किसान आंदोलन के 7 महीनेः दिल्ली,यूपी,हरयाणा मे किसानों ने राज्यपालों को सौंपा ज्ञापन

किसान आंदोलन: किसानों के दिल्ली कूच करने से लगा लंबा जाम। जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ किसान आंदोलन बीते सात महीनों से जारी है।आंदोलन को शुरू हुए इतने दिन भले ही बीत गए हों लेकिन अपनी मांगों को लेकर किसानों का जज्बा बिल्कुल कम नहीं हुआ है। वे अब भी तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।संयुक्त किसान मोर्चा ने शाम को एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि “प्रदर्शनकारियों को कई स्थानों पर पुलिस दमन का सामना करना पड़ा, जो आज के अघोषित आपातकाल को दर्शाता है।उनके मुताबिक, “विभिन्न राज्यों में सत्ताधारी बीजेपी और अन्य सरकारों ने कर्नाटक, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, तेलंगाना आदि में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को उठाकर हिरासत में लिया और उन्हें राजभवन तक मार्च करने या राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन राज्यपाल को सौंपने की अनुमति नहीं दी।चंडीगढ़ में, प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस के वाटर कैनन का सामना करना पड़ा. उत्तराखंड के देहरादून, कर्नाटक के बेंगलुरू, तेलंगाना के हैदराबाद, दिल्ली, मध्य प्रदेश के भोपाल में पुलिस ने विरोध कर रहे किसानों को उनके विधानसभा स्थलों से उठाया और राजभवनों में जाने की अनुमति नहीं दी. कर्नाटक में भी कई जगहों पर भी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से किसानों की नॉर्थ ईस्ट डीसीपी दफ्तर में वर्चुअल मीटिंग कराई गई। राज्यपाल महोदय के सचिव ने डीसीपी दफ्तर आकर ज्ञापन लिया। संयुक्त किसान मोेर्चे के आह्नान पर शनिवार को लखनऊ में किसानों ने सभा कर किसान बिल का विरोध किया। भारतीय किसान यूनियन की ओर से ओसीआर परिसर में सभा कर विरोध जताया गया और किसान नेताओं ने बिल को किसान विरोधी बताया। राजभवन तक जाने के एलान के चलते पुलिस बेरीकेडिंग कर रखी थी। लखनऊ मे किसान राज्यपाल से मिलने निकले लेकिन उन्हें बापू भवन से पहले ही बैरिकेडिंग लगा कर रोक दिया गया।हालांकि बाद में किसानों को राजभवन जाने की अनुमति मिल गई,केवल कुछ ही किसानों को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने की इजाज़त मिली।फ़िर क़रीब आधे दर्जन किसानों ने राज्यपाल से मुलाक़ात की.

राज्यपाल से मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा।पंजाब एवं हरियाणा राजभवन में जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिए दोनों राज्यों के किसान राजभवन की तरफ कूच करने पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। अफसर खुद उनसे ज्ञापन लेने मौके पर पहुंचे।इधर दिल्ली की सीमा से शनिवार को अचानक भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को गिरफ्तार किए जाने की ख़बरें आने लगीं. हालांकि फौरन दिल्ली पुलिस और ख़ुद राकेश टिकैत ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उनकी गिरफ़्तारी की ख़बर ग़लत है। उन्होंने यह भी बताया कि वे गाज़ीपुर बॉर्डर पर हैं और वहां स्थिति सामान्य है।भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे जिन पदाधिकारियों को पकड़ा है, उन्हें या तो तिहाड़ जेल भेजो या फिर राज्यपाल से इनकी मुलाकात कराओ। हम आगे बताएंगे कि दिल्ली का क्या इलाज करना है। दिल्ली बगैर ट्रैक्टर के नहीं मानती है। लड़ाई कहां होगी, स्थान और समय क्या होगा, यह तय कर बड़ी क्रांति होगी। यूपी गेट पर किसान आंदोलन के दौरान मीडिया से बातचीत में राकेश टिकैत ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा झूठ बोलती है। वह कहती कुछ है और करती कुछ और है। 26 जून को देहरादून और दिल्ली समेत विभिन्न जगहों पर राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाना था, मगर दिल्ली में किसानों को सांसदों से मिलवाने की बात कहकर अलग-अलग जगह पर छोड़ दिया गया। यह लोकतंत्र की हत्या है। इसी तरह देहरादून में किसानों को गिरफ्तार किया गया है।राकेश टिकैत ने सरकार को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि यदि गिरफ्तार किसानों की रिहाई नहीं हुई और गवर्नर से नहीं मिलवाया तो पूरे देश में किसान आंदोलन को तेज करेंगे। यूपी गेट से भी किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।

