यूपी:कोरोना वायरस को लेकर नई गाइडलाइन, सार्वजनिक कार्यक्रम में सौ से अधिक लोगों के शामिल होने पर रोक,पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार मे पांच से ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक प्रदेश मे धारा 144 लागू यूपी में बीते 24 घंटे में कोरोना के 3999 नए मरीज 13 की मौत लखनऊ में 1133 कोरोना के नए मरीज़
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है और अब पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। वहीं, प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एहतियात के तौर पर प्रदेश के भी जिलों में धारा 144 लागू कर दी है। अब प्रचार के दौरान पांच से ज्यादा लोग एक साथ एक जगह पर नहीं जुट सकेंगे।अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी जिलाधिकारियों, एसपी व एसएसपी को सख्ती से कोरोना प्रोटोकाल पालन करवाने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करवाएं और अत्यंत सावधानी से पंचायत चुनाव संपन्न करवाएं। पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए होने वाली सार्वजनिक जनसभा में पांच से अधिक लोगों की भीड़ न इकट्ठा होने पाए। आदेश में सार्वजनिक भोज की अनुमति देने से इनकार किया गया है। इसके साथ ही कोरोना प्रोटोकाल का पालन न करने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।लेकिन वहीँ शादी वगैरा मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के नए स्ट्रेन की संक्रमण दर काफी अधिक है इसलिए पूरी सजगता बरतना जरूरी है।अत: यह सुनिश्चित किया जाए कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में 100 से अधिक लोग एकत्र न हों। मुख्यमंत्री ने लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन जिलों में कोविड-19 के 100 से अधिक केस हैं वहां विशेष सावधानी बरती जाए। संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कांटैक्ट ट्रेसिंग का कार्य प्रभावी ढंग से किया जाए। कोविड पाजिटिव व्यक्ति के अधिक से अधिक कांटैक्ट्स को चिन्हित करते हुए ऐसे लोगों की जांच कराई जाए। प्रदेश में कोविड-19 की टेस्टिंग का कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। संदिग्ध केस में अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाए।
कोरोना मरीज मिलने पर दरवाजे पर टेप लगाकर सील करेगा नगर निगम
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)कोरोना मरीज मिलने पर नगर निगम अब घरों के बाहर बांस-बल्ली लगाकर सील नहीं करेगा। बल्कि घर के दरवाजे पर टेप लगाकर उसे सील किया जाएगा। टेप इस तरह से लगाया जाएगा जिससे जरूरी सामानों की आपूर्ति में परेशानी न हो। अब मरीजों की संख्या अधिक होने पर गली या मोहल्ले को सील करने के लिए ही बांस-बल्ली का इस्तेमाल होगा।नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि कंटेनमेंट जोनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले तीन दिनों तेजी आयी है। हर दिन चार-पांच सौ कंटेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं। नगर निगम के पास 2200 कंटेनमेंट जोन की सूची अब तक मुहैया हो चुकी है। इतनी मात्रा में बांस-बल्ली का इंतजाम करना संभव नहीं है। बांस-बल्ली की व्यवस्था में खर्च भी अधिक हो रहा है। रस्सी खोलकर लोगों के बाहर निकल आने की शिकायत भी मिल रही है। इसीलिए अब हर मोहल्ले में मोहल्ला निगरानी समितियों को सक्रिय किया गया है। किसी मोहल्ले में एक घर में कोरोना मरीज मिलने पर उसके घर के सामने बांस-बल्ली लगाने के बजाए टेप से उस घर को सील किया जाएगा। साथ ही निगरानी समति को उस घर पर नजर रखने के लिए सक्रिय कर दिया जाएगा। दो या उससे अधिक घरों में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने पर प्रोटोकाल के तहत पूरे मोहल्ले को सील करने की जरूरत हुई तभी बांस-बल्ली का इंतजाम किया जाएगा।उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए कूड़ा गाड़ियों में लगे लाउड स्पीकर से मास्क, दो गज की दूरी आदि के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा चौराहों पर लगे लाउड स्पीकर से भी लगातार अपील हो रही है।
दिलीप पाटिल होंगे महाराष्ट्र के गृृह मंत्री,देशमुख का इस्तीफा
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता) महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सौ करोड़ रुपये की वसूली के मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट की सीबीआई जांच के आदेश के तीन घंटे के भीतर ही इस्तीफा दे दिया।दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री हो सकते हैं। 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोपों में घिरे अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद वह इस पद को संभालेंगे। दिलीप वलसे पाटिल पुणे ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं। दिलीप वलसे पाटिल को एनसीपी के साफ छवि वाले नेताओं में से एक माना जाता है। वह कई बार महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं और विधानसभा के स्पीकर का पद भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा शरद पवार के एनसीपी में सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं। हालांकि उन्हें गृहमंत्री बनाए जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। एनसीपी के सूत्रों का कहना है कि गठबंधन सरकार के गठन के दौरान भी पाटिल को गृह मंत्री बनने का ऑफर दिया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से इससे इनकार कर दिया था।दरअसल कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार से विस्फोटक बरामद होने के मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का उद्धव ठाकरे सरकार ने ट्रांसफर कर दिया था। इसी केस में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि सचिन वाझे को अनिल देशमुख ने मुंबई से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था। सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने यह आरोप लगाया था। इस पत्र के बाद से ही अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग विपक्ष की ओर से की जा रही थी। इसके अलावा परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख भी किया था। हालांकि उनकी अर्जी पर कोई आदेश जारी नहीं हुआ, लेकिन सोमवार को वकील जयश्री पाटिल की अर्जी पर कोर्ट ने सीबीआई को देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया है। अदालत का कहना है कि 15 दिनों में सीबीआई रिपोर्ट देगी और उसके आधार पर यह फैसला लिया जाएगा कि देशमुख के खिलाफ केस दर्ज किया जाए या फिर नहीं। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद से ही एक बार फिर से देशमुख के इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी और अंत में शरद पवार से बातचीत के बाद अनिल देशमुख ने पद से इस्तीफा दे दिया।