इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के पांच जिलों में लॉकडाउन का दिया निर्देश, योगी सरकार का इनकार

यूपी सरकार ने सम्पूर्ण लॉकडाउन से इंकार किया,यूपी के शहरों में सम्पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगेगा,HC के आदेश पर यूपी सरकार ने दी जानकारी,प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े है- यूपी सरकार,कोरोना के नियंत्रण के लिए सख्ती आवश्यक है,प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए हैं यूपी सरकार ने कहा है की आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं जीवन के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है।शहरों मे सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा,लोग स्वतः स्फूर्ति के भाव से कई जगह बंदी कर रहे हैं अपर मुख्य सचिव सूचना ने जानकारी दी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का सख्त आदेश यूपी के पांच जिलों में लॉकडाउन लगाए सरकार,सुबह 11 बजे के बाद दूध सब्जी भी नहीं बेची जा सकेगी शिया वक़्फ़ के चुनाव को लेकर असमंजस

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) अदालत ने लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज में लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने इस सख्त आदेश में कहा है कि सुबह 11 बजे के बाद दूध सब्जी भी नहीं बेची जा सकेगी।उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूबे के पांच सबसे प्रभावित जिलों में लॉकडाउन के आदेश दिए हैं। अदालत ने लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है। अदालत ने यह लॉकडाउन आज रात 10 बजे से 26 अप्रैल की सुबह तक लगाने को कहा है। अदालत ने अपने इस सख्त आदेश में कहा है कि सुबह 11 बजे के बाद दूध सब्जी भी नहीं बेची जा सकेगी। अदालत ने कहा है कि हर हाल में सरकार को कल से इन पांच जिलों में लॉकडाउन लगाना ही होगा। यह पहली बार है जब किसी अदालत ने सरकार को लॉकडाउन का आदेश दिया है।कोर्ट ने कहा कि इन जिलों में आवश्यक सेवा जैसे परिवहन, चिकित्सा, वित्तीय संस्थाओं को छोड़कर सभी संस्थानों को 26 तक बंद रहेंगे। माल भी बंद रहेंगे। किराना के दुकान भी बंद रहेंगे जहां तीन से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। व्यवसायिक दुकानें, होटल, रेस्टूरेंट आदि बंद रहेंगे। 1. वित्तीय संस्थानों और वित्तीय विभागों, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं, औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों, नगर निगम के कार्यों और सार्वजनिक परिवहन सहित आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान सरकारी या निजी हों, 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे। न्यायपालिका हालांकि,अपने स्वयं के विवेक पर कार्य करें। सभी किराने की दुकानें और अन्य वाणिज्यिक दुकानें मेडिकल दुकानों को छोड़कर, (जहां तीन से अधिक श्रमिक हों) 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे; सभी होटल, रेस्तरां और यहां तक ​​की ठेले आदि पर खाने के छोटे बिंदु 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे; सभी संस्थान जैसे कि अन्य विषयों और गतिविधियों से संबंधित शिक्षण संस्थान और अन्य संस्थाएँ यह सरकारी हों, अर्ध सरकारी या निजी उनके शिक्षकों और प्रशिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के लिए 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे (यह दिशानिर्देश पूरे उत्तर प्रदेश के लिए है 26 अप्रैल, 2021 तक विवाह समारोहों सहित किसी भी सामाजिक समारोह और समारोहों की अनुमति नहीं होगी। हालाँकि, पहले से तय विवाह के मामले में संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट से आवश्यक अनुमति लेनी होगी। और अनुमति केवल 25 लोगों तक ही सीमित होगी और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट कोविद 19 के प्रभाव की मौजूदा स्थिति पर गहन विचार करने के बाद निर्णय लेंगे, जिसमें उस क्षेत्र में नियंत्रण क्षेत्र की अधिसूचना भी शामिल है, जहां इस तरह की शादी होनी है। किसी भी तरह की सार्वजनिक एवं धार्मिक गतिविधियों को 26 अप्रैल, 2021 तक निलंबित रखने का निर्देश दिया गया है । सभी प्रकार के धार्मिक प्रतिष्ठानों को 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहने के लिए निर्देशित किया जाता है; फल और सब्जी विक्रेताओं, दूध विक्रेताओं और रोटी विक्रेताओं सहित सभी फेरीवाले 26 अप्रैल, 2021 तक हर दिन सुबह 11 बजे तक सड़क पर उतरेंगे; प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर / देहात और गोरखपुर जिलों में व्यापक प्रसार वाले दो प्रमुख हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में हर दिन कंटेनमेन्ट जोन अधिसूचित किए जाएंगे। सड़कों पर सभी सार्वजनिक आवागमन को पूरी तरह से प्रतिबंधित रखा जाएगा, जो उपरोक्त निर्देशों के अधीन है। चिकित्सा सहायता और आपात स्थिति के मामले में आवागमन को अनुमति दी जाएगी। उपरोक्त निर्देशों के अलावा, हम राज्य सरकार को वर्तमान टीकाकरण कार्यक्रम को लागू करने के लिए मजबूती लाने का निर्देश देते हैं। इस आदेश की एक प्रति आज ही उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को भेजी जाए, जो 19.04.2021 की रात से प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर, गोरखपुर जैसे शहरों में हमारे उपरोक्त निर्देशों को लागू करने में सक्षम हो और इस आदेश की प्रतियां संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों के समक्ष भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

क्या टल जाएंगे यूपी पंचायत चुनाव ? सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका

जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता) यूपी में तेजी सेे फैल रहे कोराेना संक्रमण के बीच हाे रहे पंचायत चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सचिन भारद्वाज की इस याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। आाज ही यूपी के बीस जिलों में दूसरे चरण का चुनाव हो रहा है।सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने से पहले बांदा सदर से विधायक प्रकाश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आगे बढ़ाए जाने की मांग की है। विधायक के मुताबिक, जनपद में काफी तेजी से कोविड-19 संक्रमण बढ़ रहा है। उन्होंने वीकेंड कफ्र्यू में पत्र मुख्यमंत्री को भेजा था। विधायक ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण की व्यापकता सभी क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही है। काफी तेजी और बढ़े पैमाने पर जनपद के लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। थोड़ी सी भी लापरवाही जान के खतरे का कारण बन रही है। जनमानस में दहशत का वातावरण है। कहा कि इस समय त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहे हैं। दो चरण अभी शेष हैं। प्रत्याशी दिन-रात प्रचार में समर्थकों सहित गांवों के अंदर व बाहर गांव-गांव भ्रमण कर रहे हैं। इससे सामाजिक दूरी पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में जनपद की स्थिति संक्रमण से भयावह हो चुकी है। जनहित में कोरोना के इस विकराल रूप को देखते हुए पंचातय चुनाव तत्काल आगे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। विधायक ने तर्क दिया कि पंचायत चुनाव के कारण संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पहली बार है, जब संक्रमण का ग्राफ गांवों में तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह सिर्फ चुनाव है। चुनाव में प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रख रहे हैं। भीड़ के साथ प्रचार में लगे हैं। अगर चुनाव नहीं रोके गए तो स्थिति और भी भयावह होती जाएगी। विधायक ने बताया कि जिला पंचायत पद के लिए भाजपा से घोषित वार्ड-14 महिला प्रत्याशी की कोरोना संक्रमण से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से ठीक एक दिन पहले मौत हो चुकी है। वहीं, दूसरा प्रत्याशी संक्रमण के चलते गंभीर स्थिति में है।

 

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