WHO की अपील, कोरोना का डेल्टा वेरिएंट फैल रहा है, वैक्सीन लेने वाले भी न छोड़ें मास्क पहनना
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) दुनिया भर में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के फैलने की वजह से अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपील की है कि जिन लोगों ने टीके की दोनों खुराकें ले ली, वे भी मास्क पहनना न छोड़ें। डब्लूएचओ ने कहा कि खतरनाक और अधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, मास्क पहनना और अन्य सुरक्षा उपाय को नहीं छोड़ना चाहिए।डब्लूएचओ की अधिकारी मरियांगेला सिमाओ ने कहा कि लोगों को सिर्फ इसलिए सुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्होंने दोनों खुराके ले ली हैं। उन्हें अभी भी वायरस से खुदको बचाने की जरूरत है।सीएनबीसी के मुताबिक डब्लूएचओ हेडक्वॉर्टर में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान सिमाओ ने कहा, ‘अकेले वैक्सीन कम्युनिटी ट्रांसमिशन को नहीं रोक सकती। लोगों को लगातार मास्क पहनना होगा, हवादार जगहों में रहना होगा, भीड़ से बचना होगा और हाथों को साफ रखना होगा। यह सब तब भी बहुत जरूरी है जब आप टीके की दोनों खुराकें ले चुके हों।’डब्लूएचओ ने यह भी कहा है कि टीका पाए लोगों को सुरक्षा का ध्यान रखना होगा क्योंकि डेल्टा जैसे बेहद संक्रामक वेरिएंट्स भी कई देशों में फैल रहे हैं और दुनिया के एक बड़े हिस्से में टीका लगना अभी बाकी है। डेल्टा वेरिएंट सबसे पहले भारत में मिला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यह अब करीब 85 देशों में फैल चुका है।

कोरोना महामारी शोध मे नया खुलासा:मनुष्य के डीएनए में मिले 20 हजार साल पुराने अवशेष
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) कोरोना महामारी को लेकर हुए एक शोध में दावा किया गया है कि यह कोई नया रोग नहीं है। 20 हजार साल पहले यह पूर्वी एशिया में कहर बरपा चुका है। इसके अवशेष चीन, जापान व विएतनाम के लोगों के डीएनए में पाए गए हैं। समूचे विश्व में तबाही मचा रहा कोरोना वायरस 20,000 साल से भी ज्यादा समय पहले पूर्वी एशिया में अपना प्रकोप बरपा चुका है। इसके अवशेष चीन, जापान और विएतनाम के लोगों के डीएनए में मिले हैं।’करंट बायोलॉजी’ में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इन क्षेत्रों में आधुनिक आबादी के 42 जीन में वायरस के कोरोना वायरस परिवार के आनुवंशिक अनुकूलन के प्रमाण मिले हैं। कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के कारण फैली कोविड-19 वैश्विक महामारी ने दुनिया भर मे अब तक 38 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है और अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान किया है। कोरोना वायरस परिवार में संबंधित मार्स और सार्स वायरस भी शामिल हैं, जिनके कारण पिछले 20 साल में कई घातक संक्रमण हुए हैं।ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के यासिने सौइल्मी और रे टॉबलर ने अपने शोध के आधार पर कहा कि हमारे परिणाम दिखाते हैं कि ऐतिहासिक वायरल प्रकोपों के आनुवंशिक अवशेषों का पता लगाने से हमें भविष्य के प्रकोपों का इलाज करने में कैसे मदद मिल सकती है। सौइल्मी व रे टॉबलर का कहना है कि वैश्विक महामारियां संभवत: मानव इतिहास जितनी ही पुरानी हैं। हमने पहले भी वैश्विक महामारियों का सामना किया है। केवल 20वीं शताब्दी में, इन्फ्लूएंजा वायरस के तीन प्रकारों- 1918-20 का ‘स्पैनिश फ्लू’, 1957-58 का ‘एशियन फ्लू’, और 1968-69 का ‘हांगकांग फ्लू’ में से हरेक ने व्यापक तबाही मचाते हुए लाखों लोगों की जान ली थी। वायरस और अन्य रोगाणुओं के कारण होने वाले संक्रमण का इतिहास हजारों साल पुराना है। इन वायरस के अनुकूल शरीर के ढलने के बाद कई आनुवांशिक निशान शेष रह जाते हैं।आनुवंशिकीविदों ने पिछले कुछ दशकों में शरीर के अनुकूलन संबंधी घटनाओं के आनुवंशिक निशानों का पता लगाने के लिए प्रभावशाली सांख्यिकीय उपकरण तैयार किए हैं। ये आनुवांशिक अवशेष आज लोगों के जीनोम में मौजूद हैं।

