यूपी में 24 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, कैबिनेट की बैठक में हुआ फैसला
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता)उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश में जारी लॉकडाउन को 24 मई तक बढ़ाने पर सहमति दे दी है। बता दें कि लॉकडाउन बढ़ाने के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे।यूपी में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हो रही है फिर भी प्रदेश में लॉकडाउन 24 मई तक बढ़ाया गया है इसे लेकर आज आदेश जारी किया गया है।बता दें कि अभी जारी लॉकडाउन 17 मई सुबह सात बजे तक प्रभावी है।दरअसल, प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या कम हो रही है साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है पर गांवों में फैल रहा संक्रमण सरकार के लिए चिंता का सबब बन गया है इसलिए सरकार कोई मौका नहीं लेना चाहती है। प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी तेजी से कम हो रही है। जब पंचायत चुनाव चल रहा था उस समय प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या 90 हजार पार कर गई थी। यह संख्या अब 51 हजार से कम हो गई है। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार, 11 मई तक प्रदेश में 51284 कंटेनमेंट जोन थे। कंटेनमेंट जोन पर निगरानी रखने के लिए 37812 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। हालांकि, पंचायत चुनाव होने से 90 हजार कंटेनमेंट जोन पर 30 हजार पुलिसकर्मी ही तैनात थे। अब कंटेनमेंट जोन की संख्या घटी है और पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है। इसका सकारात्मक असर हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही प्रदेश में जांच का दायरा बढ़ाने का आदेश दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि शहर से लेकर गांव तक जांच करते रहने से वायरस की चेन नहीं बनने पाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा था कि वर्तमान में 97,000 से अधिक राजस्व गांवों में वृहद टेस्टिंग अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा नीति आयोग ने भी हमारे इस अभियान की सराहना की है।

यूपी:में 12547 नए मरीज,लखनऊ में 617
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आना राहत की बात है। शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक संक्रमितों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।यूपी में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 12547 नए मरीज मिले हैं जबकि 281 लोगों की मौत हुई है।लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीज़ों का आँकड़ा हुआ और भी कम पिछले 24 घंटे में मिले 617 मरीज़।वहीं, 28404 संक्रमित अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर गए हैं। बता दें कि प्रदेश में अभी तक 17238 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो चुकी है।प्रदेश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 177643 है।

मोहन भागवत ने कहा- देश के सभी लोगों को भेदभाव भूलकर एक हो जाए


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हालात बहुत बुरे किए हुए हैं। हर दिन लाखों संक्रमित मामले सामने आने के बाद देश का स्वास्थ्य सिस्टम चरमरा गया है। इधर रोजाना चार हजार के आस-पास मौत के आंकड़े दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे कब्रिस्तान और श्मशान घाट पर बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोरोना की स्थिति और टीकाकरण को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। इधर ममता बनर्जी के छोटे भाई का कोरोना से निधन हो गया। छत्तीसगढ़ के रायपुर में 31 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। छत्तीसगढ़ के अलावा पश्चिम बंगाल में भी लॉकडाउन बढ़ा दिया है।आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने देश में कोरोना संकट को लेकर शनिवार को एकजुटता की अपील करते हुए कहा कि कोरोना एक आपदा है जो कि मानवता के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व के सामने अपना उदाहरण रखना है, सारे भारत को एक समूह के नाते सारे भेद भूलकर सभी को एक टीम की तरह काम करना है।

इजरायल-फिलिस्तीन हिंसा पर क्या बोला भारत?


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)इजरायली सेना और फिलिस्तीनियों के बीच आज लगातार पांचवें दिन भी खूनी संघर्ष चल रहा है. इजरायल ने गाजा में अपना हमला तेज कर दिया है।बहरहाल, इजरायल और फिलिस्तीन में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने बयान जारी किया है. भारत ने सभी हिंसक गतिविधियों, खासकर गाजा से किए गए रॉकेट हमलों की निंदा की है ।साथ ही हिंसा पर रोक लगाने की जरूरत पर जोर दिया है।संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने बुधवार को ट्वीट किया कि पूर्वी यरुशलम में इस तनाव के मुद्दे पर हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में उन्होंने कहा कि भारत सभी तरह की हिंसक गतिविधियों, खासकर गाजा से किए गए रॉकेट हमलों की निंदा करता है। तिरुमूर्ति ने इजरायल में एक भारतीय नागरिक की मौत पर शोक जताया. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि तनाव में तत्काल कमी लाना समय की जरूरत है और दोनों पक्षों को यथास्थिति में बदलाव से बचना चाहिए।

