबर से मुस्लिम नेताओं और टीएमसी मंत्रियों के बीच प्रतिक्रिया शुरू हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि ओवैसी का एकमात्र उद्देश्य मुस्लिम वोटों को विभाजित करना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मदद करना है। बता दें कि भाजपा ने 294 विधानसभा सीटों वाली विधानसभा चुनाव में अबकी बार 200 के पार का मंत्रा कार्यकर्ताओं को दिया है।पश्चिम बंगाल की सियासत में 31 फीसदी मतदाता मुस्लिम हैं। पीरजादा अब्बास सिद्दीकी जिस फुरफुरा शरीफ दरगाह से जुड़े हैं, उसे इस मुस्लिम वोट बैंक का एक गेमचेंजर माना जाता है। लंबे वक्त से सिद्दीकी ममता बनर्जी के करीबियों में से एक रहे हैं।बीते कुछ महीनों से उन्होंने ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, ऐसे में ओवैसी से उनका मिलना अहम है।  सिद्दीकी ने ममता सरकार पर मुस्लिमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। बंगाल की करीब 100 सीटों पर फुरफुरा शरीफ दरगाह का प्रभाव है। ऐसे में चुनाव से पहले दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की नाराजगी मोल लेना ममता के लिए सियासी रूप से फायदे का सौदा नहीं साबित होने वाला है। टीएमसी सरकार में मंत्री और बंगाल के सबसे प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेता सिद्दीकुल्ला चौधरी ने बताया कि ओवैसी का राज्य की राजनीति में कोई स्थान नहीं है। एआईएमआईएम का संबंध बंगाल से नहीं है। ये मुस्लिमों में विभाजन पैदा करने की रणनीति है, लेकिन यह काम नहीं करेगा। शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि सिद्दीकी और एआईएमआईएम बंगाल पर शासन नहीं कर सकते हैं। वे केवल भाजपा की मदद कर सकते हैं। हमने यह उत्तर प्रदेश और बिहार में होता देखा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ओवैसी किसी भी पार्टी में जा सकते हैं या कहीं भी चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा चिंतित नहीं है। टीएमसी चिंतित है क्योंकि वह मुस्लिम वोट बैंक को अपनी संपत्ति मानता है। अगर टीएमसी ने वास्तव में मुसलमानों के कल्याण के लिए काम किया है, तो उसे चिंतित क्यों होना? वहीं ओवैसी ने भाजपा से सांठगांठ के आरोंपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका या उनकी पार्टी का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है।

 

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