जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) वसीम रिज़वी से उनकी माँ,भाई,बहन और दोस्तों ने किया क़ते ताल्लुक़ कर लिया है।भाई ने ये भी कहा है की वह न कभी नमाज़ पढ़ते हैं न रोज़ा रखते है।
हर तरफ से उन पर लानत की बौछार हो रही है। कुरआन ए करीम से 26 आयतों को हटाने के बयान और सुप्रीम कोर्ट में दाखि़ल की गई याचिका के ख़िलाफ आज 14 मार्च को अज़ादारी रोड,बडे इमामबाडे पर एक विरोध रैली आयोजित की गई, जिसमें महत्वपूर्ण शिया एंव सुन्नी ओलमा और विद्वानों ने भाग लिया। ओलमा ने इस विरोध रैली में वसीम रिज़वी को इस्लाम और कुरआन का दुश्मन और आतंकवादी करार देते हुए उसके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की। ओलमा ने कहा कि वसीम रिज़वी की इस याचिका के ख़िलाफ मुसलमानों के हर वर्ग में गहरा दुख और बेहद गुस्सा है और वह सरकार से उसकी गिरफ्तार की मांग कर रहे है। विरोध प्रर्दशन में मौलाना फज़ले मन्नान वायज़ी,मौलाना इमरान सिद्दीकी, मौलाना हसनैन बकाई,मौलाना बाबर अशरफ,मौलाना कल्बे सिब्तैन नुरी, सुप्रीम कोर्ट के वकील महमुद प्राचा, प्रोफेसर माहरुख मिर्जा,सवामी सारंग जी महाराज, मौलाना पयाम हैदर,मौलाना रजा़ हुसैन, और अन्य ओलमा ने भी तकरीरें कीं और वसीम रिज़वी के बयान की निंदा करते हुए उसके सामाजिक बहिष्कार का एलान किया। ओलमा ने कहा कि वसीम रिजवी काफिर है और भारत का दुशमन है
उसको सरकार गिरफतार करे। रैली को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि शैख-उल-हदीस हजरत मौलाना सैयद सलमान हसनी नदवी ने मुस्लिम एकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि कि हम बाद में शिया और सुन्नी हैं, पहले हम कुरान और सुन्नत के अनुसार एक उम्मत है।उन्होंने कहा कि सभी शिया सुन्नी हैं और सभी सुन्नी शिया हैं, इसलिए हमारे बीच तौहीद, पैगंबर और कुरान में कोई इख़्तेलाफ नहीं है।
मौलाना ने वसीम रिज़वी के बयान की निंदा करते हुए उसे काफिर और मुजरिम करार दिया। कार्यक्रम के संयोजक मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा जब तक हम वसीम को जेल नहीं भिजवाते हमारा विरोध जारी रहेगा।मौलाना ने कहा कि हम बहुत पहले से वसीम के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं लेकिन कोई भी मौलवी हमारे साथ नहीं आया। कुछ मौलवी कहते थे कि वक्फ की लड़ाई हमारी व्यक्तिगत लड़ाई है।अगर ये मौलवी उस समय हमारे साथ हो जाते, तो आज उसकी हिम्मत यहां तक नही पुहंचती।आज भी कुछ मौलवी ज़ाहिर में तो उसकी निंदा कर रहे हैं लेकिन अंदर से उसके हामी हैं, ऐसे मौलवियों का भी बहिष्कार आवश्यक है। विरोध रैली में सभी ओलमा और विद्वानों ने सर्वसम्मति से भारत सरकार से वसीम रिज़वी की गिरफ्तारी की मांग की और सर्वोच्च न्यायालय से वसीम शैतान की याचिका को खारिज करने और उसे कड़ी सज़ा देने की मांग की, क्योंकि उसका यह कदम पुरे भारत में आराजकता फेलाने और दंगे कराने की कोशिश है। ओलमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेज कर कड़ी कार्यवाही ओर उसकी गिरफतारी की मांग की।विरोध रैली में, मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव, इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी