हुसैनाबाद ट्रस्ट कोरोना मरीज़ों के इलाज पर सर्फ़ करे अपना फंड इमाम बाड़ा को बनाया जाये अस्थाई कोरोना अस्पताल प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जावद की अपील की है 

यूपी: 37,238 नए मामले, 196 की मौत,लखनऊ में भी 5,682 नए कोरोना केस
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) कोरोना संक्रमण के मामलों ने एक पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा रखा है। बीते 24 घंटे में ही यूपी में 37,238 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। वहीं 196 लोगों ने इसके कारण अपनी जान गवां दी है। राजधानी लखनऊ की बात की जाए तो यहां पर 5,682 नए संक्रमित मिले हैं।  प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार तक प्रदेश में 2,25,236 सैंपलों की जांच की जा चुकी है और अब तक कुल 3,93,00,000 सैंपल जांचे गए हैं।इससे पहले गुरुवार शाम को आए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 34379 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। जब कि 195 लोगों को जान चली गई। जो कि अब तक का एक रिकॉर्ड है।इसके पहले बुधवार को 33214 मरीज मिले थे। हालांकि, अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि राहत की बात है कि पिछले 24 घंटों में 16514 लोग डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं।  उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 196889 संक्रमितों की जांच की गई। प्रदेश में अब तक 10 हजार से ज्यादा मौतें कोरोना के कारण हुई हैं। लखनऊ में भी 5,682 नए कोरोना मरीज़ मिले हैं ।जबकि कानपुर में 1993 ,कानपुर में 24 घंटे में 9 मरीजों की मौत,वाराणसी में 1483 नए कोरोना के मामले 10 कोरोना मरीजों की मौत,मेरठ में 1361 नए कोरोना के मामले ,नोएडा में 1064 नए कोरोना मरीज मिले,नोएडा में 24 घंटे में 9 मरीजों की मौत,बरेली में 1221,झांसी में 1084 नए केस,मुरादाबाद में 1064 नए कोरोना मामले,चंदौली में 24 घंटे में 10 मरीजों की मौत,बस्ती में 24 घंटे में 9 मरीजों की मौत,24 घंटे में प्रदेश में 2,25,236 टेस्ट हुए हैं।

यूपी में दो दिनों के लिए कोरोना कर्फ्यू शुरू, 59 घंटे तक रहेंगी पाबंदियां,यूपी के एडीजी लां एंड आर्डर प्रशांत कुमार का बयान
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) कोरोना का दूसरी लहर बेहद भयावह होती जा रही है। इसकी चेन तोड़ने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन यानी कोरोना कर्फ्यू की घोषणा की थी। शुक्रवार रात आठ बजे से 59 घंटे का कोरोना कर्फ्यू शुरू हो गया है। यह सोमवार सुबह सात बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान सिर्फ अतिआवश्यक सेवा यानी मेडिकल, पुलिस और बंदिश के साथ सरकारी परिवहन सेवा को छोड़कर बाकी लोगों का घर से निकलना पूर्णत: वर्जित रहेगा। फिलहाल तो प्रदेश के 20 शहरों में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए रात आठ बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी है। अब इससे भी बड़ा प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत रात 8 बजे से लेकर सोमवार सुबह 7 बजे करीब 59 घंटे वीकेंड लॉकडाउन रहेगा।इससे पहले 15 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में सिर्फ रविवार को लॉकडाउन घोषित था। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने शनिवार और रविवार को दो दिन लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया था। इस दौरान आवश्यक सेवाओं के लिए छूट रहेगी। किसी के भी अनावश्यक घर से बाहर निकलने पर कड़ी कार्रवाई होगी। प्रदेश का परिवहन विभाग आधी क्षमता के साथ बस चलाएगा। इसके अलावा निजी गाड़ी या फिर ऑटो, टैंपो तथा टैक्सी का संचालन प्रतिबंधित है। इस दौरान प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर सेनिटाइजेशन किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए 15 मई तक हर शुक्रवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू (वीकेंड लॉकडाउन) का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में हमें वीकेंड कर्फ्यू की ओर रुख करना होगा। वीकेंड कर्फ्यू के दौरान लोगों का बिना काम के घर से निकलना वर्जित रहेगा।इसके साथ ही साथ सभी नियमों का पालन करना होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वीकेंड कर्फ्यू की वजह से राज्य में कोरोना के मामलों में कमी देखने को मिल सकती है। राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगाने को लेकर उन्होंने कहा कि हम राज्य में पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाएंगे। इस समय जरूरी है कि अधिक सावधानी बरती जाए। कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन जारी रहेगा।

