शिया सुन्नी उलमा ने की जन्नतुल बकी के पुनर्निर्माण की मांग सऊदी अरब के खिलाफ ऑनलाइन प्रदर्शन
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) कोरोना की वजह से इस साल भी आठ शव्वाल को जन्नतुल बकी के विध्वंस के अवसर पर मजलिसे उलमा हिन्द की जानिब से ऑनलाइन प्रदर्शन किया गया। जिसमें सऊदी अरब के ज़ुल्म और बर्बरता की निंदा की गई। इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने जन्नतुल बकी के पुनर्निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि जन्नतुल बकी का विध्वंस दिवस इतिहास का बहुत ही अफसोसनाक वाकिया है। सऊदी हुकूमत एक आतंकवादी राज्य है जिसने इजराइल और अमरीका की सरपरस्ती में पूरी दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा दिया है।सुन्नी सूफी मौलाना मोइनुद्दीन चिश्ती नायब सज्जादा नशीन खानकाह तुसी कानपुर ने सऊदी अरब की निंदा करते हुए कि उन्होंने अहलेबैत और रसूल के प्यारो के मज़ारों को धवस्त किया इसलिए उन्हें मुसलमान नहीं कहा जा सकता। आले सऊदी वास्तव में आले यहूद हैं जो उपनिवेशवाद शक्तियों के गुलाम हैं। इसलिए दोनों का विरोध करना हमारा धार्मिक कर्तव्य है। मौलाना हसनैन बाक़ाई ने कहा कि आले सऊद ने इस्लाम के नाम पर जो ज़ुल्म किया है उसकी मिसाल नहीं मिलती। जिस तरह यज़ीद ने इस्लाम के नाम पर ज़ुल्म और बर्बरता की तो रसूल के नाती इमाम हुसैन अ.स उसके विरोध में खड़े हुए। इसी तरह आज इमाम हुसैन अ.स के समर्थकों को आले सऊद जो यज़ीदी निज़ाम के मानने वाले है उनके खिलाफ उठ खड़े होने की ज़रूरत है। मौलाना शब्बीर अली वारसी ने अपने बयान में कहा कि सऊदी हुकूमत ज़ालिम हुकूमत है जिसने आले रसूल, असहाबे रसूल और अज़वाजे रसूल की क़ब्रे धवस्त कर दीं। अल्लाह कि रसूल ने फ़रमाया के जिसने फातिमा को अज़ीयत दी उसने मुझे अज़ीयत दी और जिसने मुझे अज़ीयत दी उसने खुदा को अज़ीयत दी। अब मुसलमान खुद फैसला करें जिसने बीबी फातिमा स.अ की क़ब्र को धवस्त किया है वो रसूल और खुदा दोनों का दुश्मन है।

जफरयाब जिलानी का ऑपरेशन सफल 


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी का शुक्रवार को मेदान्ता अस्पताल के डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर दिमाग में जम गए खून के थक्के को निकाला। उनको अभी वेंटिलेटर पर रखा गया है। हालांकि हालत गंभीर है लेकिन नियंत्रण में है।बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी गुरुवार शाम ब्रेन स्ट्रोक की वजह से घर में अचानक गिर गए थे। बेहोश होने पर परिवार के लोग उन्हें शहीद पथ स्थित मेदांता हॉस्पिटल ले गए। जांच में पता चला कि उनके दिमाग के अगले हिस्से में खून का थक्का जम गया था। आनन फानन न्यूरो सर्जरी के डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया। आईसीयू में अभी वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।मेंदांता हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता जिलानी के ब्रेन स्ट्रोक की वजह से दिमाग में खून का थक्का जम गया था। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया है। आईसीयू में जिलानी की निगरानी में चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम लगी हुई है।

प्रदेश में 7735 नए मामले मिले,रिकवरी दर 92.5 प्रतिशत
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) यूपी में लगभग 26 दिन बाद एक बार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी है।  शुक्रवार को प्रदेश में कुल 7735 नए मरीज मिले हैं। जबकि 24 घंटे पहले यह संख्या 6725 थी। 24 अप्रैल के बाद से प्रदेश में संक्रमण घट रहा था। प्रदेश में संक्रमण मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 17668 है।  जबकि पिछले 24 घंटे में 172 लोगों की मौत हुई है।अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 106276 एक्टिव मरीज बचे हैं। यह 30 अप्रैल की एक्टिव मरीजों की संख्या के मुकाबले लगभग 68 प्रतिशत कम है। कुल एक्टिव मरीजों में से 72547 होम आइसोलेशन में हैं। जबकि 8635 प्राइवेट व अन्य सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में कोरोना संक्रमण का पॉजिटिविटी रेट 2.6 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बृहस्पतिवार को 289810 नमूनों की जांच हुई है। अब तक प्रदेश में कुल 4.61 करोड़ नमूनों की जांच हो चुकी है। इनमें से दो करोड़ नमूने आरटीपीसीआर तकनीक से जांचे गए हैं। जो एक नया रिकार्ड है। एसीएस नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में मार्च 2020 में जब पहला कोरोना का मामला आया था, तब प्रदेश में एक भी आटीपीसीआर जांच की सुविधा नहीं थी। उस दौरान आए  नमूनों को एनआईवी पुणे की प्रयोगशला में भेजा जाता था। एक साल में प्रदेश में दो करोड़ आरटीपीसीआर जांच की सुविधा होना उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 1.58 करोड़ से अधिक डोज कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। इसमें लगभग 1.25 करोड़ पहली डोज और 33 लाख दूसरी डोज हैं। 

