विशेषज्ञों का दावा-यूपी में निकल चुका है कोरोना का पीक,
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महामारी, सामाजिक वैज्ञानिक और महामारी विज्ञानी आरती कुमार ने कहा, हालांकि ‘पीक’ की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है। इसे महामारी के सबसे उच्चतम बिंदु के तौर पर देखा जाता है जहां पहुंचने के बाद वायरस के मामले कम होना शुरू करते हैं। यह शार्प या स्मूथ नहीं हो सकता है। यह पीक के छोटे और बड़े बिंदु हो सकते हैं।कोविड-19 के संदर्भ में, दुनिया भर के डाटा विश्लेषक और सांख्यिकीय मॉडलिंग विशेषज्ञ एक महामारी के पीक का निर्धारण करने के लिए उपकरण के तौर पर नए और सक्रिय मामलों का उपयोग करते हैं। इन दोनों की संख्या में आने वाली गिरावट को उस संकेतक के तौर पर देखा जाता है कि पीक निकल चुका है। अधिकारियों के अनुसार डाटा ऐसा ही संकेत देता है।उत्तर प्रदेश में 24 अप्रैल को सबसे ज्यादा 38,055 नए मामले सामने आए थे और तब से मामलों में गिरावट आ रही है। इसी तरह राज्य में 30 अप्रैल को रिकॉर्ड 3,10,783 सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद से इसमें कमी होती दिख रही है। पॉजिटिविटी रेट (सकारात्मक दर) या जांच किए गए लोगों में मिले पॉजिटिव की संख्या यह दिखाने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है कि पीक जा चुकी है।महामारी के पैटर्न की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव आलोक कुमार-3 ने इस ट्रेंड को स्वीकार करते हुए कहा, ‘पिछले डेढ़ हफ्ते में राज्य के सीपीआर में लगभग पांच प्रतिशत की कमी आई है जोकि एक अच्छा संकेत है।’ अधिकारियों के अनुसार, राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इस बात को साबित करते हैं।यूपी का सीपीआर नीचे चला गया है। 21-27 अप्रैल के बीच ये जहां 24.1 प्रतिशत था, वहीं 28 अप्रैल से चार मई के बीच यह 18.8 प्रतिशत रहा। ट्रेंड को देखने के लिए निजी प्रयोगशालाओं के सीपीआर का भी उपयोग किया जा सकता है। लखनऊ में एक पायलट मूल्यांकन ने संकेत दिया है कि निजी प्रयोगशालाओं में सीपीआर अप्रैल के मध्य में लगभग 76 प्रतिशत से घटकर अब 38 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज जैसे जिलों में जहां वायरस ने केस बरपाया, वहां भी पॉजिटिविटी कम हो गई है।

यूपी:26847 नए पॉजिटिव मरीज,लखनऊ मे 2179
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता)यूपी में पहले के मुकाबले इन दिनों कोरोना मरीजों की संख्या में सुधार देखने को मिल रहा है। एक्टिव केस भी एक सप्ताह में घट गए हैं। कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी दिन पर दिन कम हो रही है। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में 24 घंटे के अंदर कोरोना के 26847 नए पॉजिटिव मिले हैं। वहीं 34 हजार 731 मरीज ठीक होकर अपने घर लौटे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीएम योगी के निर्देशानुसार प्रदेश में कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले प्रदेश में करीब 2,23,155 सैंपल्स की जांच की गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि एक सप्ताह के अंदर प्रदेश में करीब 60 हजार एक्टिव केस कम हुए हैं।अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि 45 साल से ज्यादा उम्र के करीब 1,08,55,900 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। 27,31,279 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगाई गईहै। उन्होंने बताया कि 18 से 44 साल के उम्र वाले एक लाख 1923 लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा चुकी है। सोमवार से प्रदेश के सभी 18 नगर निगमों और नोएडा में 18 प्लस वालों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया जाएगा।

