जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)दिल्ली के कई इलाकों में बवाल करते हुए प्रदर्शनकारी किसान लाल किले में घुस गए। सैकड़ों किसान प्राचीर तक पहुंच गए और यहां ठीक उस जगह पर निशान साहिब और किसान संगठनों के झंडे लगा दिए हैं जहां, हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। हालांकि, कुछ ही देर में पुलिसकर्मियों ने इन झंडों को वहां से हटा दिया।

इसके बाद कई प्रदर्शनकारी गुंबदों पर झड गए और वहां भी झंडे लगा दिए।इस बीच दिल्ली बवाल को लेकर गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है दिल्ली में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा,1500 जवानों को तैनात किया जाएगा,15 कंपनी अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती, दिल्ली बवाल को देखते हुए डेप्लॉयमेंट CRPF की 10 कंपनियां तैनात होंगी। उधर, आईटीओ पर ट्रैक्टर पलटने से उसमें सवार एक किसान की मौत हो गई।

केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हजारों किसानों ने मंगलवार को ट्रैक्टर परेड निकाली। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं से शुरू हुई किसानों की परेड कई जगह तो रूट के मुताबिक रहीं, लेकिन कुछ जगह निर्धारित मार्गों से हट गईं।

इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच आमना-सामना हुआ, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज किया।

दिल्ली के आईटीओ समेत कई जगहों पर हिंसक टकराव भी हुए।दिल्ली में किसानों और पुलिस में हुई टकराव के बीच जवानों ने किसानों को रोकने की कोशिश की। पुलिस ने जगह-जगह पर बैरिकेडिंग कर रखी थी। पुलिस ने कई जगह पर ट्रकों और बसों को बैरिकेड बनाकर खड़ा कर दिया। इस वजह से किसानों ने उन ट्रकों को भी पलट दिया।किसान गणतंत्र परेड के दौरान किसानों को गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड तोड़ने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिस कर्मियों को दौड़ाते हुए दिखे। पुलिस ने भी लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया। निर्धारित समय से बहुत पहले ही सिंघू, टिकरी एवं गाजीपुर बॉर्डर से तिरंगे और विभिन्न किसान संगठनों के झंडे के साथ मार्च शुरू हो गया।

सुरक्षा अधिकारी प्रदर्शनकारियों को निर्धारित रास्ते पर ही मार्च निकालने के लिए राजी करते नजर आए। दिल्ली में आज गणतंत्र दिवस के दिन हुआ बवाल के बाद राजनीति गर्म हो गई है और अलग-अलग पार्टी के नेता इस परेड को अपने-अपने हिसाब से बयां कर रहे हैं।

दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री

अमरिंदर सिंह ने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे दिल्ली को खाली कर दें और बॉर्डर पर वापस लौट आएं। इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा था कि किसानों की मांगों को स्वीकार कर लिया जाए।अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘दिल्ली में चौंकाने वाले दृश्य  है। कुछ तत्वों द्वारा हिंसा अस्वीकार्य है।

यह शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे किसानों द्वारा उत्पन्न सद्भावना को नकार देगा। मैं सभी वास्तविक किसानों से दिल्ली को खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह करता हूं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने परेड ख़त्म होने का एलान किया
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित परेड के तत्काल प्रभाव से ख़त्म होने का एलान किया है।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मोर्चा ने परेड में हिस्सा लेने वाले किसानों से अपील की है वो सभी वापस लौट आएं. संयुक्त मोर्चा ने ये भी बताया है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।एएनआई के मुताबिक मोर्चा ने कहा है कि आगे के कदम के बारे में जल्दी ही जानकारी दी जाएगी।

पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने वालों पर क़ानूनी कार्रवाई होगी
दिल्लीके संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने कहा,“आज किसान रैली के दौरान पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.”समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया है कि किसान परेड के दौरान हुई हिंसा में कई पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुक़सान पहुंचा है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने प्रदर्शनकारी किसानों को हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील की और कहा कि शांति बनाए रखें और निर्धारित रूट से वापस लौट जाएं।दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा, “ट्रैक्टर रैली के लिए वक़्त और रूट कई दौर की बैठकों के बाद तय किया गया था. लेकिन किसान तय रूट की बजाए दूसरी जगह से ट्रैक्टर ले आए और वो भी तय वक़्त से पहले. इसके बाद हुए बवाल में कई पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं.”