यूपी के एडीजी लां एंड आर्डर प्रशांत कुमार का बयान। कोरोना वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए आज से वीकेंड कर्फ्यू लगाया जा रहा है। जो रात 8 से सोमवार सुबह तक रहेगा।सामान्य गाड़ियों व अन्य गतिविधियों पर रोक रहेगी। इंसेंसियल कमोडिटी गाड़िया चलेगी। कल स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैक्सिनेशन का कार्य भी किया जा सकेगा। संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए ये कर्फ्यू लगाया गया है। पुलिस और जिला प्रशासन की टीम इसका सख्ती से अनुपालन करायेगी। प्रदेश में 865 कंटोमेन्ट जोन, 50,000 लाउडस्पीकर, मोबाइल वैन के जरिये लोगो को जागरूक किया जा रहा। कर्फ्यू व कोविड नियमो को तोड़ने पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। ऑक्सीजन व रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर बड़ी कार्यवाही की गई है। 29 लोग गिरफ्तार किए गए, 668 रेमडेसिविर इंजेक्शन, 185 ऑक्सीजन सिलेंडर, 9 लाख से अधिक की नकदी बरामद की गई है। आरोपियों के खिलाफ NSA और गैंगस्टर में कार्यवाही की जा रही।

ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं लोग, अपने आखिरी दिन CJI बोबडे ने की कड़ी टिप्पणी

sharad arvind bobde takes oath as 47th chief justice of india
जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता) देश में कोरोना संकट पर स्वत: संज्ञान लेने के मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बतौर सीजेआई अपने आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे ने सरकार पर सख्त टिप्पणी की और कहा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं। फिलहाल, मामले को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में कोरोना संकट पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस एसए बोबडे कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट आज लॉकडाउन की घोषणा करने के लिए उच्च न्यायालयों की न्यायिक शक्ति से जुड़े पहलू की भी जांच करेगा।सुनवाई शुरू होते ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं। वहीं, कोविड-19 प्रबंधन पर राष्ट्रीय योजना से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान मामले में न्यायमित्र नियुक्त किए गए हरीश साल्वे ने मामले से हटने का अनुरोध किया। हरीश साल्वे ने कोविड-19 मामले में न्याय मित्र नियुक्त किए जाने पर कुछ वकीलों द्वारा आलोचना किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि मैं नहीं चाहता कि मामले में फैसले के पीछे यह कहा जाए कि मैं प्रधान न्यायाधीश को जानता हूं। इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने हरीश साल्वे को मामले से हटने की अनुमति दे दी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे आज यानी शुक्रवार को रिटायर हो रहे हैं। वह देश के ऐसे पहले मुख्य न्यायाधीश होंगे, जिनके कार्यकाल का अधिकतर हिस्सा कोविड लॉकडाउन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करने में चला गया। वह अपने 14 माह के कार्यकाल में 90 दिन ही फिजिकल सुनवाई कर पाए। इससे पहले देश के कोविड-19 की मौजूदा लहर से जूझने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर नेशनल प्लान चाहता है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस आर भट की तीन सदस्यीय पीठ ने गंभीर स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करेगी। पीठ ने कहा कि वह वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की उच्च न्यायालयों की शक्ति से जुड़े पहलू का भी आकलन करेगी। इसने कहा कि कम से कम छह उच्च न्यायालय कोविड-19 संबंधित मुद्दों की सुनवाई कर रहे हैं जिससे अलग-अलग प्राथमिकताओं के आधार पर भ्रम पैदा हो सकता है और संसाधन भी अलग-अलग दिशा में लगेंगे।शीर्ष अदालत ने स्वत: संज्ञान की कार्यवाही में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को न्याय मित्र नियुक्त किया है। पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और कहा कि वह मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी। पीठ ने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि एक पीठ और एक अदालत के तौर पर हम कुछ मुद्दों का स्वत: संज्ञान लेना चाहते हैं।

 

 

 

 

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