कमिश्नर से मिले उलेमा वसीम के खिलाफ ज्ञापन दिया
मौलाना कल्बे जव्वाद के नेतृत्व में शिया उलेमा का प्रतिनिधि मंडल मिला लखनऊ के कमिश्नर के समक्ष वसीम रिज़वी के असमाजिक कृत्यों के और निरतंर निंदनीय बयानबाज़ी के खिलाफ ज्ञापन दिया है। प्रतिनिधि मंडल मे मौलाना रज़ा हुसैन तसनीम साहब वगैरा शामिल थे। मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद ने जायज़ा न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि वसीम मुर्तद को सरकार और प्रशासन ने फितना और फसाद की खुली छूट दे रखी है जिसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वो मुसलमानो के बीच फूट डलवाने की कोशिश कर रहा है और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। इसकी पूरी ज़िम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी जिसकी लापरवाही और समर्थन की बुनियाद पर वो आज़ाद घूम रहा है। वरना उसे अब तक जेल में होना चाहिए था। मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद ने कहा कि दुनिया में पहली बार इतना बड़ा विद्वान और शोधकर्ता पैदा हुआ है जो नया क़ुरान लिखने का दावा कर रहा है। बल्कि यूँ कहा जाये के वो अब खुदाई दावे कर रहा है। मौलाना ने कहा कि इस गुस्ताख़ी के पीछे चरमपंथी संगठन हैं जो वसीम मुर्तद का समर्थन कर रहे है। ये चरमपंथी संगठन इस्लामोफोबिया का शिकार और हिंदुस्तान की गंगा जमनी तहज़ीब के दुश्मन है। उन्होंने देश का माहौल ख़राब कर दिया है और मुसलमानो के बीच फूट डालने के लिए ऐसे बेईमान और इस्लाम विरोधी तत्वों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरोना महामारी के इस दौर में जब इंसान ज़िन्दगी और मौत से जंग लड़ रहा है ये फिरक़ा परस्त संगठन कोरोना से लड़ाई के बजाये हिंदुस्तान को बाटने की कोशिश कर रहे है।

यूपी:छह और जिलों को कोरोना कर्फ्यू से राहत


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता)यूपी के छह और जिलों को कोरोना कर्फ्यू से राहत दी गई है। इन जिलों में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 600 से कम हो गई है। इसके तहत अब बिजनौर, मुरादाबाद, देवरिया, बागपत, प्रयागराज और सोनभद्र को कोरोना कर्फ्यू से राहत दी गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ टीम-9 की बैठक में ये निर्णय लिया गया।बता दें कि एक जून से प्रदेश के उन जिलों में दिन का कर्फ्यू हटा लिया गया है जहां पर कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 600 से कम है। इसके अलावा, बाकी सभी जिलों में रात्रि कर्फ्यू शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा। इस नियम के तहत अब प्रदेश के 61 जिलों को दिन के कर्फ्यू से मुक्त कर दिया गया है।आदेश जारी करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव आर के तिवारी द्वारा निर्देश में कहा गया है कि 600 से अधिक सक्रिय मामलों वाले जिलों में कोई छूट नहीं दी जा रही है। यदि किसी जिले में सक्रिय मामले 600 से कम हो जाते हैं तो छूट अपने आप अमल में आ जाएगी। इसी तरह जिन जिलों में छूट दी गई है, वहां मामले 600 से अधिक होते ही छूट अपने आप ही समाप्त हो जाएगी और समस्त गतिविधियों पर फिर से रोक लगा दी जाएगी। प्रदेश में अब मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, झांसी, लखीमपुर खीरी, जौनपुर एवं गाजीपुर में फिलहाल कोई छूट नहीं दी गई है।

