अखिलेश यादव के गढ़ से चुनावी अभियान शुरू करेंगे ओवैसी, मंगलवार को आएंगे वाराणसी


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता ) बिहार चुनाव में बड़ी सफलता के बाद यूपी विधानसभा चुनाव छोटे दलों के गठबंधन के साथ लड़ने की घोषणा कर चुके एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार को पूर्वांचल के दौरे पर आ रहे हैं। उनके साथ सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी होंगे। दोनों नेता इस दौरान चार जिलों का तूफानी दौरा करेंगे। इस दौरे को यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। ओमप्रकाश राजभर पहले ही पंचायत चुनाव को मजबूती से लड़ने की बात कह चुके हैं। दोनों नेताओं का वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ और मऊ जाने का कार्यक्रम है। संयोग से मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी जौनपुर आ रहे हैं। पिछली बार सुभासपा ने भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। ओमप्रकाश राजभर कैबिनेट मंत्री भी बने थे। बाद में कई मुद्दों पर रार के बाद ओमप्रकाश को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद से सुभासपा पूर्वांचल में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है। इसी को देखते हुए भागीदारी संकल्प मोर्चा में ओवैसी की पार्टी को जोड़ा गया है। ओवैसी सबसे पहले वाराणसी पहुंचेंगे। यहां से जौनपुर जाएंगे। इसके बाद आजमगढ़ और मऊ जिले में कई आयोजनों में हिस्‍सा लेंगे। जौनपुर में जहां जगह जगह पार्टी कार्यकर्ता अपने नेताओं का स्‍वागत करेंगे वहीं दोनों नेता ठहरकर कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे। पिछला चुनाव भाजपा के साथ लड़ने वाली सुभासपा ने इस बार एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया है और विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।ओवैसी और ओम प्रकाश राजभर पूरे समय एक साथ मौजूद रहेंगे। बाबतपुर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वाराणसी में सुबह करीब 10 बजे दोनों नेता जौनपुर के कुत्तूपुर तिराहे पर पहुंचेंगे। जहां जिलाध्यक्ष इमरान बंटी के नेतृत्व में उनका स्वागत होगा। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। इसके बाद वह गुरैनी निकलेंगे। वहां भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों व धर्म गुरुओं संघ बैठक कर सकते हैं। इसके बाद यहां से उनका काफिला आजमगढ़ के माहुल चला जाएगा। जहां वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के आवास पर जाएंगे।
आजमगढ़ के मदरसा बैतुल उलूम में आएंगे असदुद्दीन ओवैसी
सांसद असदुद्दीन ओवैसी 12 जनवरी की शाम तीन दिन में मदरसा बैतुल उलूम सरायमीर आ रहे रहे हैं। वह मदरसे के नाजिमे आला मुफ्ती अहमदुल्लाह फूलपुरी से मुलाकात करेंगे। यह जानाकरी आईएमआईएम के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य वसी सिद्दिकी ने दी। मदरसा में भोजन के साथ नमाज भी पढ़ेंगे।

