जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता ) उत्तराखंड के चमोली जिले के रैनी में रविवार सुबह ग्लेशियर फट गया। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। वहीं, चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली करने में जुटे। ऋषि गंगा और तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, आपदा के दौरान रैनी में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त, सीमा पर आवाजाही ठप हो गई है। तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पर काम कर रहे कई मजदूर भी सुरंग में फंसे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। सीएम ने चमोली का दौरा किया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, आप सभी धैर्य बनाए रखें।

 

लोगों की मदद के लिए जो भी जरूरी कदम हैं वो सरकार उठा रही है। उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया है कि इस घटना में तक़रीबन 125 लोग लापता हैंऔर सात शव बरामद किए गए हैं।उन्होंने इस दुर्घटना में मरने वाले लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवज़े की घोषणा की है।इसके साथ ही मुख्यमंत्री रावत ने बताया कि इस घटना में 180 भेड़-बकरियां भी बह गई हैं और जिस जगह यह ग्लेशियर टूटा वहां के रैणी गांव में अभी तक पांच लोगों की मौत की अपुष्ट जानकारी है।उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में स्थानीय लोगों के कम हताहत होने की संभावना है क्योंकि बांध पर काम करने वाले स्थानीय लोग रविवार को छुट्टी पर रहते हैं।मुख्यमंत्री रावत ने कहा, “अभी तक की ज़रूरत के हिसाब से हमारे पास संसाधन उपलब्ध है. हेलीकॉप्टर पर्याप्त मात्रा में हैं. जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किए जाएंगे. बचाव दल भी हमारे पास उपलब्ध हैं।”“एनडीआरएफ़ की टीम दिल्ली से यहां पहुंची है. वह जौली ग्रांट से बसों के ज़रिए आगे के लिए रवाना हुई है. कल कुछ लोग और एनडीआरएफ़ की तरफ़ से आएंगे।”“ज़िलाधिकारी, एसपीऔर ज़िला चिकित्साधिकारी वहां कैंप किए हुए हैं. हमने वहां का पहले एरियल सर्वे किया और फिर सड़क से रैणी गांव में जहां तक जाया जा सकता है, हम वहां पहुंचे और जायज़ा लिया.एनडीआरएफ़ की 60 लोगों की टीम वहां पहुंच गई हैं। एक बड़ा सड़क पुल और चार अन्य झूला पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. धौलीगंगा के उस इलाक़े का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया है. वहां 17 गांव हैं जिनमें से 7 गांवों के लोग सर्दी की वजह से प्रवास कर गए हैं. 11 गांवों में लोग हैं. वहां सेना के हेलीकॉप्टर पहुंच चुके हैं।”अपर जिलाधिकारी टिहरी शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऋषिकेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। नदी से बोट संचालन और राफ्टिंग संचालकों को तुरंत हटाने के निर्देश  दिए गए हैं। वहीं, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो।चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि काफी नुकसान की सूचना आ रही है। लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं। टीम मौके पर जा रही है, उसके बाद ही नुकसान की स्थिति स्पष्ट होगी।  बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने के बाद बांध क्षतिग्रस्त हुआ। जिससे नदियों में बाढ़ आ गई है। तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। श्रीनगर में प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है। वहीं, नदी में काम कर रहे मजदूरों को भी हटाया जा रहा है।

राज ठाकरे ने दिखाया आईना कहा ‘रिहाना के एक ट्वीट से सरकार हिल गई, अगर वह हमारे देश के काम में हस्तक्षेप कर रही है तो ‘अगली बार ट्रंप सरकार’ वाला भाषण भी उचित नहीं था सचिन और लता को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए उन्हे ट्वीट करने के लिए कहना भी ग़लत

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता ) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने किसान आंदोलन को लेकर भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर के ट्वीट पर कहा है कि सरकार की ओर से इन्हें ट्वीट करने के लिए नहीं कहना चाहिए। राज ठाकरे ने कहा कि इन दोनों हस्तियों को अपने महान काम के लिए जाना जाता है और इन्हें इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। राज ठाकरे शनिवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, ”लता मंगेशकर और सचिन एक बार जन्म लेते हैं। और सभी सरकारों को चाहिए कि उनकी पवित्रता कायम रखें। ये सभी सरल हृदय हैं लेकिन इनके योगदान की कोई बराबरी नहीं कर सकता। इन्हें राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए.”राज ठाकरे ने अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ये भी कहा कि ये सब काम अक्षय कुमार को करने दो पर भारत रत्न से ऐसा नहीं करवाना चाहिए।राज ठाकरे ने कहा, ”रिहाना के एक ट्वीट से सरकार हिल गई, रिहाना कौन है? वो हमारे देश के काम में हस्तक्षेप नहीं कर रही है। अगर ऐसा है तो ‘अगली बार ट्रंप सरकार’ वाला भाषण भी उचित नहीं है.” प्रधानमंत्री को चाहिए कि किसानों के मुद्दों को सुलझाएं।किसान आंदोलन के समर्थन में कुछ विदेशी हस्तियों के आने की मोदी सरकार ने आलोचना की थी और सरकार ने #IndiaTogether और#IndiaAgainstPropaganda से ट्वीट करना शुरू किया था।इसी हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए सचिन और लता मंगेशकर ने भी ट्वीट किए थे।सचिन ने अपने ट्वीट में कहा था कि भारत अपने आंतरिक मुद्दों को सुलझाने में सक्षम है। लता मंगेशकर ने भी ऐसा ही ट्वीट किया था और कहा था कि भारत के लोग अपनी चीज़ें ख़ुद से ही सुलझा लेंगे. इन दोनों के ट्वीट को लेकर आलोचना होने लगी थी कि मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मूल्य कोई भारत की बहस नहीं है बल्कि ये अंतरराष्ट्रीय मूल्य हैं।

 

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