यूपी 24 घंटे में सिर्फ 1497 कोरोना संक्रमित लखनऊ मे सिर्फ 84 संक्रमित मिले हैं 
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यूपी सरकार का थ्री टी फॉर्मूला सफल साबित हुआ है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में 3.12 लाख टेस्ट के बावजूद सिर्फ 1497 कोरोना संक्रमित मिले हैं। लखनऊ मे सिर्फ 84संक्रमित मिले हैं प्रदेश में अब कोरोना से रिकवरी दर 96.6 प्रतिशत हो गई है।प्रदेश में 30 अप्रैल के 03 लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष एक माह में 88.1 फीसदी की गिरावट हो गई है। वर्तमान में प्रदेश में 37,044 कोरोना केस एक्टिव हैं। बीते 24 घंटे में प्रदेश की पॉजिटिविटी दर मात्र 0.5 फीसदी रही।बता दें कि कोरोना की रोकथाम के लिए अन्य राज्यों ने पूर्ण लॉकडाउन लगाया था पर उत्तर प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू ही लगाया। इस दौरान आर्थिक गतिविधियां चलती रहीं। प्रदेश में गेहूं की खरीद हुई। चीनी मिलें चलती रहीं और व्यापारिक कार्य भी होते रहे।सोमवार को टीम-9 के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन संक्रमण से बचाव का सुरक्षा कवर है। केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार सभी नागरिकों का यथाशीघ्र टीका-कवर देने के लिए संकल्पित है। अब तक प्रदेश में 01 करोड़ 80 लाख 11 हजार 760 डोज लगाए जा चुके हैं। जबकि 18 से 44 आयु वर्ग के 19 लाख 83 हजार 968 लोगों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। हमारा लक्ष्य जून माह में एक करोड़ लोगों को टीका-कवर से आच्छादित करने का है। उन्होंने कहा कि सभी 75 जिलों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की प्रक्रिया एक जून से प्रारंभ हो रही है। इसके साथ ही, 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों का टीकाकरण प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। सभी जिलों में इसके लिए ‘अभिभावक स्पेशल बूथ’ भी बनाए गए हैं। इन बूथ पर टीकाकरण हेतु अभिभावकों से उनके पाल्य की आयु का सत्यापन कराया जाएगा।

आजम खान की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता)मेदान्ता हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमित पूर्व मंत्री व सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की सोमवार को कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई। उनकी सेहत में काफी सुधार है। डॉक्टर उन्हें जल्द आईसीयू से सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर देंगे। उनके ऑक्सीजन के स्तर में काफी सुधार हुआ है। पूर्व मंत्री के कोविड फाइब्रोसिस और कैविटी के चलते फेफड़ों में संक्रमण बढ़ गया था। जिसकी वजह से गुर्दे में दिक्कत बढ़ गई थी। अब पूर्व मंत्री की सेहत नियंत्रण में है। विशेष डॉक्टरों की निगरानी में उपचार चल रहा है। पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला की भी अच्छी है। आजम खान और उनके बेटे सीतापुर जेल में कोरोना पॉजिटिव आये थे। जेल उपचार चल रहा था लेकिन नौ मई को कोरोना संक्रमित आजम खान की तबीयत बिगड़ने पर सीतापुर के जेल प्रशासन ने उन्हें व उनके बेटे को मेदान्ता में भर्ती कराया था। मेदान्ता हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर बताते हैं कि आजम खान की सेहत में काफी सुधार है। उनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्हें अब आईसीयू से सामान्य वार्ड में शिफ़्ट किया जाएगा। गुर्दा रोग विशेषज्ञ और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग डॉक्टरों को निगरानी में इलाज चल रहा है।

चीन में फिर बढ़े कोरोना के मामले, ब्रिटने में तीसरी लहर की दस्तक


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) चीन में कोरोना संक्रमण के मामले सोमवार को अचानक तेजी से बढ़ते हुए दिखे. देश के दक्षिणी इलाके के शहर ग्वांझो में 30 मई को 18 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं।इसकी वजह से शहर को जाने वाली कई उड़ान सेवाएं रद्द कर दी गई हैं. चीन की नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने जिन 27 नए मामलों के रिपोर्ट होने की बात कही है, उनमें केवल सात ऐसे मामले हैं जो बाहर से आए हैं। हेल्थ अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि 30 मई को संक्रमण के जिन 20 स्थानीय मामलों की रिपोर्ट हुई है, उनमें 18 ग्वांझो शहर के हैं और दो फोशान के।इसकी वजह से ग्वांझो बायुन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 519 फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया है। विमानन क्षेत्र के आंकड़ों के मुताबिक़ ग्वांझो के कुल एयर ट्रैफिक का ये 37 फीसदी हिस्सा है।इस बीच ब्रिटेन में सरकार को सलाह देने वाले एक वैज्ञानिक ने कहा है कि देश में महामारी की तीसरी लहर के शुरुआती संकेत मिलने लगे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज के प्रोफेसर रवि गुप्ता ने कहा है कि संक्रमण के नए मामले फिलहाल कम हैं लेकिन भारतीय वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामलों में तेजी देखी जा रही है।