केंद्र सरकार ने इस हद तक स्थिति को बिगड़ने दिया:आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी ने भी किसान परेड में आज हुई हिंसा की निंदा की है।पार्टी ने कहा कि ये अफसोसजनक है कि केंद्र सरकार ने इस हद तक स्थिति को बिगड़ने दिया।आप पार्टी ने एक बयान में कहा, “आंदोलन बीते दो महीने से शांतिपूर्ण रूप से चल रहा था. किसान नेताओं ने कहा है कि जो लोग आज हिंसा में शामिल थे, वो आंदोलन का हिस्सा नहीं थे और बाहरी तत्व थे. वो जो भी थे, हिंसा ने निश्चित रूप से आंदोलन को कमज़ोर किया है जो इतने शांति से और अनुशासित तरीक़े से चल रहा था।

किसान यूनियन का हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रहा हैः राकेश टिकैत
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बयान जारी करते हुए कहा कि, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड में भागीदारी निभाने वाले सभी किसान भाइयों का भाकियू तहे दिल से शुक्रिया अदा करती है। परेड के दौरान कुछ अवांछनीय तत्वों ने अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया उसकी भाकियू कड़े शब्दों में निन्दा करती है और जो घटना घटी उस पर खेद प्रकट करती है। लेकिन इस पूरी घटना के लिए भाकियू दिल्ली पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराती है। जो निर्धारित रूट दिल्ली पुलिस की तरफ से दिया गया था, ट्रैक्टर मार्च उसी रूट पर शुरू हुआ लेकिन चिन्हित जगहों पर बैरिकेड ना कर किसान यात्रा को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया। इसी का नतीजा यह हुआ कि ट्रैक्टर सवार भटक कर दिल्ली की तरफ आगे चले गए। परिणाम स्वरूप अवांछनीय तत्वों और कुछ संगठनों को मौका मिला और उन्होंने इस यात्रा में विघ्न डालने का कुत्सित प्रयास किया। भाकियू इस कृत्य में लिप्त लोगों से खुद को अलग करती है। किसान यूनियन का हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की निंदा  
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है,”ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ संगठन और कुछ असामाजिक तत्वों ने अब तक शांतिपूर्ण रहे हमारे आंदोलन में घुसपैठ की,रूट का और अनुशासन का उल्लंघन करके निंदनीय कार्य किया है.हमारा हमेशा से मानना रहा है कि शांति हमारी सबसे बड़ी शक्ति है. ऐसी हरक़तों से आंदोलन को नुक़सान पहुँचता है”समाचार एजेंसी एएनआई केमुताबिक़,संयुक्त किसान मोर्चा ने आज के पूरे घटनाक्रम पर ख़ेद व्यक्त किया है और कहा है कि जिन लोगों ने तय रास्ते से बाहर जाने का काम किया है उससे संयुक्त किसान मोर्चा ख़ुद को अलग करता है।कृषि-विरोधी क़ानून वापस लें: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है.उन्होंने सरकार से अपील की है कि वो किसानों की ‘बात सुने और देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लें।’
संजय राउत ने कहा- क्या इसी दिन का सरकार कर रही थी इंतजारशिवसेना नेता और पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत ने आरोप लगाया है कि सरकार चाहती तो दिल्ली में हो रही हिंसा को रोक सकती थी. उन्होंने सवाल किया है कि क्या कोई अदृश्य राजनीति कर रहा है?

किसानों को अब शांति से गांव वापस लौट जाना चाहिए – शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “जिस तरह से आज आंदोलन को हैंडल किया गया वो अफ़सोसजनक है. हम सभी विपक्ष में बैठे लोग किसानों का समर्थन करते हैं और मैं अपील करता हूं – अब आप (किसानों) को शांति से अपने-अपने गांव वापस लौट जाना चाहिए और सरकार को आपको दोष देने का कोई अवसर नहीं देना चाहिए.”शरद पवार ने कहा, “आज जो कुछ भी हुआ उसका कोई समर्थन नहीं करेगा लेकिन इसके पीछे की वजह को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. जो लोग शांति से बैठे थे उनमें गुस्सा पनपा, केंद्र ने अपनी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं की. सरकार को परिपक्वता से सही निर्णय लेना चाहिए.

