नामज़े जुमा के लिए हुसैनाबाद ट्रस्ट से पीपी किट दिए जाने का मौलाना कल्बे जवाद मुतालबा
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता ) मुमताज़ शिया अलीम ए दीन मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने आज हुसैनाबाद ट्रस्ट के ज़िम्मदारो से मुतालबा किया है। की वह नामज़े जुमा शुरू कराये जाने का इंतेज़ाम करे वाज़ेह रहे की अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह ने हुसैनाबाद ट्रस्ट क़ायम किया था।जिसके तहत वसीक़ा के निज़ाम के अलावा इमाम बाड़ा आसफी,छोटा इमाम बाड़ा,शाह नजफ़ रौज़ा काज़मैन वगैरा मे मज़हबी उमूर की अंजामदेही शामिल है। मौलाना ने आज मस्जिद ए आसफी मे आइंदा जुमे से नमाज़े जुमा होने के लिए पीपी किट सैनिटाइज़र और फेस मास्क के इन्तेज़ाम का मुतालबा किया गया है। हुसैनाबाद के कारिंदो के मुताबिक़ ट्रस्ट के सचिव को दरखास्त भेज दी गई है।बताते चले की हुसैनाबाद ट्रस्ट 1960 की इस्कीम ऑफ़ मैनेजमेंट के तहत कार्य करता था।जिसका चेयरमैन कलेक्टर होता था शिया समुदाय का सचिव और शाही परिवार के लोगो पर निर्धारित एक कमेटी ट्रस्ट को चलती थी। 20 साल पहले कमेटी ख़त्म हो गई और उस वक़्त से आज तक हुसैनाबाद ट्रस्ट सरकार के क़ब्ज़े मे है।जबकी क़ानूनी तौर पर वक़्फ़ एक्ट आजाने के बाद हुसैनाबाद ट्रस्ट भी वक़्फ़ बौर्ड के तहत है।अजीब बात ये है की ये पहला मज़हबी ट्रस्ट है।जिसको उसकी क़ौम और उसके ख़ानदान के लोगों से दूर रखा गया है। इतना ही नहीं हुसैनाबाद ट्रस्ट मे ट्रस्ट डीड पर भी अमल नहीं किया जाता है।यहि वजह है की मज़हबी उमूर की अंजाम देही के साथ साथ इमारतों का रख रखाओ भी सही तरीके से नहीं होता है।बाहर हाल अब देखना ये है।कि ट्रस्ट नामज ए जुमा कराए जाने का इंतेज़ाम करता है।या उसको भी बाक़ी चीज़ो की तरहा टाल देता है

पाकिस्तान:शियों और हुकूमत मे समझौते के बाद शवों का अंतिम संस्कार,इमरान ख़ान भी शनिवार को क्वेटा पहुँचे


जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा मे शियों और हुकूमत मे समझौते के बाद शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। शुक्रवार रात सरकार और प्रदर्शनकारियों में समझौता हो गया और पूरे छह दिन बाद शनिवार (नौ जनवरी) को उन्होंने शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। धरना ख़त्म करने और शवों को दफ़नाने के बाद इमरान ख़ान भी शनिवार को क्वेटा पहुँचे और परिजनों से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर इमरान ख़ान ने कहा, “मुझे ख़ुशी है कि आपने हमारी बात मान ली और शहीदों को दफ़ना दिया.” इमरान ख़ान ने कहा कि उन्होंने पहले अपने गृह मंत्री और दूसरे केंद्रीय मंत्री को उनके पास यही बताने के लिए भेजा था कि इस दुख की घड़ी में वो उनके साथ खड़े हैं।उन्होंने कहा कि इस चरमपंथी हमले में शामिल कई लोगों को सुरक्षाकर्मियों ने मार दिया है और अभी 35-40 लोग और बचे हैं जिनकी तलाश जारी है।इससे पहले शुक्रवार को इमरान ख़ान ने उनके आने तक शवों को नहीं दफ़नाने की माँग पर कहा था कि किसी भी मुल्क के प्रधानमंत्री को ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता। उनके इस बयान पर उनकी काफ़ी आलोचना हुई थी. हालांकि शनिवार को इमरान ख़ान जब क्वेटा गए तो परिजनों ने उनके ब्लैकमेल वाले बयान पर आपत्ति जताई. इमरान ख़ान ने अपने बचाव में कहा कि उनका बयान मृतकों के परिजनों के लिए नहीं बल्कि विपक्षी पार्टियों के गठबंधन पाकिस्तान