ट्रेन से महाराष्ट्र जाने वालो को आरटी-पीसीआर रिपोर्ट ज़रूरी


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) ट्रेन से मुंबई या महाराष्ट्र के किसी अन्य शहर जा रहे हैं तो आरटी-पीसीआर की निगेटिव जांच रिपोर्ट लेकर यात्रा करें। जांच रिपोर्ट यात्रा की तिथि से 48 घंटे के भीतर की होनी चाहिए। महाराष्ट्र पहुंचने पर अगर जांच में यात्री पॉजिटिव निकलता है तो उसे 14 दिनों तक क्वांरटीन कर दिया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार की इस सख्ती के बाद उत्तर रेलवे प्रशासन प्रशासन ने अपनी गाइड लाइन जारी की है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि ट्रेन में चढ़ने के पहले कोविड 19 संबंधी नियमों को समझ लें और उसका पालन करें। महाराष्ट्र सरकार ने इसके पहले 18 अप्रैल और एक मई को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए थे। बावजूद यात्री बिना जांच रिपोर्ट ट्रेनों में सफर करके महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं। मुंबई से लखनऊ आने वाले यात्रियों की सिर्फ जांच हो रही है। वहीं मुंबई जाने वाले यात्रियों कोई जांच या आरटीपीसीआर की रिपोर्ट की जांच नहीं की जा रही है। लखनऊ जंक्शन के जीआरपी इंस्पेक्टर आलम खान का कहना है कि मुंबई से आने वाले यात्रियों की जांच पॉजिटिव आने पर मेडिकल टीम एंबुलेंस हास्पिटल भेजती है।

राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के लिए राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कांग्रेस नाराज़


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी ने शुक्रवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सातों दोषियों को रिहा करने की मांग से सहमत नहीं है। पार्टी ने कहा कि वह इस राजनीतिक दबाव को अस्वीकार करती है। द्रमुक प्रमुख स्टालिन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर हत्या के दोषियों को तुरंत रिहा करने की मांग की थी। इसके एक दिन बाद ही तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के अध्यक्ष केएस अलागिरि ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे और राष्ट्रपति को पत्र लिखने के मामले में स्टालिन के साथ नहीं है।अलागिरि ने दोषियों को रिहा करने और स्टालिन द्वारा इसके लिए राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखने के सवाल पर पत्रकारों से कहा, ”हम इससे सहमत नहीं हैं।” राजीव गांधी की 30वीं पुण्यतिथि के मौके पर यहां पार्टी मुख्यालय में उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित करने के बाद अलागिरि ने कहा कि दोषियों में धर्म, जाति, भाषा और नस्ल के आधार पर अंतर नहीं किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा, ”केवल अदालत द्वारा दोषी को सजा दी जानी चाहिए और रिहा किया जाना चाहिए, ऐसे मामलों में राजनीतिक दबाव नहीं होना चाहिए और यही टीएनसीसी का रुख है।”

26 मई की शाम को सुर्ख होगा जाएगा चाँद,7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा चंद्रग्रहण


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) साल का पहला चंद्रग्रहण वैशाख पूर्णिमा यानी 26 मई को लगने जा रहा है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो दुनिया भर के कई देशों में दिखाई देगा। आइए बताते हैं कि भारत में कब और कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहणसाल 2021 का पहला ग्रहण चंद्रग्रहण होगा। साल का पहला चंद्रग्रहण वैशाख पूर्णिमा यानी 26 मई को लगने जा रहा है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो दुनिया भर के कई देशों में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण 26 मई, 2021 दिन बुधवार को वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। चंद्रमा पर आंशिक ग्रहण दोपहर में करीब सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम को 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। पूरब में 26 मई की शाम आसमान पर पूर्ण चंद्रग्रहण के ठीक बाद एक दुर्लभ विशाल व सुर्ख चंद्रमा (सुपर ब्लड मून) नजर आएगा। एम पी बिरला तारामंडल के निदेशक एवं प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक देबीप्रसाद दुआरी ने बुधवार को बताया कि कोलकाता में आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण 10 साल पहले, 10 दिसंबर 2011 को दिखा था। दुआरी ने कहा कि 26 मई की रात को, सूर्य, धरती और चंद्रमा इस तरह से एक सीध में होंगे कि धरती से यह पूर्ण चंद्रमा के रूप में नजर आएगा और कुछ समय के लिए इसपर ग्रहण भी लगा होगा। चंद्रमा धरती के आस-पास चक्कर लगाता हुआ कुछ पल के लिए धरती की छाया से गुजरेगा और पूरी तरह से इसपर ग्रहण लग जाएगा। पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया से पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। भारत के अधिकांश हिस्सों में पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा और इसलिए देश के लोग पूर्ण चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे। लेकिन पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों के लोग आंशिक चंद्र ग्रहण का आखिरी हिस्सा ही देख पाएंगे, वह भी पूर्वी आसमान से बहुत करीब, जब चंद्रमा निकल ही रहा होगा।उन्होंने कहा कि उस शाम कोलकाता में चंद्रमा शाम सवा छह बजे निकलेगा और दिलचस्पी रखने वाले लोगों को आंशिक चंद्रग्रहण की कुछ मिनट तक झलक मिलेगी जो छह बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के लोग ग्रहण नहीं देख पाएंगे।

 

 

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