18 से 60 वर्ष के लोग ही हज पर जा सकेंगे

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) मुकद्दस हज पर जाने के लिए अभी आधिकारिक रूप से अनुमति नहीं मिली है, लेकिन हज कमेटी ने सऊदी अरब से जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराने का निर्देश दे दिया है। सऊदी अरब से जारी गाइडलाइन से हज यात्रा होने की उम्मीद भी जगी है, लेकिन अंतिम फैसला अभी होना बाकी है। सऊदी अरब रवाना होने से पहले कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेना जरूरी है। हज कमेटी ने बताया कि एक सप्ताह में पूरी डिटेल आने की उम्मीद है। हालांकि सऊदी मिनिस्ट्री ने हज 2021 को लेकर हेल्थ गाइडलाइंस जारी कर दी है। इसके मुताबिक कोविशिल्ड की दोनों डोज लेने वाले व्यक्ति ही हज पर इस वर्ष जा सकेंगे। इसके साथ ही 18 से 60 वर्ष के बीच के लोग ही हज पर जा सकेंगे। गाइडलाइन के मुताबिक पिछले छह महीने में जिस व्यक्ति को कोई बीमारी नहीं हुई होगी और अस्पताल में नहीं भर्ती हुए होंगे, तब ही हज पर सऊदी अरब जाने की इजाज़त मिलेगी। हज यात्री को एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी देना होगा। हज कमेटी ने कहा कि इस वर्ष हज यात्रियों की एप्लिकेशन प्रोवेन्शियल बेसिस पर लिए गए थे, क्योंकि सऊदी अरब से हज को लेकर कोई गाइडलाइन तब तक जारी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि हमने 18 से 65 वर्ष के लोगों की एप्लीकेशन ली थी लेकिन सऊदी हुकूमत की गाइडलाइन आने के बाद अब 60 वर्ष से ऊपर वाले लोगों की एप्लिकेशन कैंसिल की जाएगी। मुकद्दस हज यात्रा में इस बार प्रदेश से कुल 6367 यात्रियों ने हज के लिए आवेदन किए हैं। इसमें लखनऊ से करीब 350 लोगों ने आवेदन किए हैं। पिछले वर्षों की अगर बात की जाए तो हज यात्रा में तीस हजार से ज़्यादा संख्या में लोग हज पर जाते थे। कोरोना महामारी से पहले हर वर्ष प्रदेश से तकरीबन 32 हजार हज यात्री सऊदी अरब जाते थे।हज यात्रा के लिए सऊदी गाइडलाइन में दो वैक्सीन लगवाना जरूरी है, लेकिन गाइडलाइन में को वैक्सीन को मान्यता नहीं दी गई है। ऐसे में सिर्फ कोविड शील्ड की दो खुराक लेना जरूरी है। ऐसे में जिन आवेदकों ने को-वक्सीन लगवाई है, उनका जाना अब मुश्किल है।हज यात्रा के लिए हम लोग अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रहे हैं। हज यात्रा के लिए अभी हमें लिखित में कोई आदेश नहीं मिला है। हमें अभी सिर्फ गाइडलाइन की जानकारी मिली है, जिसे हमने वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