राष्ट्रपति का दौरा:जाम में फंसकर बीमार महिला की मौत


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) यूपी के कानपुर में एक बीमार महिला की जाम में फंसने से मौत हो गई। महिला को इलाज के लिए अस्प्ताल ले जाया जा रहा था। इसी बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कानपुर में दौरा भी लगा था। जिसके चलते गोविंदपुरी पुल पर ट्रैफिक को रोक दिया गया। पुल पर जाम लग जाने से महिला को अस्पताल ले जाने में देरी हो गई। बीमार महिला की रास्ते में ही तबीयत और बिगड़ गई। महिला के पति जब उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक उसकी मौत हो गई थी। घटना को लेकर कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने माफी मांगी है। साथ ही मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आईआईए महिला विंग की अध्यक्ष वंदना मिश्रा की मौत पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रथम महिला सविता कोविंद ने शोक जताया है। राष्ट्रपति का शोक संदेश लेकर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण और डीएम आलोक तिवारी उनके घर पहुंचे। दोनों अफसरों ने पीड़ित परिवार से इस दुख की घड़ी में धैर्य रखने की अपील की है।कानपुर के किदवईनगर के ब्लॉक निवासी शरद मिश्रा की पत्नी वंदना मिश्रा इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन कानपुर चैप्टर की महिला विंग की अध्यक्ष थीं। शरद मिश्रा ने बताया कि वंदना को डेढ़ माह पहले कोरोना हुआ था। उस समय इलाज के बाद वह ठीक हो गई थीं, लेकिन शुक्रवार शाम को फिर से उनकी तबियत बिगड़ी तो उन्हें सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन गोविंदपुरी पुल से फजलगंज के बीच उनकी गाड़ी जाम में फंस गई। करीब एक घंटे बाद उनकी गाड़ी जाम के बीच से निकल सकी। जब वह रीजेंसी लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी जब पुलिस कमिश्नर,डीएम आलोक तिवारी, डीसीपी साउथ उनके घर पहुंची और शोक संवेदनाएं व्यक्त की। पुलिस कमिश्नर ने मृतका के पति से जाम कहां और कितनी देर लगा। इन सबके बारे में भी जानकारी ली। पुलिस कमिश्नर ने परिजनों से मुलाकात करने के बाद ट्विटर पर पोस्ट कर कहा कि आईआईए की अध्यक्ष बहन वंदना मिश्रा के निधन के लिए कानपुर नगर पुलिस और व्यक्तिगत रूप से मैं क्षमा प्रार्थी हूं। भविष्य के लिए यह बड़ा सबक है। हम प्रण करते हैं कि हमारी रूट व्यवस्था ऐसी होगी कि न्यूनतम समय के लिए नागरिकों को रोका जाए। ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।

यूपी मे गैंगस्टर ऐक्ट के तहत 5,558 एफआईआर
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर ऐक्ट के तहत 5558 एफआईआर दर्ज किए गए और अवैध तरीके से इकट्ठा की गई 1128 करोड़ रुपये की प्रोपर्टी जब्त की गई. ये सरकारी आंकड़ें जनवरी, 2020 से अप्रैल, 2021 तक के हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ जब्त की गई प्रोपर्टी उत्तर प्रदेश में सक्रिय माफिया और उनके गैंग के सदस्यों की है। यूपी पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा, “गैंगस्टर ऐक्ट के तहत 22,259 कथित अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है. इनमें मुख्तार अंसारी, अतीक़ अहमद और सुंदर भाटी की गैंग के सदस्य भी शामिल हैं।”उन्होंने बताया, “गैंगस्टर ऐक्ट के सेक्शन 14(1) में ये प्रावधान है कि अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्ति जब्त की जा सकती है. गैंगस्टर, माफिया और अपराधियों पर प्रभावी रोकथाम के लिए ये प्रोपर्टी जब्त की गई।”पुलिस के बयान के मुताबिक़, “जनवरी, 2020 से अप्रैल, 2020 तक राज्य में 25 माफिया की पहचान की गई है. इस अवधि में गैंगस्टर ऐक्ट के तहत 5558 एफआईआर दर्ज किए गए, 22259 अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई. 1128 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की गई।”पुलिस के मुताबिक़ आपराधिक पृष्ठभूमि के राजनेता मुख्तार अंसारी की गैंग पर 102 एफआईआर दर्ज किए गए हैं और 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद हैं।

 

 

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