 

फ़लस्तीनियों के पक्ष मे चीन,अमेरिका पर सीधा हमला बोला
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच जारी टकराव को लेकर दुनिया भर के देशों से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है. दुनिया के सबसे ताक़तवर मुल्क अमेरिका की सधी हुई प्रतिक्रिया आ रही लेकिन शुक्रवार को चीन ने इसराइल को लेकर अमेरिका पर सीधा हमला बोला है।चीन ने कहा है कि ख़ुद को मानवाधिकारों का संरक्षक और ‘मुसलमानों का शुभचिंतक’ बताने वाले अमेरिका ने इसराइल के साथ टकराव में मारे जा रहे

फ़लस्तीनियों (मुसलमानों) से आँखें फेर ली हैं। फ़लस्तीनियों को किस तरह युद्ध और आपदा की स्थिति में धकेल दिया गया है, वो अमेरिका को दिखाई नहीं दे रहा। चीन ने कहा है कि अमेरिका को सिर्फ़ शिनजियांग (चीन) के वीगर मुसलमानों की चिंता होती है।फ़लस्तीनी मुसलमानों को लेकर वो खामोश है। दरअसल, शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआं चनयिंग से पूछा गया था कि इसराइल-फ़लस्तीनी संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जो बैठक 14 मई को होनी थी, उसे अमेरिका द्वारा अड़चन डालने की वजह से 16 मई के लिए टाल दिया गया। अमेरिका ने ऐसा क्यों किया? ऐसी स्थिति में जब तनाव पहले ही बहुत ज़्यादा है, मीटिंग को कुछ और दिन के लिए टाल देने का मतलब और फ़लस्तीनी लोगों को ख़तरे में डाल देना है. इस बारे में चीन क्या सोचता है? इसके जवाब में हुआं चनयिंग ने कहा, “चीन इसराइल-फ़लस्तीनी संघर्ष की गंभीरता को समझता है. हम स्थिति पर नज़र बनाये हुए हैं और लगातार बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित हैं। हम मध्यस्थता की तमाम कोशिशें कर रहे हैं. हमने इसे लेकर दो आपातकालीन बैठकें बुलाईं ताकि हिंसक संघर्ष को रोका जा सके. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अधिकांश सदस्य देश भी चाहते हैं कि चीज़ों को आगे बढ़ने से रोका जाये, इससे पहले कि बात हाथ से निकल जाये. लेकिन अमेरिका इसके विपरीत है. उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को प्रेस वक्तव्य जारी करने से रोका. यानी अमेरिका एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भावना के ख़िलाफ़ खड़ा है। अमेरिका ऐसा क्यों कर रहा है? इस सवाल का जवाब हम भी जानना चाहते हैं. और शायद अमेरिका ही इसका सही जवाब दे सकता है।इसके बाद हुआं चनयिंग ने कहा कि “अमेरिका दावा करता है कि उसे मुसलमानों के अधिकारों की बड़ी चिंता है। लेकिन उसे फ़लस्तीनी मुसलमान दिखाई नहीं देते। उनकी पीड़ा नहीं दिखाई देती. वो उनके मामले पर अपनी आँखें मूंद लेता है. बल्कि अमेरिका और यूके-जर्मनी जैसे उसके साथी देश शिनजियांग से जुड़े मुद्दे पर एक बेमतलब की बैठक करते हैं जो राजनीति से प्रेरित है।इसके पीछे उनकी क्या नीयत है? अमेरिका को यह पता होना चाहिए कि फ़लस्तीनी मुसलमानों की ज़िंदगियाँ भी उतनी ही क़ीमती हैं।इस मामले में चीन की कोशिशों पर बात करते हुए हुआं ने कहा, “चीनी विदेश मंत्री इसी साल मार्च में मध्य-पूर्व के दौरे पर गये थे। वहाँ उन्होंने मध्य-पूर्व क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए पाँच सूत्रीय योजना पेश की थी. जिनमें से एक योजना फ़लस्तीनियों के लिए न्याय और समानता के लिए थी. चीन का मानना है कि मौजूदा स्थिति को जल्द से जल्द शांत कराया जाना चाहिए. लोगों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए. चीन चाहेगा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद हर वो कोशिश करे, जो अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए की जानी चाहिए।

 

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