डेमोक्रैटिक मूवमेंट (पीडीएम) के लिए था।से क़रीब 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित बोलान ज़िले के मछ इलाक़े में पिछले शनिवार-रविवार (2-3 जनवरी) की दरमियानी रात को कोयले की खदान में काम करने वाले कम से कम 11 खनिकों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। मरने वाले सभी 11 खनिक शिया मुसलमानों के हज़ारा बिरादरी से ताल्लुक़ रखते थे। ख़ुद को इस्लामिक स्टेट कहने वाले चरमपंथी संगठन ने हमले की ज़िम्मेदारी ली थी। इस हमले के विरोध में मृतकों के परिजनों के साथ-साथ उनकी बिरादरी के हज़ारों लोग शव लेकर क्वेटा के पश्चिमी बाईपास पर धरने पर बैठ गए थे. धरने में पुरुषों के अलावा एक बड़ी तादाद महिलाओं और बच्चों की थी। उनकी माँग थी कि जब तक प्रधानमंत्री इमरान ख़ान वहां नहीं जाएंगे, वो लोग शवों को नहीं दफ़नाएंगे।

मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी में छिड़ा सियासी संग्राम, क्या पंजाब जेल से गाजीपुर हो पाएगी वापसी?

जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) पंजाब के रोपड़ जिले की जेल में निरुद्ध माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को यूपी वापस लाने की कोशिशें भले ही कानूनी पेंचीदगियों में फंसी हों लेकिन इस पर सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर माफिया का साथ देने का आरोप लगा रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस की सरकार होने के कारण पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को भी कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के फरार परिवार पर यूपी पुलिस की नजर है। यूपी के थानों में कई मामलों में वांछित मुख्तार की पत्नी, साले और बेटों के पंजाब के रोपड़ में होने की सूचना है। इन दिनों उत्तर प्रदेश के खुफिया विभाग के कुछ अधिकारी परिवार के सभी सदस्यों की गतिविधियों पर नजर बनाए हैं। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक बार फिर पंजाब के रोपड़ जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी लाने की तैयारी कर रही है। मऊ से विधायक अंसारी की 11 जनवरी को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई है। पेशी को लेकर गाजीपुर पुलिस पंजाब रवाना हुई। मुख्तार के साथ ही कई मामलों में वांछित चल रहे मुख्तार के परिवार के सभी सदस्यों को भी उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी तलाश रहे हैं। हाल ही में पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि मुख्तार की पत्नी अपने दोनों बेटों और भाइयों के साथ पंजाब के रोपड़ में गुपचुप तरीके से रह रहे हैं। पंजाब सरकार के रुख को देखते हुए अभी यूपी पुलिस इनकी गिरफ्तारी को लेकर कोई भी जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहती है लेकिन उसके परिवार पर खुफिया नजर बनी है। यूपी के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रोपड़ से मुख्तार को ले जाने के बाद पुलिस उसके परिवार के सभी सदस्यों पर शिकंजा कसेगी। इसके लिए यूपी सरकार पंजाब सरकार से संपर्क कर पुलिस और प्रशासन की मदद लेगी। हालांकि यह सब कुछ तब तय होगा, जब रोपड़ जेल में बंद मुख्तार को यूपी ले जाया जाएगा।

 

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