ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने तेहरान पहुँचे भारत के विदेश मंत्री
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार को तेहरान पहुँचे। जयशंकर के दौरे को दोनों देशों के रिश्तों में आई कड़वाहट को कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले कुछ सालों में कई वजहों से दोनों देशों के बीच दूरियाँ बढ़ती गई थीं। भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरान से तेल का आयात बंद कर दिया था और चाबहार पोर्ट में काम को लेकर भी दोनों देशों के बीच पर्याप्त मतभेद थे। इसके अलावा कश्मीर पर भी ईरान के बयान से भारत नाराज़ रहा है। जयशंकर के हाल के दौरे को देखते हुए कहा जा रहा है कि भारत ईरान,अमेरिका, सऊदी अरब और इसराइल के बीच रिश्तों में संतुलन रखना चाहता है।यह दबाव अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रहा। भारत को अमेरिकी दबाव में ईरान से तेल का आयात रोकना पड़ा जबकि ईरान भारत को तेल भारतीय मुद्रा रुपया से ही देने को तैयार था।

मोहर्रम के सिलसिले मे मुख्य मंत्री से की प्रमुख शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने की बात चीत

 

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) प्रमुख शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने आज म मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ से फ़ोन पर बात चीत की और मोहर्रम पर सहयोग माँगा मुख्य मंत्री ने मौलाना को आश्वासन दिया की मोहर्रम सकुशल मनाया जाएगा उसके बाद मौलाना ने यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल से फ़ोन पर बात चीत के बाद आज मोहर्रम के सिलसिले मे होने पीस कमेटियों की मीटिंग मे शामिल ना होने का एलान वापस ले लिया है। मौलाना ने जायज़ा के संवाददाता को फ़ोन पर बताया की यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल उनसे मुलकात करना चाहते थे। लेकिन मौलाना शहर के बाहर है इस लिए उनके नुमाइंदो ने डीजीपी से मुलाक़ात कर के मौलाना की फ़ोन पर बात कराई मौलाना ने बताया की डीजीपी ने खेद व्यक्त किया है। और आइंदा इस तर्हां की गलती ना दोहराए जाने की बात कही है। उधर आज डाक्टर कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा है की मोहर्रम के सिलसिले में शिया समुदाय के जज़्बात को जो ठेस पहुंची थी उससे सभी वाक़िफ़ हैं अफ़सोस की बात है कि अभी तक न लिखित न ही मौखिक किसी भी तरह से कोई खेद व्यक्त नहीं किया गया है,अभी मेरी मौलाना सैफ अब्बास नक़वी साहब से और उनकी मौलाना यासूब अब्बास साहब से बात हुई है, इस मसअले पर हम तीनों की राय यही है कि जब तक खेद व्यक्त नहीं किया जाता उस वक़्त तक बात करने का कोई औचित्य नहीं बनता और आगे भी हम लोगों को इसी तरह हल्के में लिया जाता रहेगा इस लिये हम लोग फिलहाल बातचीत का बायकाट जारी रखेंगे , हाँ अगर खेद व्यक्त कर दिया गया और नई आने वाली गाइडलाइन में शियों के जज़्बात का ख्याल रखा गया तो आगे रास्ते खुले हैं ।

आजम खां के घर पर 1.63 करोड़ की नोटिस चस्पा

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) सांसद आजम खां को जौहर विश्वविद्यालय का गेट बनाकर अतिक्रमण करने का जुर्माना और उसे तोड़ने का खर्च भी देना होगा। आजम को एक करोड़ 63 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना और क्षतिपूर्ति के लिए नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के अनुसार रुपये 14 अगस्त तक जमा करना है। रामपुर एसडीएम कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस आजम के घर पर चिपका दी गई है। 19 अगस्त तक राशि जमा करके जवाब देने का समय दिया गया है।1 करोड़ 63 लाख 80 हजार का नोटिस जौहर यूनिवर्सिटी का गेट बनाकर अतिक्रमण करने और तोड़ने पर उसकी क्षतिपूर्ति के रूप में लेने के साथ ही 4 लाख 55 हजार रूपए प्रति महीना भी जमा करना होगा। प्रति महीना यह जुर्माना तब तक भरना होगा जब तक भूमि कब्जा मुक्त नहीं हो जाती है। जौहर यूनिवर्सिटी के गेट पर अतिक्रमण का समय मई 2016 से जून 2019 तक बताया गया है।एसडीएम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस आजम खां के घर के दरवाजे पर लगा दी गई। नोटिस को चस्पा करने के दौरान राजस्व विभाग के दो कर्मचारियों के साथ पुलिस भी मौजूद रही। इससे पहले एसडीएम कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने का आदेश भी दिया था।जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। किसान जमीनें कब्जाने का आरोप लगाते रहे हैं। साल 2019 में 26 किसानों ने मुकदमे भी दर्ज कराए थे। रामपुर जिला प्रशासन ने आजम खां के खिलाफ भू-माफिया का केस भी दर्ज किया है। आजम पर चकरोड की जमीनों पर भी कब्जा करने का आरोप है। उसे भी प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की दीवारें तुड़वाकर खुलवा दिया था।रामपुर एडीजे कोर्ट ने बीते साल फरवरी में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, सरकारी व ​दूसरे लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जे के दर्जनों मामलों में आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को जेल भेज दिया था। तजीन को इस साल की शुरुआत में जमानत मिल गई थी, लेकिन आजम और अब्दुल्ला सीतापुर जेल में बंद थे, यहीं दोनों कोरोना की चपेट में आए। आजम की तबीयत खराब होने की वजह से वह डॉक्टरों की देखरेख में हैं।

लेबनान ने दागे इसराइल पर कई रॉकेट
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता) मध्य-पूर्व में एक बार फिर से तनाव बढ़ता दिख रहा है। समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार दक्षिणी लेबनान से इसराइल की ओर कई रॉकेट दागे गए हैं। एएफ़पी के अनुसार इस रॉकेट हमले की ज़िम्मेदारी ईरान समर्थित संगठन हिज़्बुल्लाह ने ली है।इसराइल की सेना का कहना है कि उसने लेबनान से हुए रॉकेट हमले के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई शुरू की थी. इससे पहले चार अगस्त को भी लेबनान से इसराइल में रॉकेट दागे गए थे।समाचार एजेंसी एपी के अनुसार लेबनान के चरमपंथी संगठन हिज़्बुल्लाह ने कहा है कि उसने इसराइल से लगी लेबनान की सीमा पर रॉकेट दागे हैं। हिज़्बुल्लाह के बयान के अनुसार इसराइल के नियंत्रण वाले विवादित इलाक़े शेबा फार्म्स के खुले मैदान में दर्जनों रॉकेट छोड़े गए हैं। अभी तक किसी भी तरह के नुक़सान की कोई ख़बर नहीं है। इसराइल के रक्षा मंत्रालय ने लेबनान से दागे गए रॉकेट का वीडियो ट्वीट किया है. इस वीडियो के साथ मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ”लेबनान से इसराइल की ओर कम से कम 10 रॉकेट दागे गए हैं. इनमें से ज़्यादातर को बीच में ही मार गिराया गया।” इसराइली रक्षा मंत्रालय ने अगले ट्वीट में लिखा है, ”लेबनान की ओर से इसराइल पर दागे गए 10 रॉकेट के जवाब में लेबनान के ठिकानों पर हमने जवाबी कार्रवाई शुरू की है. हम इसराइल के लोगों पर हमले का जवाब दिए ज़रूर देंगे।

 

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