शशि थरूर का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक किए जाने पर मची हलचल के बीच कांग्रेस नेता और आईटी पर संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक किए जाने की बात सामने आई है। शशि थरूर ने ट्विटर पर खुद इसकी जानकारी देते हुए वह वीडियो भी साझा किया है जिसको लेकर ट्विटर ने उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था। थरूर ने कहा है कि ट्विटर से इसका जवाब मांगा जाएगा। शुक्रवार को ट्विटर ने अमेरिकी कानून के उल्लंघन का आरोप लगाकर रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया था।
ट्विटर ने क़ानून मंत्री को दी क़ानून के लहजे में चेतावनी,केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट एक घंटे के लिए किया ब्लॉक,कहा मंत्री ने किया अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) पिछले दिनों बुज़ुर्ग की दाढ़ी काटने के मामले मे ट्विटर को क़ानून का पाठ पढ़ने वाले क़ानून मंत्री को आज ट्विटर ने क़ानून के लहजे में चेतावनी दी ट्विटर ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट आज सुबह एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। ट्विटर के इस कार्रवाई पर रविशंकर प्रसाद ने नाराजगी प्रकट की। वहीं ट्विटर ने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन किया है। हालांकि बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को फिर से खोल दिया। इस मामले पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर की कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 4 (8) के घोर उल्लंघन में से एक थी। उन्होंने कहा कि अकाउंट ब्लॉक करने से पहले ट्विटर ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया। बता दें कि सोशल मीडिया कंपनी की ये कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच नए आईटी नियमों को लेकर टकराव चल रहा है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि “ऐसा लगता है कि ट्विटर की मनमानी और एकतरफ़ा हरकतों को लेकर मैंने जो बयान दिए, ख़ास तौर पर मेरे इंटरव्यू के क्लिप्स को टीवी चैनलों के साथ शेयर करने और उसके ज़ोरदार असर से, उन्हें तकलीफ़ हुई है।”अब ये साफ हो गया है कि ट्विटर क्यों इंटरमीडयरी गाइडलाइंस का पालन करने से इनकार कर रहा है क्यों कि अगर ट्विटर इसका पालन करता है तो वो एकतरफा तरीके से किसी व्यक्ति को अपना एकाउंट एक्सेस करने से रोक नहीं पाएगा. ये बात उनके एजेंडे को सूट नहीं करती है।हालांकि कंपनी ने फिर अकाउंट को खोल दिया।ट्विटर का स्क्रीनशॉट रविशंकर प्रसाद ने पहले कू ऐप पर शेयर किया। इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर स्क्रीनशॉट्स शेयर किए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसी भी सोशल मीडिया कंपनी को नए आईटी कानून का पालन करना पड़ेगा। इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ट्विटर की कार्रवाई यह बताती है कि वो बोलने की आजादी के हित में नहीं है, उसे सिर्फ अपना एजेंडा चलाने में दिलचस्पी है। रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अमेरिका में ट्विटर अलग नियम मानता है, लेकिन भारत के लिए ये अलग है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आखिर कोई कंपनी अमेरिकी कानून को भारत में कैसे मानक बना सकती है।
सीबीआई और ईडी करे राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में गड़बड़ी की जांच:शिव सेना
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर न्यास द्वारा जमीन खरीद में कथित वित्तीय गड़बड़ी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को एक प्रस्ताव पास कर इन एजेंसियों द्वारा जमीन मामले की जांच की मांग करनी चाहिए।भाजपा की महाराष्ट्र इकाई द्वारा अपनी कार्यकारिणी की बैठक में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और शिवसेना की तरफ से मंत्री अनिल परब के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किए जाने पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा, ”सीबीआई और ईडी की जाँच राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में गड़बड़ी की भी होना चाहिए ।भाजपा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों (सीबीआई और ईडी) का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कर उनका महत्व कम किया है। राउत ने पूछा, ”केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग सही नहीं है। इसे रोकना चाहिए। जांच एजेंसियां अगर राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय कोष को नुकसान, मनी लॉन्ड्रिंग आदि के मामलों की जांच करें तो यह समझ में आता है। लेकिन आप इन एजेंसियों की छवि क्यों धूमिल कर रहे हैं?” उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार इस साल अपने दो साल पूरे करेगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार अगले 3 साल भी स्थिर रहेगी। उन्होंने कहा, ”सरकार को अस्थिर करने के यह हथकंडे काम नहीं आएंगे।
सरकार ने कृषि मंत्री को बना रखा पिंजरे का तोता,भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत का बयान
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) गाजीपुर बॉर्डर पर किसान की ताकत का एहसास कराने के लिए ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि देश का किसान कमजोर नहीं है। बीच के रास्ते हमेशा खुले हुए हैं, पर सरकार को अपनी जिद छोड़नी होगी। सरकार ने कृषि मंत्री को पिंजरे वाला तोता बना रखा है, यदि उन्हें अधिकार दिए जाएं तो फैसला हो जाएगा।उन्होंने कहा कि पिछले सात माह से गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में कृषि कानून के विरोध में धरना चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा कानून वापस न लेने पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर टोल प्लाजा पर धरना दे रखा है। वहीं गुरुवार को मुजफ्फरनगर व सहारनपुर के किसानों द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचकर सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए ट्रैक्टर रैली निकाली गई। रैली का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि रैली निकालने के पीछे कोई खास मकसद नहीं है। रैली तो निकलती ही रहेगी। उन्होंने कहा अभी मुजफ्फरनगर व सहारनपुर से ट्रैक्टर रैली निकाली गई है। अब शनिवार व रविवार को शामली, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद आदि जिलों से ट्रैक्टर रैलियां निकाली जाएंगी और गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। देश का किसान भी कमजोर नहीं है। हमेशा बातचीत के लिए बीच के रास्ते खुले हुए हैं। लेकिन सरकार को अपनी जिद छोड़कर किसानों से माफी मांगनी होगी। नरेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री अच्छे हैं, हम उन्हें गलत नहीं कहते। उन्हें पिंजरे का तोता बना रखा है, राजनाथ सिंह उन्हें अधिकार दें। यदि उन्हें अधिकार दें तो फैसला हो जाएगा। सरकार में भी सभी लोग अच्छे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित अमित शाह भी अच्छे हैं, पर उनकी सोच गलत है। उन्होंने किसान भटका दिए हैं, जिस कारण भाजपा की नाव डूबने की कगार पर है। सरकार को लगता है कि कृषि कानून से बड़ी कोरोना महामारी है तो सरकार कानून वापस लेकर किसानों को घर भेज दे। यदि सरकार उनकी नहीं सुनती तो धरना जारी रहेगा।