यूपी:कोरोना नियंत्रण में सक्रिय मरीजों की संख्या घटी बाक़ी बचे ज़िलों मे अनलॉक जल्द ही ,लखनऊ मे 53 कोरोना संक्रमित,777 सक्रिय मरीज,मेरठ मे 861,गोरखपुर मे 623 सक्रिय मरीज बचे
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता)यूपी को कोरोना नियंत्रण में बड़ी सफलता मिली है। बीते 24 घंटे में एक हजार से भी कम पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। यूपी में कल सिर्फ 727 लोग ही कोरोना संक्रमित मिले हैं। प्रदेश में अब सिर्फ तीन जिलों मेरठ, लखनऊ व गोरखपुर में ही 600 से ज्यादा कोरोना के मामले सक्रिय हैं। बीते 24 घंटे में 727 नए मामले मिले हैं जबकि 2860 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं। पूरे प्रदेश में इस समय 15681 मामले सक्रिय हैं। राजधानी में कोरोना मरीज व मृतकों की संख्या में कमी शुरू हो गई है। 72 दिन बाद मृतकों की संख्या दो पर पहुंची है। सोमवार को दो मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा। गुजरे चार दिनों में मरीजों की मौत का आंकड़ा दहाई से कम है। इससे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने राहत की सांस ली है। राजधानी में तेजी से सक्रिय मरीजों की संख्या में कमी आ रही है आज लखनऊ मे सिर्फ 53 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए । 777 सक्रिय मरीज बचे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तीन से चार दिन में मरीजों की संख्या में और कमी आने की आशा जाहिर की मेरठ मे 861 कोरोना के सक्रिय मरीज बचे हैं जबकि गोरखपुर मे 623 सक्रिय मरीज बचे हैं। 600 से कम सक्रिय मरीज होने की दशा में इन शहरो में कोरोना कर्फ्यू खुल सकता है।प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 97.8 प्रतिशत है। वहीं, ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट 3.3 प्रतिशत है। प्रदेश के दो जिले ऐसे हैं जहां कोई भी कोरोना केस नहीं है। वहीं, प्रदेश के 47 जिलों में कोरोना के मामले इकाई के अंक में हैं। प्रदेश का एक भी जनपद ऐसा नहीं है जहां 100 से अधिक कोरोना के मामले आए हों। प्रदेश सरकार ने बीते रविवार को आदेश जारी किया था कि 600 से अधिक सक्रिय केस वाले जिलों में दिन का कर्फ्यू समाप्त कर दिया जाए। इससे 55 जिलों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू से राहत मिल गई। जो 20 जिले बचे थे, उसमें भी बारी-बारी से पांच दिनों में 16 जिलों में सक्रिय केस 600 से कम हो गए और दिन का कर्फ्यू हटा दिया गया।

व्यापारियों ने कोरोना कर्फ्यू का किया विरोध और थाली बजाकर खोल दी दुकानें

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) कारोबार की मर झेल रहे व्यापारियों का धैर्य अब जवाब दे रहे। लखनऊ के व्यापारियों ने सरकार से लेकर प्रशासन तक गुहार लगाई थी और कहा था के 7 जून से बाज़ार खोल देगे आज लखनऊ के राजाजीपुरम के व्यापारियों ने सोमवार को कोरोना कर्फ्यू का विरोध  करते हुए थाली बजा कर प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।मौके पर पहुंची पुलिस ने व्यापारियों को समझा कर दुकानों को बंद करा दिया। राजाजीपुरम व्यपार मंडल के अध्यक्ष ऋषभ गुप्ता के अनुसार, पिछले लगभग 55 दिन से व्यापारियों की दुकानें बंद है। जिसके कारण व्यापारी काफी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं।उनका कहना है कि सरकार कोरोना सक्रिय केस के आंकड़ों का सहारा लेकर बाजार को बंद रखे हुए है इसलिए उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए थाली पीट करके बाजार को खोलने की मांग की।इस विरोध प्रदर्शन के बीच में व्यापारियों ने कुछ दुकानों को खोल दिया। मगर इसी बीच मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी व्यापारियों को शांत कराया और जो दुकानें खुली थी उनको बंद करा दिया है।

