यूपी चुनाव 2022:400 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर साइकिल यात्रा पर निकले अखिलेश यादव, कार्यकर्ताओं में जोश, उमड़ा जनसैलाब

साइकिल यात्रा पर निकले अखिलेश यादव।

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) उत्तर प्रदेश में चुनावी शोर बढ़ने लगा है। प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जनेश्वर मिश्रा की जयंती पर साइकिल रैली के माध्यम से उमड़े जनसैलाब से अपनी ताकत का एहसास कराया। समाजवादी आंदोलन के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र की जयंती पर साइकिल यात्रा पर निकलने से पहले पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा कार्यालय पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 2022 के चुनाव में सपा 400 सीटें जीतेगी। जनता भाजपा से नाराज है। भाजपा सरकार ने जनता को धोखा दिया है।उन्होंने कहा कि भाजपा में अपराधियों की भरमार है। वो ‘मैनीफेस्टो’ नहीं ‘मनीफेस्टो’ बनाते हैं। उनके लिए राजनीति एक व्यापार है।

भाजपा की सरकार ने कोरोना के दौरान लोगों की मदद नहीं की और बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं।इसके बाद अखिलेश यादव सपा कार्यालय से साइकिल यात्रा के लिए निकल पड़े। उनके साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं का हुजूम मौजूद है।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में समय और संसाधनों का दुरुपयोग करके लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई है। राजनीति की गरिमा को क्षति पहुंचाने के साथ झूठ और पाखंड के सहारे वैचारिक प्रदूषण फैलाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा के कामों को अपना बताकर भाजपा ने जनता को बरगलाने का प्रयास किया है।उन्होंने कहा कि साइकिल यात्रा के जरिए अन्याय के खिलाफ  संघर्ष का ऐलान किया जा रहा है। प्रमुख रूप से आजम खां को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल में रखने, अपराध और भ्रष्टाचार, महंगाई, महिला उत्पीड़न, कृषि कानूनों, आरक्षण पर प्रहार आदि का विरोध किया जाएगा।उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपना एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया। यह भी कहा कि भाजपा चुनाव में मेनिफेस्टो नहीं मनी फेस्टो बनाती है। भाजपा ने पूरे साढ़े चार साल बर्बाद किए हैं। मुख्यमंत्री को लैपटॉप चलाना नहीं आता है, इसलिए उन्होंने लैपटॉप नहीं बांटा है। उन्हें डीएनए के बारे में कोई जानकारी नहीं है, उन्हें तो डीएनए का फुल फॉर्म भी नहीं पता होगा।अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार काम में नहीं झूठ में नंबर वन है। एक-एक कर इसे गिनाया। कुपोषण यूपी में नंबर वन, महिला असुरक्षा में नंबर वन, नौजवानों पर लाठी चलवाने में नंबर वन है। कोरोना से 1600 शिक्षक मरे लेकिन भाजपा झूठ बोलने में नंबर वन है। नौजवान पीढ़ी का भविष्य बर्बाद करने में नबंर वन, पंचायत चुनाव में लोगों की बलि देने में नंबर वन भाजपा रही है।उन्होंने कहा कि जनेश्वर मिश्र समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। आज उनके जन्मदिन पर सपा महंगाई, बेरोजगारी और कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर उतर रही है। कोरोनाकाल में सरकार के कुप्रबंधन के कारण तमाम परिवारों ने अपनों को खो दिया। सरकार लोगों को दवा, ऑक्सीजन और बेड नहीं दे पाई। भाजपा ने किसानों से झूठे वादे किए कि उनकी आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन आज तक नहीं हुई। लंबे समय से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सड़कों पर समाजवादी पार्टी के नेता और बड़ी भीड़ एक साथ नजर नहीं आ रही थी। गुरुवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र की जयंती पर पूरे प्रदेश में साइकिल रैली का आयोजन किया। शुरुआत लखनऊ से की तो प्रदेश की राजधानी पर साइकिल का सैलाब उमड़ पड़ा। बहुत लंबे अरसे बाद समाजवादी पार्टी की इतनी बड़ी भीड़ और साइकिल रैली देखकर राजनीतिक गलियारों में कयास बाजी भी शुरू हो गई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि यह जो भीड़ गुरुवार को प्रदेश की राजधानी की सड़कों पर दिखी यह उत्तर प्रदेश में आने वाली सपा सरकार की आहट ही है। उन्होंने कहा सिर्फ लखनऊ की राजधानी ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर जनपद, तहसील, शहर, गांव और मोहल्लों में इतनी भीड़ के साथ साइकिल रैली का आगाज होता रहेगा।वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी जनेश्वर मिश्र की जयंती पर ब्राह्मणों को अपने पाले में करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर ‘प्रणाम’ किया। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश की राजनीति ब्राह्मणों के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है जनेश्वर मिश्रा की जयंती पर अखिलेश यादव का मकसद साइकिल रैली के साथ ब्राह्मणों को साधना भी था। भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण सम्मेलन का आगाज किया, तो अखिलेश यादव ने भी अपनी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं को एकजुट कर प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन करने की तैयारी की। इसी दौरान जनेश्वर मिश्रा की जयंती पर बीते कुछ समय से बड़े आयोजन की तैयारियां चल रही थीं। ताकि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को एक साथ एक मंच पर लाकर ब्राह्मणों को अपने पाले में जोड़ने का संदेश दिया जाए। क्योंकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी इस वक्त उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को अपने पाले में खींचने के लिए लगी हुई हैं इसीलिए जनेश्वर मिश्र की जयंती राजनीतिक मामलों के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।

 

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