अब भूकंप के तेज झटके से कांपा जापान, रिक्टर स्केल पर 7.0 रही तीव्रता
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता ) पूर्वी जापान के तट पर शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.0 मापी गई है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इसकी जानकारी दी। भूकंप का केंद्र फुकुशिमा प्रान्त के तट पर 36 मील की गहराई पर था। हालांकि एजेंसी ने किसी भी तरह की सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार भूकंप सुबह 11 बजकर आठ मिनट पर आया था। इस भूकंप से राजधानी टोक्यो में कई इमारतें हिल गईं। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2011 में 11 मार्च को विनाशकारी भूकंप आया था जिसने जापान में तबाही मचा दिया था। इस भूकंप में लगभग 28 हजार लोग मारे गए थे। इस भूकंप में तीन लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे। इस त्रासदी ने जापान को लगभग 200 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद इस शहर की स्थिति सामान्य होने में काफी वक्त लग गए थे।जापान में 2011 में आया भूकंप समुद्र के नीचे होने के कारण, जिससे सुनामी की स्थिति बनी। इस सुनामी की वजह से काफी लोगों की जान गई और इस भूकंप से तो 28 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश- रजामंदी से अंतरधार्मिक विवाह करने पर सवाल नहीं पूछ सकती पुलिस
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता )सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दो वयस्क अगर विवाह के लिए राजी होते हैं तो पुलिस उनसे कोई सवाल नहीं कर सकती। न ही यह कह सकती है कि उन्होंने अपने माता पिता, परिवार या कुटुंब से इसकी अनुमति नहीं ली थी। अदालत ने कहा कि इस मामले में वयस्कों की रजामंदी सर्वोपरि है। विवाह करने का अधिकार या इच्छा किसी वर्ग, सम्मान या सामूहिक सोच की अवधारणा के अधीन नहीं है।अदालत ने कहा कि जब उन्होंने विवाह का प्रमाण-पत्र दिखा दिया तो पुलिस को केस बंद कर देना चाहिए था, लेकिन बयान देने के लिए उन्हें पुलिस थाने धमकाकर बुलाना गैर न्यायोचित है। दरअसल, एक हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़के ने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और दंपति ने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी उन्हें कर्नाटक वापस आने के लिए मजबूर कर रहा है और पति के खिलाफ मामले दर्ज करने की धमकी दे रहा है।न्यायमूर्ति एस.के. कौल की पीठ ने कहा कि हम इन हथकंडों को अपनाने में जांच अधिकारी के आचरण को दृढ़ता से रेखांकित करते हैं। इस अधिकारी को परामर्श के लिए भेजा जाना चाहिए ताकि वह सीखे कि ऐसे मामलों का प्रबंधन कैसे किया जाए। पीठ ने पाया कि आईओ को शिकायत को बंद करने के लिए खुद को और अधिक जिम्मेदारी से पेश करना चाहिए था। अगर वह वास्तव में बयान दर्ज करना चाहता था तो उसे सूचित करना चाहिए था कि वह उनसे मिलने आए और बयान दर्ज कराए, बजाए पति के खिलाफ कार्रवाई की धमकी देने के कि पुलिस स्टेशन में आओ।अदालत ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के लिए आगे का रास्ता न केवल वर्तमान आईओ को परामर्श के लिए है, बल्कि पुलिस कर्मियों के लाभ के लिए ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी जरूरी है। हम पुलिस अधिकारियों से अगले आठ हफ्तों में इस मामले में इस तरह के सामाजिक संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए कुछ दिशा-निर्देशों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं। प्राथमिकी को खारिज करते हुए पीठ ने लड़की के पिता को सलाह दी कि वे विवाह को स्वीकार करें और अपनी बेटी और दामाद के साथ सामाजिक संपर्क फिर से स्थापित करें। उन्होंने कहा कि बेटी और दामाद को अलग करने के लिए जाति और समुदाय की आड़ में शायद ही कोई वांछनीय सामाजिक क़वायद होगी। अपनी शिक्षक बेटी के मुस्लिम इंजीनियर से विवाह करने पर पिता ने थाने में गुमशुदगी की रपोर्ट दर्ज करवाई थी।पीठ ने बीआर आंबेडकर के -जाति का उन्मूलन- से लिए शब्दों के साथ निर्णय का समापन किया, ‘मुझे विश्वास है कि असली उपाय अंतरधार्मिक-विवाह है। रक्त का मिलन अकेले ही परिजनों और स्वजनों के होने का एहसास पैदा कर सकता है, और जब तक यह स्वजन की भावना, दयालु होने के लिए, सर्वोपरि नहीं हो जाती है, अलगाववादी भावना- जाति द्वारा बनाया गया पराया होने का एहसास खत्म नहीं होगा। असली उपाय जाति तोड़कर अंतर-विवाह है। बाकी कुछ भी जाति के विनाशक के रूप में काम नहीं करेगा।