अखिलेश ने लगाया आरोप:गोरखनाथ मंदिर के निकट 11 घरों को खाली कराने के लिए सत्ता बना रही दबाव


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार यार्ड में खड़े-खड़े जंग खाने से स्टार्ट होने की दशा में नहीं रह गयी है। उधर, प्रदेश भर में सत्ता संरक्षित अपराधियों के सामने सिस्टम पस्त हो गया है। हालत यह हो गई है कि गोरखनाथ मंदिर के निकट 11 घरों को खाली कराने के लिए सत्ता दबाव बना रही है। अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार की हालत देखकर दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने भी मान लिया है कि जब इस सरकार को जाना ही है तो ज्यादा माथापच्ची क्यों की जाए? प्रदेश कोरोना महामारी के समय भाजपा सरकार पूरी तरह असहाय मुद्रा में रही। इलाज और दवाओं के अभाव में मरीज तड़प-तड़प कर मरते रहे। आपदा में अवसर तलाशने वालों ने खुली लूट की। सत्ता संरक्षित अपराधियों की चांदी रही। ध्यान भटकाने के लिए नए-नए प्रोपेगंडा और हंथकडे ही भाजपा का शासन है। कहा कि मुख्यमंत्री चाहे जितने दावे करें बढ़ते संगठित अपराध और सत्ता संरक्षित अपराधियों के आगे पूरा सिस्टम पस्त है। खुद मुख्यमंत्री के गृह जनपद में बेखौफ अपराधी लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। गोरखनाथ मंदिर के निकट 11 घरों को खाली कराने के लिए सत्ता का दबाव काम कर रहा है। गोरखपुर के गली मोहल्लों में अवैध असलहों की भरमार है। जनपद के 11 जिलों में 4132 अवैध असलहे मिले। किसी बेचने वाले पर कार्रवाई नहीं हुई। जो मुख्यमंत्री अपना जनपद नहीं संभाल सकते है, वह प्रदेश क्या संभालेंगे?nउत्तर प्रदेश में नृशंस अपराधों से क्षत-विक्षत बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं विचलित कर देने वाली है। खीरी में दो सगी बहनों समेत तीन युवतियों से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। आजमगढ़ में किशोरी को अगवा कर गैंगरेप का शिकार बनाया गया। इज्जतनगर में दो दोस्तों के साथ घूमने निकली छात्रा से और रानीगंज में किशोरी से दुष्कर्म हुआ। अचलगंज में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ, जबकि फतेहपुर में अपहरण के बाद फिरौती न देने पर 4 दिन से लापता बच्चे की निर्मम हत्या हो गयी। भाजपा राज में कारोबारी भी निशाने पर हैं। मुरादाबाद में स्पेयर पार्ट्स के दुकानदार की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। राजधानी लखनऊ में भी कई कारोबारी दिन दहाडे़ मारे गए। पुलिस पिटाई से क्षुब्ध गाजियाबाद की संजय कालोनी के एक युवक ने आग लगा ली। चुनावी रंजिश में कई हत्याएं हुई हैं। पुलिस हिरासत में तमाम मौतें हुई जबकि फर्जी एनकाउंटर के कई मामलों की जांच हो रही है। मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को कई शिकायती पत्र दिए हैं। चार वर्ष से जहरीली शराब का धंधा भी चल रहा है जिसमें हजारों मौतें हो चुकी है। आश्चर्य यह है कि कई अवैध धंधों में भाजपा के कई नेता शामिल पाए गए हैं।

आर्थिक तंगी से परेशान दवा कारोबारी ने पत्नी और दो बच्चों के साथ फंदे से लटककर दी जान, सुसाइड नोट बरामद 


