चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना को दिया आदेश,हर समय युद्ध के लिए तैयार रहो

जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) हर समय युद्ध के लिए तत्पर रहने पर जोर देते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को अपने देश की सेना को आदेश दिया कि वे ‘किसी भी सेकेंड’ कार्रवाई को तैयार रहें। शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग ने हर समय तैयार रहने के लिए वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में ट्रेनिंग बढ़ाने को कहा। शी जिनपिंग ने कहा, ”पीपल्स लिब्रेशन आर्मी को किसी भी सेकेंड कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए और हर समय युद्ध की तैयारी रहनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि अग्रिम टकरावों का इस्तेमाल सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए होना चाहिए और प्रशिक्षण में टेक्नॉलजी का इस्तेमाल बढ़ाया जाए। सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के पहले ऑर्डर में शी जिनपिंग ने वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में प्रशिक्षण से सेना की मजबूती और जीतने की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।1 जुलाई को पार्टी की 100वीं वर्षगांठ ‘उत्कृष्ट प्रदर्शन’ के साथ मनाने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सैन्य ताकत के रूप में पीएलए सीएमसी और सीपीसी के आदेशों को पूरी तरह लागू करे।

उन्होंने अभ्यासों में टेक्नॉलजी का इस्तेमाल बढ़ाने और हाईटेकक नॉलेज बढ़ाने की सलाह दी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कंप्यूटर सिम्यूलेशन और ऑनलाइन कॉम्बैट ड्रिल्स के साथ साथ हाई टेक और इंटरनेट के इस्तेमाल शामिल है, जिन्हें टेक+ और वेब+ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा, ”पीएए को ट्रेनिंग और युद्ध प्रक्रियाओं में नए उपकरणों, नई ताकतों और नए युद्ध क्षेत्रों का एकीकरण बढ़ाना चाहिए।” शी जिनपिंग ने सेना को ये आदेश ऐसे समय पर दिए हैं एलएसी पर भारत के साथ कई महीनों से तनाव चल रहा है। पिछले साल जून में हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे। हालांकि, उनकी संख्या अब तक ज्ञात नहीं है। 2012 में राष्ट्रपति और सीएमसी के प्रमुख बनने के बाद से शी लगातार पीएलए को युद्द के लिए तैयार करने में जुटे हैं। चीनी सेना को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने 2015 में एक बड़े अभियान की शुरुआत की थी जो 2020 में पूरा होगा। साउथ चाइना सी में अमेरिका को रोकने के लिए और ताइवान को डराने के लिए भी चीन ने युद्दाभ्यास को तेज कर दिया है।

पाक सुप्रीम कोर्ट ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार को दिया आदेश, कहा- 2 सप्ताह में बनाएं मंदिर
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) पाकिस्तान में मंदिर विध्वंस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए खैबर पख्तूनख्वा की सरकार को आदेश दिया कि मंदिर के साथ-साथ श्री परमहंस जी महाराज की समाधि का दो सप्ताह के अंदर पुनर्निर्माण करे। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले ही इसके पुनर्निर्माण का खर्च उठाएंगे।बता दें कि मंदिर विध्वंस मामले में अब तक 100 से अधिक लोगों को  गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए लोगों को आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) में पेश किया गया और अदालत ने आरोपियों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की है।वहीं इस मामले में पाकिस्तान सरकार ने 8 पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया है। भारत ने भी मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया था और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की।  गौरतलब है कि खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में पिछले बुधवार को कुछ स्थानीय मौलवियों और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के समर्थकों की अगुवाई में भीड़ ने पुराने ढांचे के साथ-साथ नए निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया था और आग लगा दी थी।

कोरोना वायरस की वजह से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का भारत दौरा रद्द,आंदोलन कर रहे किसान नेताओ ने चिट्ठी लिख कर जॉनसन से अपना भारत दौरा रद्द करने की अपील की थी
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता )ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया है। वह इसी माह 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित होने वाली परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाले थे। बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री जॉनसन ने पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। हालांकि आंदोलन कर रहे किसान नेताओ ने चिट्ठी लिख कर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से अपना भारत दौरा रद्द करने की अपील की थी। जॉनसन ने कहा कि मुझे साल 2021 की पहली छमाही में भारत का दौरा करने की उम्मीद है और यूके (यूनाइटेड किंगडम) के जी7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की आशा है, जिसमें वह बतौर अतिथि शामिल होंगे। यूके सरकार ने बताया कि बोरिस जॉनसन ने आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी और दौरा रद्द होने पर खेद जताया था। यूके सरकार ने कहा है कि पिछली रात से लागू हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और कोरोना के नए स्ट्रेन के प्रसार की तेज गति की वजह से प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि वह यूके में ही रहें जिससे वह वायरस के खिलाफ घरेलू प्रतिक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

पाकिस्तान: हजारा समुदाय के लोगों ने शवों को दफनाने से किया इनकार, नरसंहार के लिए सरकार से मांगा इस्तीफा
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) पाकिस्तान में बीते दिनों ग्यारह खनिज श्रमिकों की हत्या कर दी गई थी। इस नृशंस हत्या में मारे गए सभी हजारा समुदाय के थे, जो शिया मुसलामन थे। इस घटना से आहत श्रमिकों के परिजनों ने शवों को दफनाने से इनकार कर दिया है। साथ ही बलूचिस्तान के पश्चिमी बाईपास पर पीड़ितों के शवों के साथ अपना धरना जारी रखा। इस दौरान उन्होंने बलूचिस्तान सरकार से हत्यारों को गिरफ्तारी की मांग की। साथ ही इस्तीफे की भी मांग की।डॉन ने तीसरे वर्ष की एक छात्रा मासोआमा यकोबा अली का बयान छापा है। उसने इस नरसंहार में अपने परिवार के पांच सदस्यों को खो दिया। उसने कहा, “मेरे बड़े भाई और चार अन्य रिश्तेदारों को दफन करने के लिए कोई भी पुरुष सदस्य हमारे परिवार में जीवित नहीं है।”डॉन ने सैयद आगा रजा, बलूचिस्तान मजलिस वाहदत-ए-मुसलमीन (MWM) अध्यक्ष के हवाले से कहा, “हमने हजारा लोगों की सुरक्षा के लिए लंबे समय से धरने दिए हैं। लंबे समय से ऐसी हत्याओं का सामना कर रहे हैं और स्थिति से तंग आ चुके हैं।” आगा रजा ने कहा कि जब तक समुदाय की मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक शवों को दफन नहीं किया जाएगा।सरकार के इस्तीफे की मांग करते हुए, आगा रज़ा ने कहा कि बलूचिस्तान सरकार बार-बार हजारा समुदाय के लोगों की रक्षा करने में विफल रही है।

आगा रजा ने कहा, “हम प्रांतीय सरकार के इस्तीफे तक प्रदर्शन जारी रखेंगे।” उन्होंने कहा कि एक न्यायिक आयोग जिसमें शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त और बैठे न्यायाधीश शामिल हों, को इस घटना की न्यायिक जांच करने के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए।जियो न्यूज के अनुसार, पुलिस ने कहा कि हथियारबंद लोग कोयला खनन करने वालों को पास के पहाड़ों में ले गए और आग लगा दी। पुलिस ने ग्यारह लोगों की मौत की पुष्टि की है जबकि अन्य लोगों की हालत गंभीर है।

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here