सरकार नाकाम सुप्रीम कोर्ट को करना पड़ा इंतेज़ाम, ऑक्सीजन आवंटन के लिए बनाई 12 सदस्यीय टास्क फोर्स


जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता)कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान विभिन्न अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 12 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है। जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा बनाई गई इस नेशनल टास्क फोर्स का काम पूरे देश में ऑक्सीजन का मूल्यांकन करने,जरूरत देखना और उसका आवंटन करना होगा। टास्क फोर्स में देशभर के नामी-गिरामी अस्पतालों के प्रमुख डॉक्टरों को शामिल किया गया है। कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक दवाओं, मैनपावर और चिकित्सा देखभाल के मुद्दों पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया भी प्रदान करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने जिस नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है, उसमें शामिल 12 सदस्यों के नाम- वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. भाभातोश बिस्वास, दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के चेयरपर्सन डॉ. देवेंद्र सिंह राणा, नारायणा हेल्थ केयर के चेयरपर्सन डॉ. देवीशेट्टी, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (वेल्लोर) के प्रोफेसर डॉ. गगनदीप कांग, डॉ. जेवी पीटर, मेदांता अस्पताल के चेयरपर्सन डॉ. नरेश त्रेहन, फोर्टिस अस्पताल के डॉ. राहुल पंडित, सर गंगाराम अस्पताल के डॉ. सौमित्र रावत, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायलरी साइंस (दिल्ली) के डॉ. शिव कुमार, मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉ. जरीर एफ., केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव और नेशनल टास्क फोर्स के संयोजक जोकि सरकार में कैबिनेट सचिव स्तर का अधिकारी होगा- हैं। पिछले कई दिनों से देश के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है। इस वजह से विभिन्न राज्यों के हाई कोर्ट्स से लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। पटना, इलाहाबाद, दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन संकट को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को फटकार भी लगा चुका है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों सुनवाई के समय केंद्र को फटकार लगाई थी और दिल्ली को 700 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई रोजाना देने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा कि केंद्र को 700 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की यह सप्लाई तब तक जारी रखनी होगी, जब तक कि आदेश की समीक्षा नहीं की जाती है या कोई बदलाव नहीं होता। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए पिछले दिनों कहा था कि आप हमें कड़े फैसले के लिए मजबूर न करें। कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि कुछ भी छिपाने के लिए नहीं है तो फिर सरकार आगे आकर देश को यह बताना चाहिए कि किस तरह से केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन का आवंटन किया जा रहा है।

इमरान ख़ान सऊदी अरब के दौरे पर,दो समझौते और दो एमओयू पर हस्ताक्षर,कश्मीर का मुद्दा भी उठाया 


जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान सऊदी अरब के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. शुक्रवार को जब इमरान ख़ान पहुँचे तो उनकी आगवानी में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान खड़े थे। क्राउन प्रिंस और इमरान ख़ान की जेद्दा में मुलाक़ात हुई. सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक़ दोनों देशों ने दो समझौते और दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।पीएम इमरान ख़ान के दफ़्तर ने ट्वीट कर बताया कि दोनों देशों ने सामाजिक और आर्थिक मुद्दों से जुड़े एमओयू पर दस्तख़त किए।सऊदी अरब प्रेस एजेंसी के मुताबिक़ पाकिस्तान ने सऊदी फंड ऑफ डिवेलपमेंट (एसएफडी) के साथ ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, परिवहन, जल और संचार के क्षेत्र में वित्तीय मदद से जुड़े एक एमओयू पर दस्तखत़ किए हैं।इसके अलावा, दोनों देशों की बातचीत में पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया। इमरान ख़ान के दफ़्तर के मुताबिक़ प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्रीय आर्थिक विकास के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक शांतिपूर्ण पड़ोसी की ज़रूरत को रेखांकित किया। इमरान ख़ान के दफ्तर ने ट्वीट किया, “इमरान ख़ान ने जम्मू और कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के महत्व पर बल दिया।””इमरान ख़ान ने अफ़ग़ानिस्तान में शांति और सुलह के समर्थन के लिए पाकिस्तान के लगातार प्रयासों पर भी प्रकाश डाला.” इमरान ख़ान ने कहा कि पाकिस्तान के ‘मॉडर्न इस्लामिक वेलफ़ेयर स्टेट’ की कल्पना ‘सऊदी विज़न 2030’ से मेल खाती है- एक प्रगतिशील, विविधता और ज्ञान से संचालित अर्थव्यवस्था.इसके अलावा दोनों नेताओं ने फ़लस्तीनी लोगों के सभी वैध अधिकारों के लिए उनके पूर्ण समर्थन की बात कही, साथ ही एक अलग देश के फ़ैसले के लोगों के अपने अधिकार पर ज़ोर दिया, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम होगी. पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच एक सहमति बनी.इमरान ख़ान ने क्राउन प्रिंस की हाल ही में शुरू की गई “ग्रीन सऊदी अरब और ग्रीन मिडल ईस्ट” पहल की सराहना की.इमरान ख़ान ने क्राउन प्रिंस को पाकिस्तान आने का न्योता भी दिया।

