तीसरी लहर को आने से रोका जा सकता है: के विजयराघवन
जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता) केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन ने कहा है कि अगर हम कड़े उपाय अपनाते हैं तो तीसरी लहर को कहीं भी आने से रोका जा सकता है।ये इस पर निर्भरता है कि स्थानीय स्तर पर राज्यों, ज़िलों और शहरों में हर जगह दिशानिर्देशों का कितने प्रभावी तरीक़े से पालन होता है।इससे पहले पांच मई को विजयराघवन ने ही चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर को रोका नहीं जा सकता.।उन्होंने कहा था कि जिस तरह तेज़ी से वायरस का प्रसार हो रहा है कोरोना महामारी की तीसरी लहर आनी तय है. हालांकि, ये साफ नहीं है कि तीसरी लहर कब और किस स्तर की होगी. हमें बीमारी की नई लहरों के लिए तैयारी करनी चाहिए। के विजयराघवन ने कहा था कि वर्तमान वैरिएंट्स के ख़िलाफ़ वैक्सीन प्रभावी हैं. नए वैरिएंट भारत के साथ पूरी दुनिया में सामने आएंगे लेकिन अधिक संक्रामकवैरिएंट्स में स्थिरता की संभावना होगी। उन्होंने कहा कि भारत और पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस प्रकार के वेरिएंट्स का पूर्वानुमान लगाने और उनके ख़िलाफ़ काम करने के लिए चेतावनी और संशोधित टूल विकसित करके तेज़ी से काम कर रहे हैं।

लखनऊ में पांच जून तक धारा 144 लागू,
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता)संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) पीयूष मोर्डिया ने 7 मई को अलविदा की नमाज, 9 मई को लोक नायक महाराणा प्रताप जयंती, 14 मई को ईद-उल-फितर व परशुराम जयंती, 26 मई को बुद्ध पूर्णिमा और एक जून को बड़ा मंगल पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लखनऊ में पांच जून तक के लिए धारा 144 लागू की है। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर समस्त सामाजिक, खेल, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों की अनुमति निम्न प्रतिबन्धों के अधीन होगी। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ या संयुक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस उपायुक्तों की पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना न तो पांच या इससे अधिक व्यक्तियों का कोई जुलूस निकालेगा और न ही सार्वजनिक स्थान पर पांच या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनाएगा। उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

यूपी: 28076 नए मामले,372 मौतें, लखनऊ में 1982 केस
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है, आज भी पूरे प्रदेश में 25 हजार से अधिक मामले आए हैं। बीते 24 घंटों में कोरोना के 28,076 मामले सामने आए हैं। वहीं कुल 372 लोगों की मौत हो गई।उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है, आज भी पूरे प्रदेश में 25 हजार से अधिक मामले आए हैं। बीते 24 घंटों में कोरोना के 28,076 मामले सामने आए हैं। वहीं कुल 372 लोगों की मौत हो गई।

कुछ प्रमुख जिलों के अपडेट
जिला        नए केस    डिस्चार्ज   मौत
लखनऊ      1982       3746     25
कानपुर       779        1647    31
वाराणसी      910        1524     7
प्रयागराज     563        1121     11
मेरठ         1817       1345     12
गोरखपुर      836        1281     15
गाजियाबाद    686        887      6
बरेली         939        1057     5
मुरादाबाद      937        969      0
सहारनपुर      1122       472      5
गौतमबुद्ध नगर  1288      1105     12

 

यूपीःक्या नदियों मे बहाए जारहे हैं कोरोना से मरने वालों के शव? यमुना में तैरती मिली कई लाशें
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)कोरोना के कारण श्मशानों और कब्रिस्तानों पर अंतिम संस्कार के लिए कतार लगने के बाद अब दिल दहलाने वाली खबरें आ रही हैं। हमीरपुर में शुक्रवार को जब यमुना नदी में अचानक से काफी शवों को बहते देखा गया तो हड़कंप मच गया और स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई। इन शवों की हकीकत जानने के लिए हमीरपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पता चला कि कानपुर और हमीरपुर जिलों के ग्रामीण इलाकों में लोगों की मृत्यु के बाद शवों को ग्रामीणों द्वारा यमुना में ही प्रवाहित किया जा रहा है। इस बारे में हमीरपुर के अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनूप कुमार सिंह ने बताया है कि जब उनके प्रभारी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि ट्रैक्टर में दो शवों को लाया गया था और फिर उन्हें यमुना में बहा दिया गया। पुलिस के मुताबिक उन्हें नदी में और भी कई सारे शव बहते मिल गए।इससे पहले बुधवार और गुरुवार को भी सात शव दिखाई दिये थे। जिला मुख्यालय में यमुना नदी पुल के पास शव उतराते दिखे तो लोगों में अफरातफरी मच गई। तीन शव कानपुर के सजेती थाने की सीमा में थे, जबकि चार हमीरपुर की ओर मिले। कुछ लोग यमुना पुल पर थे, तभी उन्हें थोड़ी-थोड़ी दूर पर शव उतराते दिखे। इनमें कुछ शवों के ऊपर कपड़ा पड़ा था। एक शव रेत में अधजली अवस्था में था। कोतवाल मनोज कुमार शुक्ला, एसआइ गौरव चौबे, मनोज पांडेय, नीरज पाठक समेत बड़ी संख्या में फोर्स पहुंची और जांच की। नायब तहसीलदार ने मोबाइल फोन से उतराते व अधजले शव की वीडियोग्राफी की। एएसपी ने बताया कि मौत के बाद लोग यमुना नदी में अंतिम संस्कार करते हैं। कई बार शव प्रवाहित भी कर देते हैं। ये शव उनमें से ही हो सकते हैं। अधजले समेत चार शव कानपुर के सजेती थाने की सीमा होने से वहां सूचना दी गई है। शव निकालकर जांच कराने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। इस खौफनाक मंजर के गवाह स्थानीय बच्चे भी हैं जिनके सामने ही कई शवों को यमुना में प्रवाहित किया गया है। वे बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में कई शवों को ऐसे ही लाया जाता है और फिर यमुना में बहा दिया जाता है। हमीरपुर जिले में बहने वाली यमुना नदी का उत्तरी किनारा कानपुर में लगता है और दक्षिणी किनारा हमीरपुर में लगता है यानी की यमुना नदी कानपुर और हमीरपुर जिलों की सीमा रेखा के रूप में बहती है। यमुना नदी को कानपुर और हमीरपुर जिले के लोग मोक्षदायिनी कालिंदी के रूप में मानते हैं और मत्यु होने पर इसी यमुना में जल प्रवाहित किए जाने की पुरानी परंपरा भी है। यमुना नदी में इक्का दुक्का शव तो हमेशा देखे जाते रहे हैं पर कोरोना काल में इस नदी में शवों की संख्या में तेजी आ गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण इलाकों में कितनी बड़ी तादाद में लोगों की मौत हो रही है।