वैक्सीनेशन से पहले आपके फोन पर क्या आएगा मैसेज, सीएम योगी ने दी जानकारी

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वैक्सीनेशन के संबंध में लाभार्थियों को इसकी जानकारी निर्धारित तिथि से दो दिन पहले मैसेज भेज कर दी जाए। इसमें वैक्सीनेशन के स्थान और समय के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। इस काम में जिलों के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की भी मदद ली जाए। उन्होंने कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स के टीकाकरण कार्य को तेजी प्रदान करने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि कोविड वैक्सीनेशन अभियान को पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए। कोरोना वायरस पर अंतिम प्रहार करने के लिए वैक्सीनेशन का यह अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कोविड-19 से बचाव और उपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की संक्रमण दर में उल्लेखनीय गिरावट आने के बावजूद अभी कोरोना संक्रमण समाप्त नहीं हुआ है। इसे ध्यान में रखकर प्रत्येक स्तर पर सावधानी बरतना जरूरी है। कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग कार्य की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने प्रदेश में कोरोना की टेस्टिंग को पूरी क्षमता से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में उपचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए। लोगों को कोविड-19 से बचाव के बारे में जागरूक किया जाए। इस कार्य में विभिन्न प्रचार माध्यमों के साथ-साथ पब्लिक एड्रेस सिस्टम का भी उपयोग किया जाए।

लॉकडाउन उल्लंघन में दर्ज मुकदमे होंगे रद्द, सीएम योगी के बड़े फैसले से 2.5 लाख लोगों को राहत
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर दर्ज किए गए मुकदमों को रद्द करने का आदेश दिया है। बता दें कि पहले सिर्फ व्यापारियों पर दर्ज किए गए मुकदमे रद्द किए गए थे। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के ढ़ाई लाख से अधिक लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, मुकदमों के कारण पुलिस और कचहरी के चक्कर लगा रहे यूपी के लाखों लोगों व व्यापारियों को जल्दी ही इससे छुटकारा मिल जाएगा। इसके पहले, सरकार ने प्रदेश भर के व्यापारियों के खिलाफ लॉकडाउन के दौरान दर्ज हुए मुकदमें वापस लिए जाने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद कानून मंत्री बृजेश पाठक ने व्यापारियों पर दर्ज मुकदमों का ब्योरा जुटाने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। राज्य सरकार का मानना है कि कोविड के मुकदमों से आम लोगों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अब प्रदेश में कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि मुकदमें रद्द कर दिए जाएं।कोविड-19 संक्रमण के दौरान लगे लॉकडाउन के उल्लंघन में प्रदेश के हजारों व्यापारियों के साथ आमजन के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमें दर्ज किए गए थे पर अब यूपी देश का पहला राज्य बन गया है जिसने व्यापारियों व आमजनता पर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लेने का फैसला लिया है।

 

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