भारत के तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सऊदी अरब को शुक्रिया कहा


जायज़ा डेली नई दिल्ली (संवाददाता) भारत के तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सऊदी अरब और मध्य-पूर्व के बाक़ी के तेल उत्पादक देशों को कोविड संकट में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भेजने के लिए शुक्रिया कहा है।अपने कई ट्वीट में धर्मेंद्र प्रधान ने सऊदी अरब, यूएई और क़तर की ओर से अगले छह महीने तक कंटेनर की आपूर्ति और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की व्यावसायिक सप्लाई के आश्वासन का स्वागत किया है।धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ”यूएई, कुवैत, बहरीन और सऊदी अरब की ओर से ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हम शुक्रगुज़ार हैं।”प्रधान का ये बयान तब आया है जब भारत की सरकारी तेल रिफाइनरी ने सऊदी से मई महीने में तेल आयात में कटौती की है. ऐसा तेल मंत्रालय के निर्देश पर किया गया है। भारत की सरकारी रिफाइनरी सऊदी की सरकारी तेल कंपनी अरामको से महीने में लगभग 1.5 करोड़ बैरल तेल ख़रीदती है।भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है. भारत अपनी ज़रूरत का 80 प्रतिशत तेल आयात करता है और इसके लिए मध्य-पूर्व पर बहुत अधिक निर्भर है।सऊदी अरब और भारत के बीच रिश्तों में थोड़ी कड़वाहट आ गई थी जब इसी साल प्रधान ने कहा था कि सऊदी अरब और दूसरे देशों में तेल उत्पादन में की गई कटौती कच्चे तेल की क़ीमतों को बढ़ा रही है।भारत ने तेल रिफ़ाइनरी कंपनियों से कहा था कि वो मध्य-पूर्व पर अपनी निर्भरता को कम करे और सऊदी से कम तेल ख़रीदें. इसके बाद तेल कंपनियों ने मई में तेल की ख़रीद एक तिहाई कम कर दी।समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारतीय तेल उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच सऊदी ने जब भारत को ऑक्सीजन और क्रायोजेनिक टैंकर उपलब्ध करवाए, उसके बाद भारत के तेल मंत्रालय ने तेल रिफ़ाइनरी कंपनियों से सऊदी से आयात कम नहीं करने के लिए कहा है।सूत्र के मुताबिक, “सऊदी ने स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत मदद की.उन्होंने फिर से दोस्ती की कोशिश की.”भारत के तेल मंत्री ने भी शुक्रवार को कहा कि उन्होंने सऊदी अरब और खाड़ी के दूसरे देशों से बात की और उन्हें राहत सामाग्री देने के लिए शुक्रिया कहा.प्रधान ने ट्विट किया, “सऊदी असब, यूएई और कतर से बात की और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के आयात को बढ़ाने पर चर्चा की|

 

 

 

 

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