किसान के समर्थन मे यूपी के कई जिलों में प्रदर्शन कई सपा नेता नज़रबंद
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता ) राजधानी लखनऊ, अयोध्या, मथुरा, कानपुर, लखीमपुरखीरी समेत यूपी के कई जिलों में किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। रैली निकालने को लेकर पुलिस नोकझोंक हुई। कई नेताओं को नजर बंद किया गया। लखीमपुर में 150 सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। लखनऊ की सदर, बीकेटी, मोहनलालगंज तहसील में ट्रैक्टर रैली व तिरंगा यात्रा निकाली। गोमतीनगर विस्तार सदर तहसील में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लखनऊ की बीकेटी तहसील पर समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गिरि के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सीतापुर हाईवे पर ट्रैक्टर रैली और तिरंगा यात्रा निकाली। इस दौरान हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई। मौके पर पुलिस फोर्स के साथ एसडीएम बीकेटी पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को बीकेटी थाने ले आई। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर हंगामा किया। वहीं गोसाईगंज में सपा कार्यालय से पूर्व जिलाध्यक्ष आशिक अली, पूर्व चेयरमैन बृजेश यादव, पूर्व युवजन सभा अध्यक्ष राम समुज रावत के नेतृत्व में करीब 100 कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर रैली निकाली, रैली गोसाईगंज से मोहनलालगंज के लिए आगे बढ़ी लेकिन खुजौली चौकी के पास पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस में तीखी नोकझोंक हुई। वहीं मोहनलालगंज में किसानों की ट्रैक्टर रैली को पुलिस ने इजाजत नहीं दी। जिसके बाद किसानों ने पैदल मार्च निकाला। वहीं सरोजनीनगर विधानसभा में भी सपा कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर रैली निकाली।कानपुर में झंडारोहण के बाद हंगामा शुरू कर दिया। ट्रैक्टर रैली निकालने का प्रयास करने पर सपाइयों और पुलिस में झड़प भी हुई। हंगामे के बाद सपा विधायक समेत काफी समर्थकों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेजा दिया गया। उधर, मंधना में ट्रैक्टर रैली के साथ दिल्ली जाने की तैयारी में जुटे सपा नेताओं को पुलिस ने उनके घरों में ही नजर बंद कर दिया। इसको लेकर सपाइयों ने काफी देर प्रदर्शन किया।अयोध्या में सपा के पूर्व विधायक अभय सिंह को उनके निवास पर किसानों के समर्थन में तिरंगा ट्रैक्टर रैली निकालने के प्रयास में पुलिस टीम ने उन्हें रोककर घर में ही नजरबंद कर दिया। लखीमपुर खीरी में सपा की ट्रैक्टर रैली पुलिस ने रोकी मैगलगंज में पुलिस ने सपा के ट्रैक्टर रैली को रोक दिया। इस पर कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। बेहजम में रैली निकाल रहे 150 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
बदायूं में ट्रैक्टर रैली निकालने से रोकने पर सपाइयों ने जाम लगाया इससे पूर्व सपा नेता लताफत हुसैन को उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया। सीतापुर में हाइवे से गुजरने वाले इलाके ट्रैक्टर रैली को लेकर सील कर दिए गए हैं। ट्रैक्टर रैली निकाल रहे पूर्व मंत्री, विधायक और किसान नेताओं को रोका गया। पुलिस सख्ती के बीच कई कार्यकर्ता घरों में ही नजरबंद किए गए।लखनऊ दिल्ली हाइवे से जुड़े इलाके में पुलिस की सख्ती सोमवार देर रात से बढ़ गई। मंगलवार सुबह अटरिया, हरगांव, नैमिषारण्य और महोली इलाके के बार्डर सील कर दिए गए। विधायक महमूदाबाद और पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी ट्रैक्टर रैली निकालते समय अपने अपने घरों से कुछ दूर ही रोक लिए गए। वाहनों को थानों पर भिजवाकर इन्हें गेस्ट हाउस ले जाया गया। शहर में पूर्व विधायक राधेश्याम जायसवाल, सहित अन्य सपाई और किसान नेताओं को रोककर उन्हें कोतवाली नगर में बिठाया। पुलिस सख्ती के बीच बार्डर पर वाहनों की चेकिंग जारी है।सुलतानपुर इसौली विधानसभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी विधायक अबरार अहमद के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली निकाली गई।बाराबंकी मे सपा नेताओं द्वारा विभिन्न स्थानों पर ट्रैक्टर रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस से नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने कई स्थानों पर दर्जनों कार्यकर्ताओं व नेताओं को हिरासत में लेकर थाने पर बैठाया।दरियाबाद संवाद के अनुसार पूरे शिवा मजरे सैदखानपुर से किसानों के आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकाली गई। ट्रैक्टर के सामने खड़े होकर पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन को रोका, इस दौरान नोकझोंक के बीच सपा नेता पूर्व ब्लाक प्रमुख संतोष वर्मा समेत एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया। रामसनेहीघाट में पूर्व कृषि मंत्री राजीव कुमार सिंह के पुत्र रिंकू सिंह समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस थाने पहुंची। त्रिवेदीगंज संवाद के अनुसार सपा हैदरगढ़ विधानसभा अध्यक्ष परशुराम वर्मा समर्थकों के साथ ट्रैक्टर रैली निकालने जा रहे थे जिन्हें पुलिस ने घर में ही हिरासत में ले लिया।श्रावस्ती : ट्रैक्टर यात्रा निकालने का प्रयास कर रहे सपाई गिरफ्तार किये गए। जबकि सपा नेता इकबाल मंसूरी को सोनवा थाने में नजर बंद कर दिया गया।ललितपुर में सपा ने निकली ट्रैक्टर रैली, किया प्रदर्शन,हरदोई में सपाइयो ने संडीला विधानसभा के मुरैली कठेरियान गांव में सपाइयों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। किसान आंदोलन का समर्थन किया। सरकार विरोधी नारेबाजी की।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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