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) शाहजहांपुर में आर्थिक तंगी और कर्जे से परेशान दवा कारोबारी ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ फंदे से लटककर जान दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया है। सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या करने की बात लिखी है।मूलरूप से बरेली के फरीदपुर कस्बे के ऊंचा मोहल्ले के रहने वाले अखिलेश गुप्ता (42) पिछले सात-आठ साल से शाहजहांपुर के कच्चा कटरा मोहल्ले में रह रहे थे। उनका लक्ष्मी नारायण मेडिकल एजेंसी के नाम से थोक दवाओं का काम था। सोमवार को करीब साढ़े दस बजे उनके घर में दूधिया दूध देने आया था। पत्नी रेशू (40) ने दूध लिया और अंदर चली गई। दोपहर साढ़े बारह बजे मोहल्ले का रहने वाला अखिलेश का दोस्त सुशील कॉल न उठने पर घर आ गया। मुख्य दरवाजा खटखटाया तो वह खुला मिला। गेट के आगे रखे स्टूल को हटाकर सुशील अंदर घुस गए। कई आवाज देने पर कोई बाहर नहीं आया तो वह घर की दूसरी मंजिल पर पहुंचे। यहां का दृश्य देखकर सुशील के होश उड़ गए। लॉबी में अखिलेश और रेशू के शव छत पर पड़े जाल से बंधी रस्सी से लटक रहे थे। कमरे में दोनों बच्चे शिवांग (12) और अर्चिता (6) के शव फंदे से लटक रहे थे। बेटा शिवांग का शव कमरे के रोशनदान से लटका हुआ था, जबकि बेटी अभिजीता का शव चौखट से लटका हुआ था। सुशील ने डायल-112 में फोन कर सूचना दी। सूचना मिलने पर एसपी एस आनंद, एसपी ग्रामीण संजीव कुमार वाजपेयी समेत पुलिस बल मौके पर पहुंचा। फोरेंसिक टीम ने पहुंचकर साक्ष्य जुटाए।एसपी एस आनंद ने बताया कि तीन सुसाइड नोट मिले हैं। सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी और कर्जे से परेशान होकर आत्महत्या की बात लिखी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों को सूचना दे दी गई है। पिता डॉ. अशोक कुमार और मां फरीदपुर से आ रहे हैं। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

मुफ़्त वैक्सीन,ग़रीबों को दिवाली तक मुफ़्त अनाज:प्रधानमंत्री


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)कोरोना महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि अब केंद्र सरकार 18 साल से 44 साल तक की उम्र वाले लोगों के लिए भी 21 जून से मुफ्त वैक्सीन कराएगी।अपनी बात शुरू करते हुए उन्होंने कहा, “बीते सौ वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है. इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी।”उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है. सेकेंड वेव के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी।”भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई. इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया, सरकार के सभी तंत्र लगे।”आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे. विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था।आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं. कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता?”हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी. हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है. आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी है।

पाकिस्तान में ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 50


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सोमवार सुबह दो यात्री रेलगाड़ियों के बीच टक्कर होने से कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक यात्री घायल हो गए। हादसे के बाद अधिकारियों ने चुनौतीपूर्ण बचाव एवं राहत कार्य में मदद के लिए सेना और अर्द्धसैनिक बलों को बुलाया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पाकिस्तान रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि कराची से सरगोधा जा रही मिल्लत एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और सामने वाली पटरियों पर गिर गई जिससे रावलपिंडी से कराची आ रही सर सैयद एक्सप्रेस उससे टकरा गई। टक्कर के कारण मिल्लत एक्सप्रेस की बोगियां पलट गईं। यह हादसा सिंध के घोटकी जिले के ढरकी शहर के निकट हुआ। ट्रेन दुर्घटना के बाद घोटकी, ढरकी, ओबारो और मीरपुर माथेलो के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई। घायलों को यहीं के अस्पतालों में ले जाया गया। एआरवाई न्यूज ने घोटकी के उपायुक्त उस्मान अब्दुल्ला के हवाले से बताया कि हादसे में कम से कम 50 लोग मारे गए तथा 70 लोग घायल हो गए। मरने वालों में महिलाएं और रेलवे के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं।

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