पिछले 24 घंटे में सामने आए 35 हजार से अधिक मामले, 298 की हुई मौत लखनऊ मे 4126
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) यूपी में कोरोना का कहर और बढ़ गया है। गुरुवार को कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या नई ऊंचाई पर पहुंच गई। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में रिकॉर्ड 298 लोगों की मौत हो गई। 35156 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई। इससे पहले बुधवार को 29824 नए मरीज मिले थे और 266 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी। लखनऊ मे 4126 कोरोना संक्रमित मरीजों मिले जबकि 37 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में 298 और मरीजों की मौत के बाद राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 12241 हो गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 35156 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई। इस अवधि में 25613 मरीज ठीक भी हुए हैं।प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में इस वक्त 309237 मरीजों का इलाज किया जा रहा है राज्य में अब तक कुल 1217955 लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 896477 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 225000 से ज्यादा नमूनों की जांच की गई। राज्य में अब तक चार करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है।

आईएएस दीपक त्रिवेदी पूर्व मंत्री हाजी रियाज अहमद का निधन


जायज़ा डेली लखनऊ (संवाददाता) कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण यूपी आईएएस एसोसिएशन व राजस्व परिषद के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी का गुरुवार को निधन हो गया। वह लखनऊ पीजीआई में भर्ती थे। वह एक दिन बाद रिटायर होने वाले थे।दीपक त्रिवेदी कई जिलों के जिलाधिकारी व मंडलायुक्त रहने के अलावा मुख्य सचिव नियुक्त आबकारी भी रह चुके थे।उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।बता दें कि इसी सप्ताह भाजपा के तीन विधायकों के साथ ही पूर्व मंत्री हाजी रियाज अहमद का भी कोरोना के कारण निधन हो चुका है।

शनिवार और रविवार में लगने वाले लॉकडाउन की अवधि एक दिन और बढ़ी


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) योगी सरकार ने वीकेंड (शनिवार और रविवार) में लगने वाले लॉकडाउन की अवधि एक दिन और बढ़ा दी है। सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि प्रदेश में अब शुक्रवार रात आठ बजे से मंगलवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन रहेगा। पहले यह सोमवार सुबह सात बजे तक लागू रहता था। उन्होंने बताया कि इस दौरान केवल आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं ही यथावत जारी रहेंगी। औद्योगिक गतिविधियां और वैक्सीनेशन कार्य साप्ताहिक बंदी में भी जारी रहेगा। इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। सहगल के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि कोविड संक्रमण की तेज दर में मरीजों की तादाद बढ़ी है। इस बार की लहर में ऑक्सीजन की मांग सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ी है। इस संबंध में व्यवस्था कराई जा रही है। मगर कुछ लोग अनावश्यक भय के कारण ऑक्सीजन सिलिंडर की जमाखोरी करने में लग गए हैं। रेमेडेसिविर जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की कालाबाजारी कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। योगी ने निर्देश दिए विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित कर लोगों को सही जानकारी दी जाए। किसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, किसे रेमेडेसिविर की जरूरत है और किन मरीज को ऑक्सीजन की अनिवार्यता है। अनावश्यक भय और अज्ञानता के कारण लोग इन आवश्यक चीजों का संग्रहण कर रहे हैं। इससे व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुछ अस्पतालों द्वारा मरीजों से अवैध वसूली की शिकायत मिली है।

पत्रकार सिद्दीक कप्पन को दिल्ली के अस्पताल में स्थानांतरित करे यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट


जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता) सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक विचाराधीन कैदी को भी जीने का अधिकार है। इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे पत्रकार सिद्दीक कप्पन बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। कप्पन को पिछले साल हाथरस जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किया गया था जहां 14 सितंबर, 2020 को एक दलित युवती की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की तीन सदस्यी पीठ ने यह राहत प्रदान करते हुये राज्य सरकार को केरल के पत्रकार को इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया। पीठ ने बुधवार रात को न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किये गये इस आदेश में कहा, ”हमारा मानना है कि गिरफ्तार शख्स की अस्थिर सेहत को देखते हुए उन्हें पर्याप्त और प्रभावी चिकित्सा सहायता मुहैया कराने और उनकी सेहत से जुड़ी सभी आशंकाओं को खत्म करने की आवश्यकता है।” पीठ ने कहा, ”सिद्दीक कप्पन को उचित इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल या अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) या दिल्ली के किसी अन्य सरकारी अस्पताल में भर्ती कराना न्याय के हित में होगा। इस संबंध में जरूरी कार्रवाई जल्द से जल्द की जानी चाहिए।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्वस्थ होने के बाद कप्पन को मथुरा की जेल भेज दिया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केरल की पत्रकार यूनियन (केयूडब्ल्यूजे) की ओर से दाखिल याचिका का निस्तारण करते हुए कप्पन को यह छूट दी कि वह गिरफ्तारी के खिलाफ या किसी भी अन्य राहत के लिए उचित मंच पर जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का यह कहते हुए पुरजोर विरोध किया था कि इसी तरह के कई आरोपियों का राज्य के अस्पतालों में उपचार हो रहा है। बहरहाल न्यायालय ने कहा, ”हमारा कहना है कि एक विचाराधीन कैदी को भी बिना किसी शर्त के ‘जीने का मौलिक अधिकार सबसे कीमती है।”पीठ ने कहा, ”चूंकि जेल के अन्य कैदियों को भी ऐसा ही इलाज मिल रहा है जैसा कि गिरफ्तार पत्रकार को तो यह हमें रोक नहीं सकता। यह कहने की जरूरत नहीं है कि जैसे ही सिद्दीक कप्पन स्वस्थ हो जाएंगे और डॉक्टर उन्हें फिट घोषित कर देंगे तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाए, उन्हें वापस मथुरा जेल भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन की मेडिकल रिपोर्टों पर गौर करने के बाद यह आदेश दिया। मेडिकल रिपोर्टों में कहा गया है कि कप्पन 21 अप्रैल 2021 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए, उन्हें बुखार था और बाथरूम में गिरने के कारण उन्हें चोटें भी आयी। इसमें कहा गया है कि कप्पन को के एम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहां पता चला कि उन्हें मधुमेह, दिल की बीमारी, रक्तचाप की समस्या हैं और उन्हें चोट भी आयी है। बहरहाल इसके बाद पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट में बताया कि वह कोविड-19 से संक्रमित नहीं हैं। केयूडब्ल्यूजे और कप्पन की पत्नी की तरफ से पेश अधिवक्ता विल्स मैथ्यूज ने कहा कि कप्पन को समुचित दवा और उपचार के निर्देश के साथ मामले में अंतरिम जमानत दी जा सकती है। कप्पन की पत्नी ने हाल ही में प्रधान न्यायाधीश रमण को पत्र लिखकर अस्पताल से उन्हें तुरंत छुट्टी देने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कप्पन को बिस्तर से जंजीर से इस तरह बांध कर रखा गया जैसे किसी जानवर को बांधा जाता है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने कप्पन को जंजीर से बांध कर रखने के आरोपों से इनकार किया। कप्पन को हाथरस घटना की रिपोर्टिंग पर जाने के दौरान रास्ते में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में 19 वर्षीय दलित युवती की सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गयी थी।

कोरोना संकट मे इस्लामिक देश सऊदी,यूएई समेत 40 से ज्यादा देश भारत की मदद को आगे आए
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता) भारत में कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 4,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 10,000 ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं। अब तक 40 देशों ने मदद की पेशकश की है। रूस से दो विमान पहुंच चुके हैं, जबकि अमेरिका से तीन विमान और आ रहे हैं।  विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत, मिस्र से रेमडेसिविर की 4,00,000 शीशियां खरीदने की दिशा में काम कर रहा है। संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश और उज्बेकिस्तान में भी रेमडेसिविर के स्टाक मौजूद हैं और इनसे संपर्क कर रहे हैं। गुरुवार को आयोजित विशेष प्रेस वार्ता में विदेश सचिव ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए अमेरिका, रूस, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएई्, खाड़ी देशों, पड़ोसी देशों सहित 40 देशों से सहयोग की पेशकश की गई है। श्रृंगला ने कहा कि सरकार मुख्य रूप से ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र, कंसंट्रेटर ऑक्सीजन सिलिंडर, क्रायोजेनिक टैंकर सहित तरल ऑक्सीजन हासिल करने पर ध्यान दे रही है। चिकित्सा आपूर्ति सीधी खरीद एवं अन्य माध्यमों से की जा रही है। विदेश सचिव ने कहा कि अमेरिका से तीन विशेष विमानों के अमेरिका से बड़ी मात्रा में चिकित्सीय आपूर्तियां आने वाली है जिसमें से दो विमान शुक्रवार को पहुंचेंगे ।रूस से भी गुरुवार को भारत को 20 टन चिकित्सा सामग्रियां आई जिनमें आक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा दुनिया के कई देशों ने महामारी की स्थिति से निपटने में सहयोग के लिए चिकित्सा आपूर्ति की घोषणा की है ।

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