यूपी में 10682 पॉजिटिव,लखनऊ में 525,
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)यूपी में रविवार को नए मरीजों के अनुपात में दोगुने से अधिक मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए। रविवार को 10682 नए कोरोना पॉजिटिव मिले, वहीं 24837 मरीज संक्रमण मुक्त होकर स्वस्थ हो गए, जबकि 311 मरीजों की मौत हो गई। वर्तमान में प्रदेश में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 88.92  प्रतिशत हैएसीएस चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 1619645 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से कुल 1439096 कोरोना पॉजिटिव संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। 17546 मरीजों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। वर्तमान में 163003 एक्टिव मरीज प्रदेश में है। कुल एक्टिव मरीजों में से 134615 होम आइसोलेशन में हैं। अन्य मरीजों सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को 267420 नमूनों की जांच की गई। इनमें से 111208 नमूने आरटीपीसीआर तकनीक से जांचें गए। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को मेरठ में 701, लखनऊ में 525, वाराणसी में 496, देवरिया में 471, बुलंदशहर में 421, सहारनपुर में 437, गोरखपुर में 433, गौतमबुद्ध नगर में 377, मुजफ्फरनगर में 319, बरेली में 296, शाहजहांपुर में 279, गाजियाबाद में 273, अमरोहा में 230, अलीगढ़ में 228, मुरादाबाद में 220, कुशीनगर में 205 मरीज मिले हैं। वहीं 39 जिले एसे हैं जहां 100 से कम मरीज हैं। रविवार को सबसे ज्यादा 27 मरीजों की मौत मेरठ में हुई है। इसके अलावा लखनऊ में 20, कानपुर नगर में 13, चंदौली में 12, मथुरा में 10 मरीजों की मौत हुई है।

इसराइल-फ़लस्तीन जंग के बीच मध्यस्थता की कोशिशें तेज़,पोप फ्रांसिस ने की हिंसा की निंदा, अंतरराष्ट्रीय मदद की प्रार्थना


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) पोप फ्रांसिस ने इस्राइल और फलस्तीनियों के बीच ‘अस्वीकार्य’ हिंसा की कड़ी निंदा की और कहा कि खासतौर पर बच्चों की मौत ‘संकेत है कि वे भविष्य का निर्माण नहीं करना चाहते हैं बल्कि विध्वंस करना चाहते हैं।

पोप फ्रांसिस ने रविवार को सेंट पीटर स्क्वॉयर की ओर खुलती खिड़की से आशीर्वाद देने के कार्यक्रम में शांति, संयम और वार्ता के रास्ते के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की प्रार्थना की।उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद से पूछा, इस नफरत और बदले से आखिर हमें क्या मिलेगा? क्या हम सच में मानते हैं कि हम अन्य को नष्ट कर शांति प्राप्त कर सकते हैं?’

पोप फ्रांसिस ने आगे कहा, ‘ईश्वर के नाम पर जिसने हम सभी इंसानों को बराबर हक, कर्तव्य और सम्मान के साथ बनाया और भाई की तरह रहने का निर्देश दिया, मैं अपील करता हूं कि इस हिंसा को जल्द से जल्द बंद किया जाए।’ इसराइल पहुंचे अमेरिकी दूत हैदी अम्र ने इसराइली रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ और दूसरे सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत की है. इधर मिस्र ने भी दोनों पक्षों के बीच संघर्ष-विराम के लिए मध्यस्थता की कोशिशें तेज़ कर दी हैं।विवार को हो रही इस्लामी देशों के समूह ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन की एक अहम बैठक में सऊदी अरब ने “फ़लस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन” करने के लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया है. बैठक फ़िलहाल चल रही है। रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। मंगलवार को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यूरोपीय संघ में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की भी बैठक होने वाली है. इस बैठक में इस बात पर चर्चा की जाएगी की हिंसा ख़त्म करने की कोशिश में संघ किस तरह योगदान कर सकता है।संघ के विदेश नीति प्रमुख जुसेप बोरेल ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच जारी हिंसा के कारण आम लोगों की मौत हो रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने ट्वीट कर कहा है कि दोनों पक्षों के बीच जारी लड़ाई को रोकना बेहद ज़रूरी है और दोनों के बीच टू-स्टेट के लिए बातचीत आगे बढ़ाई जानी चाहिए।

