योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब वीकेंड लॉकडाउन में भी खुलेंगे धार्मिक स्थल
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आज से नाइट कोरोना कर्फ्यू में दो घंटे की छूट है। प्रदेश में अब मॉल भी खुल गए हैं वहीं, रेस्त्रां में भी 50 फीसदी क्षमता के साथ बैठने की अनुमति है। हालांकि प्रदेश में वीकेंड कर्फ्यू जारी रहेगा। सोमवार को योगी सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब से शनिवार और रविवार को कोविड प्रोटोकॉल के साथ धार्मिक स्थल को खोलने का फैसला लिया गया है।प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी दी है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के सुस्त पड़ने के बाद प्रदेश सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन (शनिवार-रविवार) को धार्मिक स्थल खोलने का फैसला लिया हैं। अब शनिवार व रविवार को भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोग धार्मिक मान्यताओं की पूर्ति कर सकेंगे। सरकार ने सोमवार को इसका दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इस दौरान भी एक समय में धर्म स्थल के अंदर केवल पांच श्रद्धालु ही मौजूद रह सकेंगे।प्रदेश में कोरोना के लगातार घटते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने धार्मिक स्थलों को साप्ताहिक बंदी के दिन भी खुले रखने का फैसला लिया। कोरोना के कारण लंबे समय से धार्मिक स्थलों के बंद रहने के कारण लोग आराध्य के दर्शन और पूजन के लिए परेशान थे। इस दौरान सरकार ने पुलिस तथा जिला प्रशासन को कहीं भी अनावश्यक भीड़ नहीं जुटने देने का भी निर्देश दिया है। इसमें भी पुलिस को लोगों के साथ संवेदनशील व्यवहार करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस का सहयोगी रवैया अपनाते हुए सम्मानजनक तरीके से कानून का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।आपको बता दें कि आज से प्रदेश में बाजार, रेस्टोरेंट और शापिंग मॉल को रात 9 बजे तक के लिए खोला गया है। प्रदेश में अभी साप्ताहिक लागू रहेगी। साप्ताहिक बंदी के दौरान सभी बाजारों, रिहायशी इलाकों और दफ्तरों को सैनिटाइज करने का काम जारी रहेगा।

स्वामी प्रसाद मौर्य बोले केंद्रीय नेतृत्व फ़ैसला करेगा की अगला मुख्यमंत्री कौन होगा


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री को लेकर जो बहस मीडिया मे तेज़ी के साथ उठी थी उससे ज़्यादा तेज़ी से ख़तम भी हो गई थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ महीने बचे हैं, लेकिन इससे पहले बीजेपी (BJP) में टकराव की स्थिति बनी हुई है। पिछले कुछ समय से यूपी में पार्टी के नेतृत्व को बदले जाने की ख़बरों के बीच अब बीजेपी नेताओं के ऐसे बयान सामने आ रहे हैं, जो विरोधाभासी हैं। योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूपी में सीएम कौन होगा, इसका फैसला चुनाव जीतने के बाद किया जाएगा। और ये फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से हलचल मची है। इसकी चर्चा की जा रही है। योगी आदित्यनाथ ही चुनाव में चेहरा होंगे या नहीं, इस पर स्वामी प्रसाद ने ये बात बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से कही है। वहीं, दो दिन पहले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने दावा किया था कि पार्टी अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘स्वाभाविक दावेदारी’ को लेकर जारी अटकलों को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि अगले मुख्यमंत्री का ‘फ़ैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा।’उन्होंने दावा किया कि अगले चुनाव में भी पार्टी को बहुमत मिलेगा और कहा, “विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री का फ़ैसला करेगा। मौर्य के पहले उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा था कि आने वाले चुनाव किसके नेतृत्व में लड़े जाएंगे, इसका फ़ैसला पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान मौर्य पार्टी के उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष थे। उत्तर प्रदेश में पार्टी को बहुमत मिलने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया गया था लेकिन बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने और मौर्य उनकी सरकार में उप मुख्यमंत्री बने। भारतीय जनता पार्टी में बीते कुछ महीने से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को लेकर सवालिया निशान लगते रहे हैं. ख़ासकर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान सरकार के कामकाज लेकर उठे सवालों के बाद से ये सिलसिला जारी है. बीजेपी के केंद्रीय नेताओं और संघ पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के नेताओं से मुलाकातें कीं तो इन अटकलों को बल मिला। मीडिया में सूत्रों के हवाले से लगातार खबरें चलाई गईं। पार्टी के किसी नेता ने आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन मई के आखिरी हफ़्ते और जून के शुरुआती दिनों में उत्तर प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर क़यासों का दौर जारी रहा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 10 जून को दो दिन के दौरे पर दिल्ली आए. उन्होंने पहले दिन गृह मंत्री अमित शाह और दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात की और ये तैय हो गया योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं और रहेगे ।