इस्राइल:जा सकती प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)इस्राइल में यामीना पार्टी के नफ्ताली बेनेट ने गठबंधन सरकार का हिस्सा बनने की घोषणा की है। ऐसे में इस देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सत्ता हाथ से जाने की संभावना बढ़ गई है। इस्राइल की वर्तमान सरकार खतरे में है क्योंकि विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। 12 सालों से प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने के बाद अब बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी खतरे में है। दरअसल, इस्राइल के राष्ट्रवादी कट्टरपंथी नेता व यामीना पार्टी के नफ्ताली बेनेट नफ्ताली बेनेट ने घोषणा की है कि वह एक संभावित गठबंधन सरकार का हिस्सा बनेंगे। अगर ऐसा हुआ तो इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की राजगद्दी छिन सकती है। दक्षिणपंथी नेता नेतन्याहू के विरोध में सांसद गठबंधन बना रहे हैं। इस कार्य की तय समय सीमा बुधवार (2 मई) को खत्म हो रही है। ऐसे में गठबंधन प्रक्रिया को लेकर सांसदों के बीच हो रही बातचीत में तेज आई है। 71 साल के नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, घूसखोरी और विश्वास के उल्लंघन जैसे आरोप लगाए गए हैं, जिस कारण इस्राइल की राजनीति में उथल-पुथल देखने को मिल रही है। हालांकि, नेतन्याहू हमेशा इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं।बता दें, इन आरोपों के बाद बीते दो साल में ही इस्राइल में चार चुनाव हुए जो कि अनिर्णायक रहे। वहीं, हाल ही में गाजा पट्टी में इस्लामिक चरमपंथी समूह हमास के साथ सैन्य संघर्ष के बाद इस्राइल में विपक्ष की गतिविधियों में तेजी आई है। इसी साल मार्च में हुए चुनावों में नेतन्याहू की ‘लिकुड पार्टी’ को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं, लेकिन वह सरकार बनाने में विफल रहे थे। विपक्षी नेता और पूर्व टीवी एंकर यैर लैपिड के पास विपक्षी पार्टियों का गठबंधन बनाने के लिए अब बुधवार शाम तक का समय है। गौरतलब है कि 57 साल के लैपिड एक विविधतापूर्ण गठबंधन की मांग कर रहे हैं, जिसे इस्राइली मीडिया ने ‘परिवर्तन’ के लिए एक गुट करार दिया है। मालूम हो कि इसमें कट्टरपंथी नेता बेनेट के साथ-साथ अरब-इजरायल के दूसरे सांसद भी शामिल होंगे। बताते चलें कि लैपिड की पार्टी को 17 सीटें मिली थीं और उन्हें सरकार गठन के लिए 4 हफ्ते का समय मिला था। 

ममता ने दिया केंद्र को झटका मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय हुए रिटायर,बनाया मुख्य सलाहकार


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली बुलाए जाने के बाद खड़े हुए विवाद के बीच सोमवार को वे रिटायर हो गए हैं। उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया है। बनर्जी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने राज्य के कोविड की लड़ाई के बीच अलापन को केंद्र में ट्रांसफर करने के केंद्र के आदेश का पालन नहीं करेंगी। उन्होंने बताया कि बंदोपाध्याय के रिटायर होने के बाद एचके द्विवेदी बंगाल के नए मुख्य सचिव होंगे। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ”उन्होंने कोई वजह नहीं दी थी। मैं हैरान हूं। मैंने फैसला किया है कि कोरोना के समय में हमें उनकी सेवाओं की जरूरत होगी। चाहे वह कोरोना हो या फिर यास, वे गरीबों, राज्य और देश के लिए अपनी सेवाओं को जारी रखेंगे।”बंदोपाध्याय को तीन महीने का कार्यकाल विस्तार मिला था, जिसे खारिज करते हुए उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला लिया। वहीं, केंद्र सरकार ने उन्हें प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली रिपोर्ट करने का आदेश दिया था। उन्हें सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली स्थिति केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के ऑफिस में रिपोर्ट करना था, लेकिन उन्होंने न जाने का फैसला लिया और सीएम के साथ मीटिंग्स करते रहे। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से अनुशासनात्मक फैसला लिए जाने की चर्चा थी, जिसके पहले ही उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला ले लिया। इससे पहले, ममता बनर्जी ने केंद्र के आदेश को असंवैधानिक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह आदेश वापस लेने का अनुरोध किया था। बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर रही है। बनर्जी ने प्रधानमंत्री को भेजे पांच पन्नों के पत्र में, मुख्य सचिव को तीन माह का सेवा विस्तार दिए जाने के बाद, उन्हें वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले पर पुन:विचार करने का अनुरोध किया है। बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र के फैसले से स्तब्ध हैं। उन्होंने आदेश को एकपक्षीय करार दिया जो राज्य सरकार से बिना कोई परामर्श किए जारी किया गया। पूरा विवाद पिछले हफ्ते शुरू हुआ था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास चक्रवात से हुए बंगाल में नुकसान का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरे के दौरान हुई एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल के मुख्य सचिव अलापन के देरी से पहुंचने के बाद विवाद शुरू हो गया था। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर बीजेपी नेताओं तक ने ममता बनर्जी पर हमला बोला था। बाद में केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव अलापन का ट्रांसफर दिल्ली कर दिया था।

 

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