मीडिया पर हुआ हमला बाइडन ने नेतन्याहू से की फोन पर वार्ता


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) इस्राइल और फलस्तीन के बीच खूनी संघर्ष जारी है। इस्राइल के युद्धक विमानों ने रविवार तड़के गाजा सिटी के अहम हिस्से में कई इमारतों, सड़कों और मीडिया दफ्तरों को निशाना बनाया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बात कर नागरिकों और पत्रकारों की सुरक्षा पर चिंता जताई।इस्राइली हवाई हमले में शनिवार को गाजा शहर में एक ऊंची इमारत को नष्ट कर दिया, जिसमें एसोसिएटेड प्रेस और अन्य मीडिया आउटलेट्स के कार्यालय थे। जानकारी के मुताबिक, मीडिया कार्यालय में मौजूद सभी पत्रकार, कर्मचारी और फ्रीलांसरों को इमारत से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर वार्ता की। इस दौरान बाइडन ने हमास के मिसाइल हमलों के जवाब में गाजा में इस्राइली हमलों के प्रति पूरा समर्थन व्यक्त किया, लेकिन हमलों में आम नागरिकों के हताहत होने और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।व्हाइट हाउस ने बताया कि बाइडन ने शनिवार को हुई बातचीत के दौरान इस्राइल में अंतरसांप्रदायिक हिंसा और वेस्ट बैंक में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई। बाइडन और नेतन्याहू ने येरुशलम पर भी चर्चा की। इस दौरान बाइडन ने कहा कि यह सभी धर्मों एवं पृष्ठभूमियों के लोगों के लिए एक साथ मिलकर शांति से रहने की जगह होनी चाहिए।

इस्लामिक देशों की बैठक मे फ़लस्तीनी के विदेश मंत्री ने अरब देशों को आड़े हाथों लिया


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) इसराइल और ग़ज़ा के बीच जारी संघर्ष को लेकर रविवार को इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई।लगातार गहराते टकराव को देखते हुए सऊदी अरब के अनुरोध पर ओआईसी ने यह बैठक बुलाई थी।समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, ओआईसी की बैठक के दौरान फ़लस्तीनी क्षेत्र के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने इसराइल के साथ रिश्ते सामान्य करने वाले देशों को आड़े हाथों लिया।उन्होंने कहा, “बिना शांति स्थापित किए और अरब और फ़लस्तीनी ज़मीन पर इसराइली क़ब्ज़े को समाप्त किए बिना सामान्यीकरण और औपनिवेशिक इसराइली व्यवस्था की ओर भागना भेदभाव भरे शासन और उसके अपराधों में भागीदारी का समर्थन करना है।”इस औपनिवेशिक कब्ज़े का सामना किया जाना चाहिए और इसे ख़त्म करना चाहिए. हाल में रिश्ते सामान्य करने की रफ़्तार अरब जगत की भावनाओं पर असर नहीं डालेगी या उनका आंकलन नहीं बदलेगा।इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच जारी हिंसा से उन देशों को ख़ासी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है जिन्होंने इसराइल से रिश्ते सामान्य करने की कोशिशें की थीं. इनमें सूडान, मोरक्को, संयुक्त अरब अमीरात यूएई) और बहरीन जैसे देश शामिल हैं।बैठक में यूएई के विदेश मंत्री रीम अल हाशिमी भी थे. उन्होंने भी हिंसा को रोकने की मांग की लेकिन इसराइल के साथ रिश्ते सामान्य करने की आलोचना पर वो कुछ नहीं बोले।ओआईसी की आपात बैठक की मेज़बानी सऊदी अरब कर रहा है. हालांकि, उसके इसराइल के साथ औपचारिक साधारण रिश्ते नहीं हैं। ओआईसी की बैठक में सऊदी अरब न इसराइल की कड़ी आलोना करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ‘तुरंत कार्रवाई’ की मांग की है।सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान ने बैठक में देश का नेतृत्व करतेहुए कहा कि ‘यरूशलम का संरक्षण हम सब की ज़िम्मेदारी है।सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा, “पूर्वी यरूशलम में फ़लस्तीनी लोगों को जबरन घरों से निकालने और वहां पर संप्रभूता लगाने करने की भड़काने वाली इसराइली योजना को सऊदी अरब पूरी तरह ख़ारिज करता है और उसकी निंदा करता है. इसके साथ ही सैन्य कार्रवाई की भी निंदा की जाती है जिसके कारण मासूम महिलाओं, बच्चों और नागरिकों की जानें जा रही हैं. इसके कारण अरब शांति पहल को नज़रअंदाज़ किया गया है।

मोदी की आलोचना वाले पोस्टरों पर राहुल गांधी का ट्वीट“मुझे भी गिरफ़्तार करो.”