क्यू एच रिज़वी ने की बहस हाई कोर्ट ने खारिज की बिकरु कांड की SIT रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) बिकरु कांड केस में यूपी सरकार को बड़ी राहत मिली है। अधिवक्ता सौरभ भदौरिया की ओर से SIT रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है। साथ ही हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता सौरभ भदौरिया पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की कोर्ट ने SIT रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को जनहित याचिका मानने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि SIT रिपोर्ट शासन में दाखिल हो गई है,तो याची का इसमें क्या स्वार्थ है? यह याचिका व्यक्तिगत हित में दायर की गई है।सोशल एक्टिविस्ट और एडवोकेट नूतन ठाकुर ने हाई कोर्ट में याची का पक्ष रखा. वहीं राज्य सरकार की तरफ से क्यू एच रिज़वी ने बहस की। राज्य सरकार की तरफ से हुई बहस के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने बिकरु कांड की SIT रिपोर्ट और गैंगस्टर जय बाजपेयी पर कानून के हिसाब से कार्रवाई के लिए जनहित याचिका दायर की थी।आपको बता दें कि 2 जुलाई 2020 की रात कानपुर के बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर गोलीबारी कर दी थी। इस हमले में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि कई अन्य पुलिवाले घायल हुए थे। बाद में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके करीब आधा दर्जन साथी पुलिस एंकाउंटर में मारे गए थे।जय वाजपेयी, विकास दुबे का खजांची था. वही गैंगस्टर की काली कमाई को इंवेस्ट करता था. जय वाजपेयी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है।

प्रियंका गांधी ने यूपी के 50 नेताओं को दी विधानसभा चुनाव लड़ने की हरी झंडी


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी बीच कांग्रेस की महासचिव व यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश के तकरीबन 50 नेताओं को फोन कर चुनाव लड़ने की इजाजत दी है। इसके साथ ही कांग्रेस ने अगस्त तक प्रदेश की 200 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट तैयार करने का टारगेट रखा है। जून के पहले हफ्ते में प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के करीब 50 नेताओं को फोन करके आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बोल दिया है। प्रियंका ने साफ कहा है कि चुनाव की तैयारी करें, आपका टिकट कंफर्म है। उन्होंने सभी नेताओं से कह दिया है कि पूरा फोकस अपने क्षेत्र पर रखें और लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें। प्रियंका ने नेताओं को यह भी कहा है कि हर किसी के सुख-दुख में शामिल हों और उन्हें मौजूदा सरकार की खराब नीतियों के बारे में बताएं।कांग्रेस यूपी प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने इस बात की पुष्टि भी की है कि उन्हें प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने के लिए बोला है। उन्होंने बताया कि पिछले चुनाव में तैयारियों का वक्त कम मिल पाया था, जिसके बावजूद मैं 70 हजार से ज्यादा वोट लेकर आया था और महज 1200 वोटों से चुनाव हारा था। इस बार सात महीने पहले हमें जिस तरह से प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने के लिए बोला है, उससे हमें ज्यादा से ज्यादा समय क्षेत्र में रहने और चुनाव तैयारी करने को मिलेगा।सूत्रों की मानें तो प्रियंका ने शामली से पंकज मालिक, पुरकाजी से दीपक कुमार, बेहट से नरेश सैनी, सहारनपुर से मसूद अख्तर, विलासपुर से संजय कपूर, चमरौआ से यूसुफ अली तुर्क, इलाहाबाद से अनुग्रह नारायण, पिंडरा से अजय राय, मड़िहान से ललितेश त्रिपाठी, जैदपुर से तनुज पुनिया, तमकुहीराज से अजय कुमार लल्लू, रामपुर खास से आराधना मिश्रा मोना, जौनपुर से नादीम जावेद, मथुरा से प्रदीप माथुर, कोल से विवेक बंसल, कानपुर कैंट से सुहेल अंसारी और फरेंदा से वीरेंद्र चौधरी सहित तमाम दिग्गज नेता से फोन पर बात की और चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कहा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here