केंद्र ने आनन-फ़ानन में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफ़नामा कहा क़ानूनों की वापसी सरकार को स्वीकार्य नहीं
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) केंद्र सरकार ने कृषि क़ानूनों पर अपना पक्ष रखते हुए आनन-फ़ानन में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दायर किया है। केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फ़ैसला सुनाएगा।अब सोमवार को सुनवाई ख़त्म होने के बाद सरकार ने जल्दबाज़ी में हलफ़नामा दायर किया है और प्रदर्शनकारी किसानों के उन आरोपों को ख़ारिज किया है जिसमें कहा गया है कि सरकार और संसद ने इस बिल के पास करने से पहले किसी भी कन्सलटेटिव प्रक्रिया का पालन नहीं किया था।सरकार ने कहा कि कुछ तथ्यों को सामने लाना ज़रूरी था, इसीलिए यह हलफ़नामा दायर किया जा रहा है।अपने हलफ़नामे में सरकार का कहना है कि कृषि सुधारों के लिए केंद्र सरकार पिछले दो दशकों से राज्य सरकारों से गंभीर चर्चा कर रही है। सरकार का दावा है कि देश के किसान इन कृषि क़ानूनों से ख़ुश हैं क्योंकि इनके ज़रिए उन्हें अपनी फ़सल बेचने के लिए मौजूदा सुविधाओं के अलावा अतिरिक्त अवसर मिलेंगे। सरकार के अनुसार इन क़ानूनों से उनके किसी भी अधिकार को नहीं छीना गया है.। हलफ़नामे में आगे कहा गया है कि कुछ किसान जो इसको लेकर विरोध कर रहे हैं उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार ने हर संभव कोशिश की है। सरकार ने कहा कि पूरे देश में किसानों ने इस क़ानून को स्वीकार किया है और केवल कुछ ही किसान और दूसरे लोग जो इस क़ानून के ख़िलाफ़ हैं उन्होंने इसके वापस लिए जाने की शर्त रखी है।सरकार ने अपने हलफ़नामे में एक बार फिर कहा, “क़ानूनों की वापसी की माँग ना तो न्यायसंगत है और ना ही केंद्र सरकार को स्वीकार्य है.”इससे पहले कृषि क़ानूनों को लेकर सरकार और आंदोलनरत किसानों के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए गठित किसी भी कमेटी का हिस्सा बनने से किसानों ने इनकार कर दिया है। सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि इन कृषि क़ानूनों के अमल पर रोक लगाने पर विचार किया जा रहा है. सोमवार को अदालत ने सख़्त तेवर दिखाते हुए कहा कि सरकार और किसानों के बीच अब तक की बातचीत से कोई हल नहीं निकला है, इसलिए अदालत इस मसले के हल के लिए एक कमेटी का गठन कर सकती है। लेकिन किसानों ने ऐसे किसी भी कमेटी का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है।

बर्ड फ्लू : 10 राज्यों में हो चुकी है पुष्टि, प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से कहा- सतर्क रहें


जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता )देश के विभिन्न भागों में सोमवार को सैकड़ों पक्षियों की मौत के मामले सामने आए। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा कि अब तक 10 राज्यों में बर्ड फ्लू प्रकोप की पुष्टि हो चुकी है। सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए तमाम कदम उठाने के बीच राज्यों से मुर्गा मंडियों को बंद नहीं करने अथवा कुक्कुट उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित नहीं करने को भी कहा क्योंकि मानव में बर्ड फ्लू संचरण की कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट सामने नहीं आई है। उधर, राजस्थान में सोमवार को 371 और पक्षियों की मौत हो गई। राज्य के 15 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हैं।वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के विभिन्न हिस्सों में बर्ड फ्लू की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सभी राज्यों से इसका प्रसार रोकने के लिए सावधान रहने को कहा। साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन से जलाशयों के आसपास, चिड़ियाघरों और मुर्गी पालन केंद्रों पर निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशु पालन विभाग के बीच जितना अधिक समन्वय होगा, उतनी ही तेजी से हम बर्ड फ्लू के नियंत्रित करने में सफल होंगे। अधिकारियों ने कुक्कुट उत्पादों के उपभोक्ताओं का डर दूर करते हुए कहा कि अच्छी तरह से पके हुए चिकन और अच्छी तरह उबले एवं पकाए हुए अंडों का उपयोग करने से संक्रमण का खतरा नहीं है क्योंकि वायरस उच्च तापमान में जीवित नहीं रह सकता। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने एक बयान में कहा कि 11 जनवरी 2021 तक देश के 10 राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हो चुकी है।दस जनवरी तक सात राज्यों केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू के प्रकोप की पुष्टि हुई थी। वहीं, सोमवार को दिल्ली, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में भी इस वायरस संक्रमण की पुष्टि की गई। केंद्र ने पक्षियों को मारने की कार्रवाई के लिए राज्यों को पर्याप्त संख्या में पीपीई किट और अन्य आवश्यक उपकरणों का भंडारण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। उधर, पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मानव में बर्ड फ्लू संचरण की कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट नहीं है और ऐसे में उपभोक्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने दिल्ली समेत सभी राज्य सरकारों से मुर्गा मंडियों को बंद नहीं करने अथवा कुक्कुट उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित नहीं करने को भी कहा है। 

केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाइक सड़क दुर्घटना में घायल पत्नी की मौत


जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाइक सोमवार को एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए. इस दुर्घटना में उनकी पत्नी विजय श्रीपद नाइक की मौत हो गई है।दुर्घटना कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में अंकोला के पास हुई है।

श्रीपद नाइक येलापुर से गोकरन जा रहे थे जब उनकी कार सड़क के किनारे गड्ढे में जा गिरी। ज़िले के पुलिस अधीक्षक शिवप्रकाश देवराजू ने बताया कि केंद्रीय मंत्री और उनकी पत्नी को फ़ौरन हेलिकॉप्टर एंबुलेंस के ज़रिए इलाज के लिए गोवा शिफ़्ट कर दिया गया, जहाँ उनकी पत्नी की मौत हो गई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा के मुख्यमंत्री को फ़ोन के ज़रिए केंद्रीय मंत्री के इलाज के लिए उचित प्रबंध करने का आग्रह किया है।श्रीपद नाइक आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी के साथ ही रक्षा राज्य मंत्री हैं।केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दुर्घटना पर ट्वीट के ज़रिए अपना दुख प्रकट किया।

 

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