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना वाले पोस्टरों के इर्द-गिर्द जारी विवाद थमता नहीं दिख रहा है, बल्कि दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में कुछ गिरफ़्तारियाँ किये जाने के बाद मामले ने और तूल पकड़ ली है। इस मामले में अब कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया है और उन्होंने वही लाइन दोहराई है कि “मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन को विदेश क्यों भेज दिया?”उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तो उस पोस्टर को ट्विटर पर अपनी प्रोफ़ाइल तस्वीर के रूप में लगा लिया है. उन्होंने भी वह पोस्टर ट्वीट किया है।इनसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उस पोस्टर की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था कि “सुना है ये पोस्टर शेयर करने से पूरा सिस्टम कांपने लगता है।” दिल्ली में गुरुवार को कई जगहों पर कोविड-19 टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना वाले पोस्टर लगे हुए मिले थे।जिन पोस्टरों को लेकर विवाद है, उन पर लिखा था- “मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेजी?”बताया गया है कि स्पेशल ब्रांच ने दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव को पोस्टरों के बारे में जानकारी दी थी जिसके बाद 12 मई रात से ही दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी. इसके तहत अभी तक कम से कम 25 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किये गए लोगों में ज़्यादातर ग़रीब और मजबूर लोग हैं जिन्होंने अपनी दिहाड़ी के लिए ये पोस्टर जगह-जगह लगाये थे। ये गिरफ़्तारियाँ ऐसे समय में हुई हैं जब देश समेत राजधानी दिल्ली महामारी से पार पाने के लिए संघर्ष कर रही है।अंग्रेज़ी भाषा के अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गिरफ़्तार किये गए लोगों ने दो वक़्त की रोटी के इंतज़ाम के लिए पोस्टर लगाए थे. गिरफ़्तार किये गए कुछ लोगों के परिवार वालों का कहना है कि उन्हें इस बारे में पता भी नहीं था कि ये राजनीतिक पोस्टर हैं या क्या हैं. उन्होंने तो सिर्फ़ दो-वक़्त के राशन का इंतज़ाम करने के लिए ये काम किया था। दिल्ली पुलिसकर्मियों की शिक़ायतों पर दिल्ली भर में गिरफ़्तारियाँ की गईं हैं. एफ़आईआर आईपीसी की धारा-188 (लोकसेवक के आदेश की अवमानना), धारा-269 (महामारी के दौर में लापरवाही बरतने और संक्रमण फैलाने की आशंका) और दिल्ली रोकथाम अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत दर्ज की गई हैं।

महाराष्ट्र में कोरोना से 974 की मौत,34,389 नए मामले
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से होने वाली मौत का आंकड़ा हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहा है। रविवार को राज्य में कोरोना वायरस से 974 लोगों की जान चली गई है। राज्य में कोरोना वायरस से एक दिन में होने वाली यह अब तक की सबसे अधिक मौतें हैं। राज्य में नए मामलों में गिरावट जरूर देखने को मिली है लेकिन, पिछले दो दिनों से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है।राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 34,389 नए मामले सामने आए। वहीं, 59,318 लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हुए। नए केस की तुलना में रिकवरी ज्यादा होने से राज्य में एक्टिव केस में कमी देखने को मिली है। राज्य में फिलहाल एक्टिव केसों की संख्या 4,68,109 पर आ गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में मौत का आंकड़ा 81,486 पहुंच गया है। बता दें कि पूरे देश में महाराष्ट्र इकलौता ऐसा राज्य है जहां पर इतनी ज्यादा मौतें देखने को मिली हैं। राज्य में शनिवार को कोरोना वायरस से 960 लोगों की जान गई थी।

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