सेंट्रल विस्टा आपराधिक फ़िजूलख़र्ची: राहुल गांधी
जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता)कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि सेंट्रल विस्टा आपराधिक फिजूलखर्ची है। प्रधानमंत्री अपने लिए नए महल के अहंकार को संतुष्ट करने के बजाय इस समय लोगों की जिंदगी पर ध्यान दें। ग़ौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस परियोजना पर सवाल उठाए थे. सीताराम येचुरी ने तो इस निर्माण कार्य को तुरंत रोकने की मांग भी की थी. जबकि ममता बनर्जी का कहना था कि निर्माण कार्य में हज़ारों करोड़ ख़र्च किए जा रहे हैं, जबकि वैक्सीन मुफ़्त नहीं दी रही है. उन्होंने भी मांग की थी कि सभी राज्यों को वैक्सीन मुफ़्त में मिलनी चाहिए।भारत में कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति के बीच नई दिल्ली का चेहरा बदलने वाली महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जारी है. दिल्ली के दिल में 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से पूरी होने वाली इस सरकारी परियोजना को ‘आवश्यक सेवा’ घोषित किया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि दिल्ली में लॉकडाउन होने के बावजूद इस परियोजना पर मज़दूर काम करते रहें. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत एक नए संसद भवन और नए केंद्रीय सचिवालय के साथ राजपथ के पूरे इलाके का री-डेवलपमेंट होना है।रायसीना हिल पर पुरानी इमारतों को सुधारने, आम सचिवालय भवनों को बेहतर बनाने, पुराने संसद भवन का नवीनीकरण करने और सांसदों की आवश्यकता अनुसार नई जगह बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सेंट्रल विस्टा परियोजना शुरू की है। इस परियोजना पर लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये के ख़र्च होने का अनुमान हैसेंट्रल विस्टा का काम नवंबर 2021 तक, नए संसद भवन का काम मार्च 2022 तक और कॉमन केंद्रीय सचिवालय का काम मार्च 2024 तक पूरा किया जाना है

कुद्स दिवस पर बोले अयातुल्लाह खामनेई जंग को एकजुट हों मुस्लिम देश,इजरायल एक देश नहीं,मुस्लिम देशों के खिलाफ आतंकी ठिकाना है
जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता) ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्लाह खामनेई ने इजरायल को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। खामनेई ने शुक्रवार को इजरायल एक देश नहीं है बल्कि आतंकी ठिकाना है। फलीस्तीन के समर्थन में मनाए जाने वाले कुद्स दिवस (येरुशलम डे) के मौके पर खामनेई ने कहा, ‘इजरायल एक देश नहीं है बल्कि फलीस्तीन और अन्य मुस्लिम देशों के खिलाफ एक आतंकी ठिकाना है।’ यही नहीं खामनेई ने इजरायल के खिलाफ मुस्लिम देशों से एकजुट होने की भी अपील की है। खामनेई ने कहा, ‘ऐसे निरंकुश देश के खिलाफ लड़ना आतंकवाद और अन्याय से जंग जैसा है। इजरायल से लड़ना हम सभी का कर्तव्य है।’ईरान के शीर्ष नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब क्षेत्र में अशांति का माहौल है। हाल ही में ईरान के एक परमाणु ठिकाने पर अटैक हुआ था। इसके अलावा ईरान के एक शीर्ष वैज्ञानिक की भी हत्या हो गई थी, जिसके लिए इजरायल पर उसने आरोप लगाया था। ईरान में हर साल कुद्स दिवस का आयोजन होता है। यह कार्यक्रम ईरान में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से ही आयोजित होता रहा है। इस मौके पर देशभर में रैलियों का आयोजन भी होता रहा है, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के चलते कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया। हालांकि तमाम प्रतिबंधों के बाद भी राजधानी तेहरान में कुद्स दिवस के मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। इन लोगों ने अमेरिका और इजरायल के झंडे जलाए और दोनों देशों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। खामनेई ने कहा कि यहूदी शासन अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और कोई भी इसे रोक नहीं सकेगा। यूएई समेत कई मुस्लिम देशों के साथ इजरायल के संबंध सामान्य होने को लेकर भी ईरान के सुप्रीम लीडर ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि इजरायल ने मुस्लिम देशों की एकता में सेंध लगाने के लिए ऐसा किया है। उन्होंने अपने संबोधन में फलीस्तीन से संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया और मुस्लिम देशों से उसका समर्थन करने की अपील की।

 

 

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