महाराष्ट्र मे गठबंधन सरकार को हिला सकती है औरंगाबाद शहर का नाम बदलने की कोशिश


जायज़ा डेली न्यूज़ मुंबई (ज़हीर इक़बाल ) औरंगाबाद शहर का नाम बदलने को लेकर महाराष्ट्र की कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी गठबंधन वाली सरकार पर खतरे के बदल मंडला रहे हैं।शिव सेना चाहती है कि औरंगाबाद शहर का नाम बदल कर संभाजी होना चाहिए जिसके लिए शिव सेना ने केंद्र सरकार को चिठ्ठी भी लिखी है। औरंगाबाद शहर का नाम बदलने मे कोई बुराई नहीं है।औरंगाबाद शहर का नाम बादशाह औरंगज़ेब के नाम पर है। औरंगज़ेब वही बादशाह है जिसने अपने पिता शाहजहाँ को जेल भेजा और इतना ही नहीं औरंगज़ेब तो इतना ज़ालिम व्यक्ति था के उसने अपने बड़े भाई दारा शिकोह को बहुत ज़ालिमाना तरीके से क़त्ल करने के बाद अपने पिता शाहजहाँ को अपने भाई का सर बतौर तोहफा भेजवा दिया था।हम अगर वाक़ई मे मुसलमान हैं तो हमको औरंगज़ेब को मुसलमान कहने मे भी शर्म आना चाहिए।क़ुरआन ए पाक का इरशाद है कि अपने वालदैन के सामने उफ़ तक नाकारो उनके सामने अपनी नज़रो को झुकाये रखो औरंगज़ेब कौन सा मुसलमान था ।जो अपने बाप को क़ैद करके और मरवा कर भी औलिया अल्लाह के तौर पर देखा जाता है। औरंगज़ेब जो कर रहा था वह सिर्फ सत्ता के लिए कर रहा है ।और आज भी जो हो रहा है। वह सत्ता के लिए ही हो रहा है। इतिहास बताता है की मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र संभाजी को औरंगज़ेब ने क़त्लकरवा दिया था।औरंगाबाद शहर का नाम बदलने को लेकर शिव सेना 1995 से कोशिश कर रही है।औरंगाबाद एक तर्हां से शिव सेना का गढ़ मना जाता है।वर्ष 1989 से 2014 सिर्फ 1998 का चुनाव छोड़ करऔरंगाबाद से शिव सेना ही जीत ती रही है। लेकिन 2019 मे ओवैसी की पार्टी ने कमल कर दिया और उनकी पार्टी के उम्मीदवार इम्तेयाज़ जलील सय्यद ने जीत दर्ज की शिव सेना भी सत्ता और वर्चस्व की खातिर औरंगाबाद शहर का नाम बदलना चाहती है।महारष्ट्रा मे कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी गठबंधन है। लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस और शिवसेना आमने सामने हैं।एनसीपी बीच मे रहकर बैलेंस बनाये हुए है। लेकिन बीजेपी के दोनों हाथों मे लड्डू हैं।अगर नाम बदलता है तो तो वह कांग्रेस को चिढ़ाएगी और गठबंधन पर सवाल खड़े करेगी जिससे की उसका मुस्लिम वोट मुतासिर हो और शिव सेना नाकाम हुई तो भी वह अपने मक़सद मे कामयाब रहेगी और गठबंधन सरकार सवाल खड़े करते हुए शिव सेना वोट बैंक मे सेंध मरी करेगी क्योंकि बीजेपी की आला क़यादत इस गठबंधन को अपने लिए सबसे बाड़ा फेल्योर मानती है।और शिव सेना की वजहा से उसको हिंदुत्वा का कार्ड खेलने मे कठनाई होती है। महारष्ट्रा मे भी जो हो रहा है वह सत्ता के लिए ही हो रहा है। फिलहाल महारष्ट्रा मे कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी गठबंधन की सरकार से हरवर्ग खुश नज़र आरहा है इस लिए मुसलमानो को भी चाहिए की वह भी औरंगज़ेब को अपनी चिढ़ ना बनाये औरंगज़ेब को को मज़हबी चश्मे से ना देखे उसको सिर्फ़ सत्ता का मोह रखने वाला राजा ही समझे उसको औलिया अल्लाह न समझे यही वक़्त का तक़ाज़ा है।

दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि, जालंधर भेजे गए आठ सैंपल मिले पॉजिटिव


जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता )दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। दिल्ली से जालंधर भेजे गए आठ सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। जानकारी के अनुसार संजय झील की बतख और मयूर विहार के पार्क के कौवों में बर्ड फ्लू पाया गया है। यह जानकारी पशुपालन विभाग नेे दी है।गौरतलब है कि अब तक नौ राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। दिल्ली में भी बीते लगभग एक हफ्ते से ज्यादा समय से पक्षियों की अलग-अलग स्थलों पर मौत हो रही थी, जिसके बाद एहतियात के तौर पर इन पार्कों में जहां आम लोगों की आवाजाही बंद की गई वहीं मृत पक्षियों के सैंपल जालंधर भेजे गए थे। इन्हीं में से संजय झील की बतखों और मयूर विहार के पार्क के कौवों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। बीते सप्ताह से ही राजधानी में पक्षियों के मरने का सिलसिला नहीं थम रहा है। रविवार को अलग-अलग स्थानों पर 100 कौवे और 27 बत्तख मरे मिले। दूसरे दिन भी डीडीए के संजय झील पार्क में 10 बत्तख मरी मिलीं। प्रशासन ने इसे अलर्ट जोन घोषित किया हुआ है। पशुपालन विभाग ने जांच के लिए इनके नमूने जालंधर लैब भेजे थे। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की रिपोर्ट के अनुसार, बेगमपुर में दो कौवे, संजय झील में 27 बत्तख, सरिता विहार में 24 कौवे, पटपड़गंज में चार कौवे, कुंडली स्थित स्मृति वन में दो कौवे, योजना विहार में दो कौवे, प्रीत विहार के जी ब्लॉक में 10 कौवे, मधुबन में दो कौवे, अशोका निकेतन में एक कौवा, दिलशाद गार्डन के डियर पार्क में पांच कौवे, गोल्डन जुबली पार्क में तीन कौवे, रिंग रोड के हरित क्षेत्र में चार कौवे, द्वारका सेक्टर पांच में 14 कौवे, द्वारका सेक्टर नौ में दो कौवे और हस्तसाल पार्क में 16 कौवे मरे मिले हैं। पशुपालन विभाग ने मानक के अनुसार इन्हें जमीन में दबा दिया है। पशु पालन विभाग के डॉ. राकेश के मुताबिक, दिल्ली में अब तक लगभग 100 कौवे मर चुके हैं।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here